Year ender 2025 : हर साल की तरह 2025 की शुरुआत में भी हम सब ने एक ही कसम खाई थी – वजन कम करना है. नए-नए ऐप्स आए, फैंसी डाइट बताई गईं, और सोशल मीडिया पर एक से बढ़कर एक 'चैलेंज' की बाढ़ आ गई. लेकिन अब जब साल खत्म होने को है, तो सवाल यह है कि इस रेस में कौन सा 'फिटनेस मंत्रा' दौड़ा और कौन सा बस अपनी जगह पर ही बैठ गया. चलो, आज बिल्कुल साफ-साफ बात करते हैं कि 2025 में लोगों ने किस तरीके को अपनाया और किस तरीके ने उनका साथ बीच रास्ते में ही छोड़ दिया.
साल 2025 में वो ही चीजें ट्रेंड हुईं जो थोड़ी आसान थीं और जिन्हें करने में 'मजा' आया. लोगों ने अब 'सजा' वाले डाइट प्लान को बाय-बाय बोल दिया था.
ट्रेंड 1
गट फ्रेंडली डाइटसाल 2025 का सबसे बड़ा हिट था 'बायो-कस्टम' या 'गट-फ्रेंडली डाइट'. अब लोग सिर्फ कैलोरी नहीं गिन रहे थे, बल्कि यह देख रहे थे कि उनके पेट के अंदर रहने वाले 'गुड बैक्टीरिया' को क्या पसंद है.
क्यों हुआ ट्रेंडक्योंकि यह डाइट किसी को भूखा नहीं रखती थी. डॉक्टर, न्यूट्रिशनिस्ट और यहां तक कि AI-बेस्ड ऐप्स भी यही बता रहे थे कि पहले अपना पेट और हाजमा ठीक करो, वजन अपने आप कम हो जाएगा. लोगों ने दही, छाछ, फर्मेंटेड फ़ूड और घर के बने खाने पर ध्यान दिया.
ट्रेंड 2
माइंडफुल ईटिंगये बड़ा मजेदार ट्रेंड था. इसमें पूरे दिन भूखे रहने की जगह, लोगों ने दिन में 5 से 6 बार छोटे-छोटे और बैलेंस वाले मील (खाने) खाना शुरू किया.
क्यों चलाइस फिलॉसफी ने लोगों का स्ट्रेस कम कर दिया. ब्रेकफास्ट स्किप या लेट नाइट क्रेविंग की समस्या खत्म हो गई, क्योंकि हर दो-तीन घंटे में कुछ न कुछ पौष्टिक खाने को मिल जाता था.
ट्रेंड 3
ब्रेन-बूस्टर वर्कआउट -Neuro-Fitness2025 में लोग हाई-इंटेंसिटी की जगह 'ब्रेन-बूस्टर' वर्कआउट को तवज्जो देने लगे. ये ऐसी एक्सरसाइज़ थीं जो दिमाग को शांत रखती थीं और शरीर को लचीला बनाती थीं. योग, पिलेट्स, और धीमी रफ़्तार वाली रेसिस्टेंस ट्रेनिंग (Resistance Training) खूब चली.
क्यों किया ट्रेंडक्योंकि इस वर्कआउट से स्ट्रेस कम हुआ. लोगों को समझ आ गया कि कोर्टिसोल (तनाव वाला हॉर्मोन) अगर ज्यादा रहेगा, तो वजन कम होना मुश्किल है.
अब आते हैं फेल वेट लॉस ट्रेंड्स पर
फेल वेट लॉस ट्रेंड्स
कुछ ट्रेंड्स ऐसे थे जिन्होंने तेजी से शुरुआत की, लेकिन साल के बीच तक ही लोगों ने उन्हें छोड़ दिया. ये आमतौर पर वो तरीके थे जो बहुत ज्यादा सख्त थे या फिर बहुत महंगे थे.
24-घंटे डिजिटल और फास्टिंग चैलेंज
ये एक ऐसा चैलेंज था जिसमें 24 घंटे के लिए न सिर्फ खाना-पीना बंद करना था, बल्कि मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से भी दूर रहना था.
क्यों फेल हुआखाना तो फिर भी एक दिन मैनेज हो जाता, लेकिन आज के समय में 24 घंटे मोबाइल से दूर रहना किसी 'सजा' से कम नहीं था. लोगों का काम रुका, सोशल लाइफ रुकी, और उन्होंने इसे 'वजन कम करने का बेवकूफी भरा तरीका' कहकर छोड़ दिया.
फैंसी AI स्मार्ट पिल्सकुछ कंपनियों ने 2025 में ऐसी AI-इनेबल्ड पिल्स (गोलियां) बेचीं जो यह ट्रैक करती थीं कि आप क्या खा रहे हैं और कब खा रहे हैं.जोकि महंगी थी.
क्यों फेल हुआलोगों ने बहुत पैसा खर्च किया, लेकिन उन्हें जल्द ही समझ आ गया कि गोली लेने से मेहनत नहीं होती. जब तक आप खुद चलकर पसीना नहीं बहाएंगे और अपना मन नहीं मारेंगे, तब तक कोई भी AI या गोली वजन कम नहीं करा सकती.
साल 2025 ने हमें एक बड़ी बात सिखाई कि फिटनेस कोई 'शॉर्ट-कट' या 'एक महीने का चैलेंज' नहीं है. ट्रेंड वही चला जो हमारी लाइफस्टाइल में फिट हो गया. इस पूरे साल की कहानी यही है – संतुलन (Balance), आराम और सही खान-पान ही असली फिटनेस मंत्रा है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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