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लड़कियों की ये 4 आदतें उन्हें बना सकती हैं PCOS का शिकार, अभी से संभल जाएं वरना लगाने पड़ेंगे डॉक्टरों के चक्कर

PCOS Kya Hota Hai:  पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होने का सबसे मुख्य कारण हार्मोन का असंतुलित होना है. जो महिला कम नींद लेती और दिनभर सिर्फ आराम करती रहती हैं, उन्हें भी पीसीओएस होने का खतरा अधिक रहता है.

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PCOS Kya Hota Hai: फिजिकल एक्टिविटी न होने से पीसीओडी हो सकता है.

PCOS Kya Hota Hai: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं जितनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं, उतनी ही तेजी से उनकी सेहत भी चुनौतियों से जूझ रही है. घर की जिम्मेदारियां और करियर के दबाव ने महिलाओं के शरीर पर गहरा असर डाला है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हार्मोन पर पड़ता है. शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ने की समस्या पहले सिर्फ उम्र या विशेष परिस्थितियों तक सीमित थी, लेकिन अब किशोरियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक, हर उम्र की महिलाएं इसकी चपेट में हैं.  हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से कई महिलाएं तो पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का शिकार भी हो जाती हैं.

आयुष मंत्रालय और आधुनिक मेडिकल विज्ञान दोनों मानते हैं कि महिलाओं के शरीर में हार्मोन बहुत ही नाजुक संतुलन बनाए रखते हैं. यही हार्मोन तय करते हैं कि शरीर कब पीरियड्स के लिए तैयार होगा, कब गर्भधारण हो सकेगा, बालों की ग्रोथ कैसी होगी, त्वचा कैसे दिखेगी, और मानसिक स्थिति कैसी रहेगी. जब यही हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, तो न सिर्फ शरीर बीमार होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होने का सबसे मुख्य कारण हार्मोन का असंतुलित होना है. जो महिला कम नींद लेती और दिनभर सिर्फ आराम करती रहती हैं, उन्हें भी पीसीओएस होने का खतरा अधिक रहता है.

हार्मोन असंतुलन में नींद की कमी सबसे बड़ी वजह है. जब शरीर को रोजाना 7-8 घंटे की नींद नहीं मिलती, तो वह खुद को रिपेयर करने में असमर्थ हो जाता है. इसका सीधा असर कोर्टिसोल नाम के तनाव हार्मोन पर पड़ता है, जो फिर बाकी हार्मोन को भी असंतुलित कर देता है. इसके साथ ही, लगातार बना रहने वाला मानसिक तनाव यानी चिंता, काम का प्रेशर, और रिश्तों में खींचतान, ये सब मिलकर थायराइड, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे अहम हार्मोनों को बिगाड़ देते हैं.

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आयुर्वेद में भी बताया गया है कि मन की स्थिरता शरीर के संतुलन से जुड़ी होती है. जब मन अशांत होता है, तो हार्मोन संतुलन भी बिगड़ने लगता है.  खानपान की आदतें भी इस असंतुलन को बढ़ाती हैं. बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड स्नैक्स, बिस्किट्स, केक, फ्रोज़न फूड और शुगर से भरपूर पेय सब शरीर के मेटाबॉलिज्म को धीमा करते हैं और शरीर में इंफ्लामेशन बढ़ाते हैं. इसका असर हार्मोनल सिस्टम पर पड़ता है, खासकर इंसुलिन और एस्ट्रोजन लेवल, जो पीसीओडी जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं. साथ ही दिनभर चाय-कॉफी का सेवन और मीठी चीजें खाने की आदत शरीर के ब्लड शुगर को अस्थिर करती है, जिससे इंसुलिन का स्तर बिगड़ता है. विज्ञान मानता है कि बार-बार ब्लड शुगर का बिगड़ना हार्मोनल असंतुलन का बड़ा कारण है.

फिजिकल एक्टिविटी न होना

फिजिकल एक्टिविटी का न होना भी हार्मोन असंतुलन की वजह है और इस कारण से पीसीओडी भी हो सकता है. जब महिलाएं दिनभर कुर्सी पर बैठी रहती हैं या एक्सरसाइज को नजरअंदाज करती हैं, तो उनका मेटाबॉलिज्म सुस्त पड़ने लगता है. इसके उलट, कुछ महिलाएं वजन कम करने के लिए जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करती हैं, जिससे शरीर पर स्ट्रेस पड़ता है और हार्मोन असंतुलन बढ़ जाता है. यही नहीं, जो महिलाएं देर रात भोजन करती हैं या जिनके खाने का समय नियमित नहीं होता, उनकी बॉडी क्लॉक यानी जैविक घड़ी गड़बड़ा जाती है. इससे पाचन और हार्मोन दोनों प्रभावित होते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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