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This Article is From Sep 08, 2022

पार्किसंस रोग का सूंधकर पता लगा सकती थी महिला, अब वैज्ञानिक कर रहे उनकी क्षमता का उपयोग : रिपोर्ट

Parkinson's Disease Symptoms: मिल्ने ने अपनी पति के शरीर की गंध के तरीके में बदलाव का पता लगाया, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि उनके पति के साथ कुछ गड़बड़ है.

पार्किसंस रोग का सूंधकर पता लगा सकती थी महिला, अब वैज्ञानिक कर रहे उनकी क्षमता का उपयोग : रिपोर्ट
पार्किंसंस रोग एक प्रगतिशील विकार है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है.

Parkinson's Disease: स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्कॉटलैंड की एक महिला, वैज्ञानिकों को पार्किसंस रोग का पता लगाने वाले एक टेस्ट को विकसित करने में मदद कर रही हैं. जॉय मिल्ने ने "पार्किंसंस को सूंघने" की अपनी क्षमता के कारण वैज्ञानिकों को प्रेरित किया, आउटलेट ने कहा. पर्थ की 72 वर्षीय सेवानिवृत्त नर्स को अपनी क्षमता के बारे में तब पता चला जब उन्होंने निदान से 12 साल पहले अपने पति में इस बीमारी का पता लगाया था. स्काई न्यूज की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सुश्री मिल्ने ने उनके गंध करने के तरीके में बदलाव का पता लगाया, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि उनके पति के साथ कुछ गड़बड़ है.

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सुश्री मिल्ने ने "मांसपेशी" गंध को अपने पति की सामान्य गंध से अलग बताया.

अब, मैनचेस्टर में वैज्ञानिकों द्वारा उनकी क्षमता का उपयोग एक नई विधि बनाने के लिए किया जा रहा है जो वे कहते हैं कि तीन मिनट में पार्किंसंस का पता लगा सकता है.

स्काई न्यूज के अनुसार, स्किन-स्वैब टेस्ट एक साधारण कॉटन बड का उपयोग करता है जिसे एक व्यक्ति गर्दन के पिछले हिस्से में चला सकता है और गंध से पहचान सकता है कि किसी व्यक्ति की न्यूरोलॉजिकल स्थिति है या नहीं.

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बीबीसी ने शोधकर्ताओं के हवाले से कहा कि लेबोरेटरी कंडिशन में परीक्षण 95 प्रतिशत सटीक है. यह सीबम के विश्लेषण पर आधारित है - त्वचा पर तैलीय पदार्थ - जिसे मरीजों की पीठ पर एक कोटन का उपयोग करके एकत्र किया जाता है, एक ऐसा क्षेत्र जो कम बार धोया जाता है.

बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 79 लोगों के सैम्पल की तुलना 71 लोगों के हेल्दी कंट्रोल ग्रुप के साथ करने के लिए मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग किया.

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उन्होंने लोगों में कुल 4,000 सैम्पल में से 500 अलग-अलग यौगिक पाए. अध्ययन अमेरिकन केमिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है.

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