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हाथों की रिकवरी में मदद करेगा 'प्लूटो', आईआईटी मद्रास और सीएमसी वेल्लोर ने डेवल्प किया स्वदेशी पोर्टेबल रोबोट

Portable Robot: ये पेटेंट तकनीक हाथों के मूवमेंट को सरल बनाती हैं. स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी की चोट, मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंसंस और हाथ की सर्जरी के बाद की समस्याओं से जूझ रहे रोगियों की मदद करती हैं.

हाथों की रिकवरी में मदद करेगा 'प्लूटो', आईआईटी मद्रास और सीएमसी वेल्लोर ने डेवल्प किया स्वदेशी पोर्टेबल रोबोट
Portable Robot: प्लूटो भारतीय घरों में परीक्षण किया गया पहला और एकमात्र स्वदेशी रोबोट है.

अक्सर आपने रोबोट द्वारा सर्जरी के बारे में सुना होगा. लेकिन हाल ही में आईआईटी मद्रास और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के शोधकर्ताओं ने हाथ की रिकवरी के लिए प्लग-एंड-ट्रेन तकनीक पर आधारित एक सस्ता और पोर्टेबल रोबोट डेवल्प किया है. जो आपके बड़े काम आ सकता है. 'प्लूटो' (प्लग एंड ट्रेन रोबोट) को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर ऑफिस-टीटीओ आईसीएसआर के माध्यम से लाइसेंस दिया गया था और थ्राइव रिहैब सॉल्यूशंस द्वारा कमर्शियलाइज किया गया था. दावा है कि यह नया उपकरण क्लिनिकल और घरेलू सेटिंग्स में किफायती दरों में लोगों की समस्याओं का समाधान करेगा.

प्लूटो भारतीय घरों में परीक्षण किया गया पहला और एकमात्र स्वदेशी रोबोट है जो इलाज को सुविधाजनक बनाता है. प्लूटो ने पिछले चार वर्षों में भारत के 11 अलग-अलग क्लीनिकों में 1,000 से अधिक रोगियों को लाभ पहुंचाया है. ये पेटेंट तकनीक हाथों के मूवमेंट को सरल बनाती हैं. स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी की चोट, मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंसंस और हाथ की सर्जरी के बाद की समस्याओं से जूझ रहे रोगियों की मदद करती हैं.

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यह उपकरण पुनर्वास केंद्रों, क्लीनिकों, अस्पतालों और मरीजों के घरों में भी उपयोग के लिए उपयुक्त है. ये प्रभावी और किफायती हैं. इसके हाथ ही रिकवरी को आसान बनाते हैं. आईआईटी मद्रास में टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट की प्रमुख प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन ने कहा, "प्लूटो स्ट्रोक के बाद की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए एक किफायती और अच्छा समाधान प्रदान करता है. पोर्टेबल है, इसलिए घर या बिस्तर पर थेरेपी लेना आसान होता है, इससे रिकवरी बेहतर होती है और देखभाल करने वालों पर निर्भरता कम होती है."

सीएमसी वेल्लोर के बायोइंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर शिवकुमार बालासुब्रमण्यम ने कहा, "हाथ की विकलांगता वाले 1,000 से अधिक रोगियों ने इस डिवाइस का उपयोग किया है. सीएमसी वेल्लोर में हर हफ्ते कम से कम 15 मरीज नियमित तौर पर हैंड थेरेपी के लिए प्लूटो का उपयोग करते हैं. प्लूटो पहला और एकमात्र स्वदेशी रोबोट रहा है जिसका परीक्षण भारतीय घरों में किया गया है." यह उपकरण एक्चुएटर और इंटरचेंजेबल यांत्रिक हैंडल्स के एक सेट का उपयोग करके कलाई और हाथ की जरूरत के अनुरूप टार्गेटेड थेरेपी प्रदान करता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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