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पीरियड्स समय पर नहीं आते, तो इन योगासनों की मदद से पीरियड साइकिल में आता है सुधार, जानिए

Yoga For Irregular Periods: आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग करने से पेल्विक एरिया एक्टिव होता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हार्मोन बैलेंस रहता है. चलिए जानते हैं पीरियड्स रेगुलेशन के लिए कौन से योग करने चाहिए.

पीरियड्स समय पर नहीं आते, तो इन योगासनों की मदद से पीरियड साइकिल में आता है सुधार, जानिए
Yoga For Irregular Periods: इर्रेगुलर पीरियड्स के लिए योग.

Yoga For Irregular Periods: महिलाओं की सेहत में सबसे अहम पीरियड्स साइकिल होती है. कई बार तनाव, थकान, खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ी के कारण पीरियड्स समय पर नहीं आते. यह समस्या सिर्फ शारीरिक नहीं होती, मानसिक रूप से भी महिलाओं को काफी परेशान करती है. ऐसे में बहुत-सी महिलाएं दवाइयों का सहारा लेती हैं, लेकिन समय पर पीरियड्स न आने की दिक्कत से योग के जरिए भी राहत पाई जा सकती है. आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग करने से पेल्विक एरिया एक्टिव होता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हार्मोन बैलेंस रहता है. 

कौन से योग पीरियड्स साइकिल को बैलेंस करते हैं (Which Yoga Balances The Menstrual Cycle)

1. भुजंगासन

इसे अंग्रेजी में कोबरा पोज कहा जाता है. इस आसन में शरीर की मुद्रा कोबरा के समान होती है. इस आसन में शरीर को जमीन पर पेट के बल लेटकर पीछे की ओर उठाया जाता है. इससे पेट और पेल्विक हिस्से पर खिंचाव आता है, जिससे वहां का ब्लड फ्लो बेहतर होता है. हार्मोनल ग्रंथियां एक्टिव होती हैं और पूरे प्रजनन तंत्र में एनर्जी फ्लो बढ़ता है. इस आसन से न सिर्फ पीरियड्स साइकिल सुधरती है, बल्कि पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द भी कम होता है.

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Photo Credit: pexels.com

2. तितली आसन

तितली आसन को संस्कृत में बद्ध कोणासन कहा जाता है. इस आसन को करते वक्त दोनों पैरों के तलवों को मिलाकर बैठा जाता है और घुटनों को ऊपर-नीचे हिलाया जाता है. इस अभ्यास से पेल्विक मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और यूट्रस तक ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. अगर किसी महिला को लंबे समय से पीरियड्स नहीं आए हैं, तो इस आसन से मदद मिल सकती है. यह आसन गर्भाशय की सफाई और ताकत दोनों में असरदार होता है.

3. सेतु बंधासन

सेतु बंधासन को अंग्रेजी में ब्रिज पोज भी कहा जाता है. इसमें पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ा जाता है और कमर को ऊपर की ओर उठाया जाता है. यह आसन थायराइड ग्रंथि को भी एक्टिव करता है, जो हार्मोन बैलेंस में अहम भूमिका निभाती है. साथ ही यह शरीर के निचले हिस्से, खासकर पेल्विक रीजन में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है. इस आसन को करने से न सिर्फ पीरियड्स रेगुलर होते हैं, बल्कि ओवरी और यूट्रस भी मजबूत बनते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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