इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting), वजन कम करने के लिए खूब पसंद की जाने वाली डाइट (Weight Loss Diet) है. जब आप कम कैलोरी खाते हैं, तो वजन तेजी से कम करते हैं. वजन कम करने के लिए की जाने वाली डाइट में से एक इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके कैलोरी इनटेक को कंट्रोल करने में मदद करती है. असल में इंटरमिटेंट फास्टिंग टाइम मैनेजमेंट और डाइट का सही संतुलन है. यह एक बहुत ही लोकप्रिय डाइट है जो खाने के समय और उपवास रखने के समय के बीच बैलेंस बनाकर की जाती है. वजन कम करने के लिए डाइट प्लान्स में इंटरमिटेंट फास्टिंग को खूब इस्तेमाल किया जाता है. जहां कुछ वेट लॉस डाइट्स सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं, वहीं इंटरमिटेंट फास्टिंग आपकी सेहत के लिए फायदेमंद (Health Benefits) भी है.
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इंटरमिटेंट फास्टिंग का नाम सुनकर हो सकता है कि आपको लगे कि यह भी किसी दूसरी डाइट की ही तरह आपकी पसंदीदा चीजों से आपको दूर रखने का काम कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है. इंटरमिटेंट फास्टिंग की खास बात ही यह है कि यह डाइट 'क्या खाना है' कि बजाए 'कब खाना है' पर जोर देती है. चलिए आज जानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और बाकि वेट लॉस डाइट्स में क्या फर्क है और कैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग है ज्यादा फायदेमंद...
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इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको किसी भी दूसरी डाइट जैसा लग सकता है. कुछ लोगों को यह बेअसर भी लग सकता है. लेकिन हाल ही में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि नियमित रूप से कम समय तक खाने और पीने के अभ्यास से हृदय रोगी के जीवन पर असर पड़ता है. इस शोध के प्रमुख अन्वेषक बेंजामिन हॉर्न ने कहा, "यह इस बात का एक और उदाहरण है कि हम नियमित उपवास से बेहतर स्वास्थ्य परिणाम और लंबा जीवन पा सकते हैं."
जब भी आप भूखे रहते हैं, फास्टिंग या उपवास पर होते हैं, तो यह सीधे तौर पर आपके हीमोग्लोबिन के स्तर को प्रभावित करता है. फास्टिंग से लाल रक्त कोशिका, मानव विकास हार्मोन और सोडियम और बाइकार्बोनेट के स्तर पर प्रभाव पड़ता है. वहीं दूसरी ओर केटोसिस और ऑटोफैगी सक्रिय होते हैं. ये सभी कारक दिल की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं.
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क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग | What Is Intermittent Fasting
सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर इंटरमिटेंट फास्टिंग है क्या. अगर आसान शब्दों में कहें तो यह फास्ट या उपवास है यानी एक निश्चित समय तक भूखे रहना. वजन कम करने के लिए की जाने वाली इस फास्टिंग में एक तय अवधि तक कुछ नहीं खाना होता है. इसके बाद आप अपने मनचाहे डाइट चार्ट को फॉलो करते हैं.
कैसे करते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग | Ways to Do Intermittent Fasting
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करके वजन कम करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको समय सारणी यानी टाइम टेबल को फॉलो करना होगा. इस फास्टिंग के दौरान दिन के 16 से 20 घंटे कुछ नहीं खाना होता. इसके बाद 4 से 8 घंटे का समय खाने के लिए होता है. माना जाता है कि इस समय में आप जो जी चाहे खा सकते हैं. पर सही तो यही रहता है कि आप सेहतमंद चीजें ही आहार में शामिल करें.
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वजन कम करने के अलावा क्या होते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे | Health Benefits Of Fasting Other Than Weight Loss
1. टाइप -2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है
टाइप -2 डायबिटीज मधुमेह का सबसे आम प्रकार है, जो एक बड़ी आबादी को प्रभावित कर रहा है. इंटरमिटेंट फास्टिंग से इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार देखा जा सकता है, जो टाइप -2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है.
2. सूजन से लड़ने में आपकी मदद करता है
कई अध्ययनों से पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग स्वाभाविक रूप से सूजन से लड़ने में मदद कर सकता है. सूजन कई हेल्थ कंडिशन्स का लक्षण या भाग हो सकती है. इतना ही नहीं इंटरमिटेंट फास्टिंग तनाव को कम करने में मदद करता है.
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3. दिल की सेहत के लिए अच्छा है
हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई कि इस तरह की फास्टिंग से दिल के रोगों के जोखिम कम किए जा सकते हैं. तो कुल मिलाकर इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको स्वस्थ दिल को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.
4. अल्जाइमर के खतरे को कम करता है
अध्ययनों से पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है. यह अल्जाइमर के खतरे को भी कम करता है.
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किसे नहीं करनी चाहिए (Who should avoid fasting?)
फास्टिंग का विकल्प हर किसी के लिए नहीं हो सकता. गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करा रही महिलाओं को फास्टिंग यानी उपवास की सलाह नहीं दी जाती. इसके साथ ही बुजुर्गों और बच्चों को भी फास्ट नहीं करना चाहिए. इस तरह की डाइट को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
नोट: बिना डॉक्टरी सलाह के अपनी आहार में या आहार लेने के समय में किसी भी तरह का बदलाव न करें. डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें. (इनपुट-आईएएनएस)
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