Weight Loss Diet: लोग इन दिनों अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत ज्यादा जागरूक हो गए हैं. वहीं आज के समय पर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इतनी सारी जानकारी उपलब्ध होने के कारण हर कोई नई चीजों को आजमाने के लिए भी तैयार है. वजन कम करने के लिए क्या खाएं, कैसे खाएं से लेकर इन दिनों इंटरमिटेंट फास्टिंग भी लोगों के बीच काफी ज्यादा पसंद की जा रही है. इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने का एक पैटर्न हैं जिसे वजन कम करने के लिए किया जाता है. यह मूल रूप से खाने का एक ऐसा पैटर्न है जिसमें फास्ट (उपवास) की तरह दिन के एक समय (दिन में कुछ घंटों के लिए खाने से दूर रहना) और दिन के कुछ समय खाना खाया जाता है. आमतौर पर लोग इसे वजन कम करने के लिए करते हैं. लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग हर किसी के लिए नहीं होती है. दरअसल यदि कोई पीसीओएस, डायबिटीज और अन्य कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आपको इससे बचना चाहिए. मतलब कि हर किसी को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. डॉ. विशाखा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर के इस बारे में की जानकारी दी है.
कैप्शन में उन्होंने लिखा, "आइए इसे समझते हैं इन दिनों चाहे जो भी 'प्रचलन' हो, या आप इसको लेकर जो भी शानदार रिजल्ट सुनते/देखते हैं, उसके बावजूद आपको पहले इस तरह की फास्टिंग या डाइटिंग करते समय अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए! अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग सही तरीके से करते हैं तो इसमें कोई शक नहीं है कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है." लेकिन वह आगे कहती हैं, "लेकिन हर कोई इसे नहीं कर सकता है. वास्तव में, मैं हर दिन ऐसे कई मामले देखती हूं जहां इंटरमिटेंट फास्टिंग से रोगियों में हार्मोनल व्यवधान होता है, जिससे उस से फायदा मिलने से ज्यादा उससे नुकसान हो सकता है."
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वीडियो में, वह बताती हैं कि कोई विशेष ट्रेंड या सनक (इंटरमिटेंट फास्टिंग एक सनक नहीं है) सभी के लिए काम कर सकती है. लेकिन इसके साथ हमेशा कुछ अपवाद भी होते हैं, यही दवा के साथ भी है क्योंकि दो मानव के शरीर एक तरह के नहीं होते हैं, हर किसी को एक जैसी दवा ही सूट करे ऐसा जरूरी नहीं. इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग किसी के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए.
इन लोगों को बिना किसी की सलाह लिए नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग
1) डायबिटीज या पीसीओएस जैसी हार्मोनल स्थितियों वाले लोग.
2) अगर आपके थायरॉइड में उतार-चढ़ाव है.
3) जो महिलाएं पेरी-मेनोपॉज़ल की स्थिति मे है.
4) प्रेगनेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी इससे बचना चाहिए. हालाँकि, अगर आप इसे कर रही हैं तो डॉक्टर से मार्गदर्शन अवश्य लें.
5) यदि कोई बुलिमिक या एनोरेक्सिक जैसी समस्या से जूझ रहा है तो ये फास्टिंग उनके लिए नहीं है.
वह आगे कहती हैं, "मैं एक कदम आगे जाती हूं और अपने मरीजों को बताती हूं कि स्वस्थ व्यक्तियों को भी सप्ताह के सातों दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए."
"मैं इसे 5 दिनों तक सीमित रखतने की सलाह देती हूं. यह आपके मेटाबॉलिज्म को फ्लेक्सिबल बनाता है.
आखिर में डॉ. विशाखा कहती हैं कि, "यदि आप स्वास्थ्य लाभ के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहते हैं- तो आप एक विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें और अपने लिए उपयुक्त योजना तैयार करें."
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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