
Potato Side Effects: आलू भारतीय घरों में सबसे ज़्यादा खाए जाने वाले फूड आइटम्स में से एक है और. ये एक ऐसी सब्जी है जिसे कई तरीकों से साथ हर चीज के साथ बनाकर खाया जा सकता है ये भी एक वजह है कि इसने लगभग हर रसोई में अपनी जगह बना ली है, जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं. चाहे उबालकर, मसलकर, तला हुआ या भुना हुआ, आलू को कई तरह से तैयार किया जा सकता है, जिससे कई मेन डिशेज भी बनती हैं. आलू गोभी और समोसे जैसे क्लासिक डिश से लेकर, इससो सिंपल सी सब्जी भी बनाकर तैयार की जाती है. यह किफायती होता है और इसे बनाने में भी आसानी होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना आलू खाने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है?
हर रोज आलू खाने से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ( Potato Side Effects)
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वजन बढ़ना
आलू में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे वो वजन बढ़ाने की वजह बन सकते हैं. जब तेल और मक्खन जैसे एक्सट्रा फैट के साथ इसे तैयार किया जाता है, तो इसमें कैलोरी की मात्रा काफी बढ़ जाती है. हालांकि इसके पोर्शन को कंट्रोल में कर के इसे वजन बढ़ाने से रोका जा सकता है.
हाई लेवल ब्लड शुगर
आलू में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे ब्लड शुगर के लेवल में तेज़ी से वृद्धि होती है. यह उन्हें डायबिटीज और इंसुलिन प्रतिरोध वाले व्यक्तियों के लिए चिंता का विषय बनाता है. आलू का ज्यादा सेवन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है.
पाचन संबंधी समस्याएं
कच्चे आलू में स्टार्च होता है जो पाचन संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है. यह स्टार्च छोटी आंत में पूरी तरह से टूट नहीं पाता है और इसके बजाय बड़ी आंत में चला जाता है जहाँ यह बैक्टीरिया द्वारा किण्वित होता है. इससे असुविधा, सूजन और गैस हो सकती है.
पोषक तत्वों का असंतुलन
आलू को नियमित रूप में खाने से पोषक तत्वों का असंतुलन हो सकता है. आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन इसमें प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है. इन्हें रोजाना खाने से शरीर में जरूरी विटामिन और मिनरल की कमी हो सकती है.
एक्रिलामाइड का जोखिम
आलू को तेज़ आंच पर पकाने से एक्रिलामाइड बन सकता है, जो कैंसर पैदा करने वाले संभावित गुणों वाला पदार्थ है. ऐसा तब होता है जब आलू में मौजूद स्टार्च गर्मी के संपर्क में आते हैं, जिससे रासायनिक प्रतिक्रिया होती है. एक्रिलामाइड के सेवन को कम करने के लिए, कम तापमान पर उबालना, भाप में पकाना या भूनना जैसी खाना पकाने की विधियों की सलाह दी जाती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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