नई दिल्ली: अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रही हैं तो आपके लिए अपने वजन पर नजर बनाए रखना बहुत जरूरी है. महिलाओं के गर्भधारण को प्रभावित करने वाले कई कारणों में वजन भी एक अहम वजह है. स्वास्थ्य, उम्र, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और वजन के सही तालमेल से ही गर्भधारण सफल होता है. इंदिरा आईवीएफ हास्पिटल की आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. आरिफा आदिल ने कहा, "गर्भधारण के समय वजन का काफी अहम होता है. वजन की बात करते ही लोगों के दिमाग में सिर्फ मोटापे का ख्याल आता है. मोटापा तो कई समस्याओं कारण है लेकिन यह जरूरी नहीं हैं कि सिर्फ अधिक वजन से ही गर्भधारण प्रभावित हो, बल्कि कम वजन से भी गर्भधारण में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं." यह भी पढ़ेंपरीणिती चोपड़ा ने प्रेग्नेंसी की अफवाह उड़ाने वालों को दिया करारा जवाब, सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्टशरीर बन गया है हड्डियों का ढांचा, मांस की जगह नजर आती हैं हड्डियां तो दूध में भिगोकर खा लें ये चीज तेजी से बढ़ने लगेगा वजन51 साल की उम्र में मां बनीं ये पॉपुलर एक्ट्रेस, पोस्ट शेयर किया ऐलानभारत में हर तीसरी औरत को होता है यहां दर्द, क्या है वजहIVF: गर्भधारण के लिए बेस्ट होते हैं साल के ये कुछ खास महीने...उन्होंने कहा, "कम वजन की महिलाओं में प्रीटर्म बर्थ का खतरा भी होता है. प्रीटर्म न भी हो, तो भी बच्चे का वजन सामान्य से कम होता है जिससे बच्चे को भी कई परेशानियां हो सकती है. एनिमिया या कुछ अन्य प्रकार की समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए अगर महिलाएं गर्भधारण करने की इच्छुक हैं तो प्रयास करें कि वजन सामान्य रखें." डिलीवरी के बाद रक्तस्राव से जान गवां देती हैं हजारों महिलाएं, पर अब और नहीं!उन्होंने कहा कि गर्भधारण के समय उम्र के अनुसार आदर्श वजन को इस फार्मूले से निकाला जा सकता है. अगर आपकी लंबाई 155 सेमी है तो आपका वजन 55 किलो होना चाहिए. इस प्रकार वजन को संतुलित रख कर समस्याओं से बचा जा सकता है....और »सांस से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकती है घर में आई सीलन...स्किन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है सनस्क्रीन...मर्दों से ज्यादा औरतों को अपना शिकार बनाती है यह बीमारी, रखें ध्यान...क्या आप भी लेते हैं 'एंटीबायोटिक्स', तो ये खबर पढ़ना आपके लिए जरूरी है... डॉ. आरिफा आदिल ने कहा कि मोटापा कई तरीके से गर्भधारण को प्रभावित कर सकता है.ओव्यूलेशन : मोटापे से ओव्यूलेशन प्रभावित होता है. वजन बढ़ने से हार्मोन प्रभावित होते हैं, इससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और गर्भधारण की संभावना कम हो जाती हैंपॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम : यह वह अवस्था है जब महिलाओं में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है. इसके कारण ओव्यूलेशन का घटना अनियमित मासिक और टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन में वृद्धि होती है. पीड़ित महिला को कुछ किलो वजन घटा कर गर्भधारण का प्रयास करना चाहिए. इससे बिना कोई दवा खाये ही समस्या को दूर किया जा सकता है.गर्भपात का खतरा : वजन बढ़ने के कारण गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है. अत्यधिक वजन के कारण कई बार आईवीएफ ट्रीटमेंट में भी परेशानी आती है.प्लानिंग के बाद भी नहीं हो रहीं गर्भवती, तो इन 5 बातों का रखें ध्यान...फर्टिलिटी होती है प्रभावित : कम वजन का अर्थ है शरीर में फैट के प्रतिशत का कम होना. ओव्यूलेशन और पीरियड्स के समय पर होने के लिए बॉडी फैट 22 प्रतिशत अवश्य होना चाहिए. यदि बॉडी फैट लो होने के बावजूद पीरियड्स समय पर हो रहे हों तो भी गर्भधारण नहीं होने की आशंका होती है क्योंकि ऐसी स्थिति में ओव्यूलेशन प्रभावित होता है.Listen to the latest songs, only on JioSaavn.comडॉ. आरिफा आदिल ने कुछ ध्यान रखने योग्य बातों का जिक्र करते हुए कि 22 से 34 वर्ष की उम्र में गर्भावस्था को प्राथमिकता दें. इस अवधि में गर्भधारण की क्षमता बेहतर मानी जाती है. 18 से 25 वर्ष तक अपने बीएमआई को मेंटेन रखे. बीएमआई के कम या बहुत ज्यादा होने पर मां बनने में खतरा हो सकता है. नियमित व्यायाम करें और हेल्दी फूड लें. इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है. वजन अधिक हो तो फैट और चीनी युक्त भोजन कम से कम करें. जितना हो सके फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और सलाद खाएं. pregnancypregnanciesweight and pregnancyweight gainweight looseटिप्पणियांअन्य खबरेंपरवीन बॉबी का दीवाना हो गया था ऑस्ट्रेलिया का इंजीनियर, मिलने के लिए आया मुंबई और बन गया हिंदी फिल्मों का विलेनकम बालों की वजह से सिर दिखता है खाली, छुपानी पड़ती है गंजी खोपड़ी, तो सिर्फ एलोवेरा को इस तरह लगाएं, घने होंगे बालसफेद बालों को 2 महीनों तक काला रखेगी घर पर बनी यह हेयर डाई, बनाना है आसान और असर दिखता है तुरंतअमेठी, रायबरेली से राहुल और प्रियंका होंगे लोकसभा चुनाव उम्मीदवार? सचिन पायलट ने दिया जवाब"मैदान में कांग्रेस के लिए जितने रन मैं बनाता हूं, कोई नहीं बनाता" : NDTV युवा कॉन्क्लेव में सचिन पायलट