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शलभासन योग बनाएगा शरीर को मजबूत और मन को शांत, आयुष मंत्रालय ने बताया तरीका और फायदे

Shalabhasana Yoga Benefits: आयुष मंत्रालय के मुताबिक, शलभासन खासतौर पर पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है. अगर किसी को कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है तो यह आसन उसे आराम पहुंचा सकता है. इसके अलावा शलभासन से जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

शलभासन योग बनाएगा शरीर को मजबूत और मन को शांत, आयुष मंत्रालय ने बताया तरीका और फायदे
Shalabhasana Yoga Benefits:

Shalabhasana Yoga Benefits: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाते. ऐसे में शरीर में कई तरह की तकलीफ होने लगती हैं. कमर दर्द, वजन बढ़ना, फेफड़ों की कमजोरी जैसी समस्याएं आम हो गई . इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए योग बहुत कारगर साबित हो सकता है. योग हमारे शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने का एक आसान और प्राकृतिक तरीका है. योग के कई आसन होते हैं जो अलग-अलग तरह के फायदे पहुंचाते हैं. उनमें से एक बहुत ही खास और फायदेमंद आसन है 'शलभासन'.

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शलभासन क्यों करना चाहिए?

शलभासन का नाम संस्कृत भाषा के शब्द 'शलभ' से लिया गया है, जिसका मतलब होता है टिड्डा. इस आसन में शरीर की मुद्रा टिड्डे की तरह दिखती है इसलिए इसे शलभासन कहा जाता है. आयुष मंत्रालय ने सोमवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ तस्वीरों के जरिए अभ्यास का सही तरीका समझाया. साथ ही कैप्शन के जरिए बताया है कि शलभासन हमारे शरीर के कई अंगों को मजबूत और हेल्दी बनाता है. साथ ही यह मानसिक थकान और तनाव को कम करने में भी मदद करता है.

शलभासन के फायदे

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, शलभासन खासतौर पर पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है. अगर किसी को कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है तो यह आसन उसे आराम पहुंचा सकता है. इसके अलावा शलभासन से जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. साथ ही यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे सांस लेने की ताकत बढ़ती है. फेफड़े मजबूत होने से हमारा शरीर बेहतर ऑक्सीजन ले पाता है, जिससे पूरे दिन एनर्जी बनी रहती है.

शलभासन करने का तरीका

इस आसन को करने का तरीका भी बहुत आसान है. सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं. इसके बाद दोनों हाथों को जांघों के नीचे दबा लें और पैरों को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठना शुरू कर दें. इस दौरान पेट जमीन पर सटा रहना चाहिए. सांस अंदर लेकर पैरों और सिर को ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रुके रहें और फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं.

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शलभासन को नियमित रूप से करने से शरीर में एनर्जी का संचार होता है और कई बीमारियों से बचाव होता है. आयुष मंत्रालय ने अपनी पोस्ट में चेतावनी भी दी है कि अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर, हर्निया या गंभीर कमर दर्द की समस्या है तो उन्हें यह आसन सावधानी से करना चाहिए या डॉक्टर से सलाह लेकर ही करना चाहिए. गर्भवती महिलाएं भी शलभासन करने से बचें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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