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Parenting Tips: बच्चा एक बार में सुनेगा आपकी बात, कभी नहीं छुपाएगा कोई बात, बस इन 4 बातों का लगा लें रट्टा

Parenting Tips: बच्चों के साथ कम्युनिकेशन अच्छा होना बहुत जरूरी होता है. अगर आपके बच्चे आपसे डरे रहते हैं या अपने मन की बात शेयर नहीं कर पाते हैं तो कुछ टिप्स को फॉलो करना शुरू कर दें.

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Communicating with Your Child: इस तरह आप बच्चों के साथ कर सकते हैं खुलकर बातचीत

Ways to Improve Communication With Your Child: बच्चों को जानने के लिए उनके साथ सख्त नहीं बल्कि उनका दोस्त बनना होता है. जब आप बच्चों के साथ उनके दोस्त बनकर बात करते हैं तो इससे वो अपने मन की बात आपसे शेयर करते हैं. इससे आपको बच्चे की परेशानी या उसे किस चीज से दिक्कत हो रही है के बारे में पता चल जाता है. इसलिए बच्चों के साथ कम्यूनिकेशन (Communicating) अच्छा होना बहुत जरुरी होता है. अगर आपके बच्चे आपसे डरे रहते हैं या अपने मन की बात शेयर नहीं कर पाते हैं तो कुछ टिप्स को फॉलो करना शुरू कर दें. इससे आप दोनों के बीच कम्यूनिकेशन तो अच्छा होगा ही साथ ही आप अच्छे दोस्त भी बन जाओगे.

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बच्चों के साथ बेहतर कम्यूनिकेशन के लिए अपनाएं ये टिप्स (Tips to improve communication with your child)

बच्‍चों से बात करने का तरीका क्या है : 
पैरेंटिंग का बेहतर तरीका तभी खास हो सकता है जब आप अपने बच्चे से खुलकर बात कर पाएं. इसके लिए जरूरी है कि आप एक दूसरे की सुनें. तो अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपसे बात करे तो अपनी आवाज को ऊंचा न करें. इससे वह डर सकता है और डर कर वह डिफेंसिव हो सकता है. तो बच्चे से धीरे बात करें. 

बैठकर बात करें : जब आपको अपने बच्चे की अटेंशन की जरुरत है तो उस पर चिल्लाएं नहीं बल्कि उसके पास जाकर बैठें और उनके लेवल पर जाकर बात करें. उन्हें बताइए कि आपको उनसे जरूरी बात करनी है. ये सिंपल सी टिप्स बच्चे का फोकस आप तक लाने में मदद करेगा.वो समझेगा भी आप क्या कहना चाहते हैं.

प्यार से बात करें : अगर आपका बच्चा शैतानी कर रहा है तो उस पर चिल्लाने की जगह उससे प्यार से कहें कि ऐसा ना करे. इससे उसे भी समझ आएगा कैसे बात करनी है और वो आपकी बात आगे से सुनने की भी कोशिश करेगा. बच्चों से हमेशा ही प्यार से बात करना अच्छा होता है.

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बच्चे के एफर्ट की कदर करें : अगर आपका बच्चा कोई काम करने में मेहनत कर रहा है तो उसे गलत या थोड़ा इधर-उधर करने पर डांटे नहीं बल्कि उसकी मेहनत की तारीफ करें. उसे कहें कि उनसे अच्छी कोशिश की है. इससे वो आगे और बेहतर करने की कोशिश करता है. बच्चे को मोटिवेट करने से उसका व्यवहार भी पॉजिटिव होता है.

रूटीन बनाएं : बच्चे के लिए दिन का रूटीन बनाना जरूरी होता है. इससे आपको उसे कई चीजों के लिए ना नहीं कहना पड़ता है. स्कूल, खाने, खेलने और सोने तक का रूटीन फिक्स कर दें. इससे वो रूटीन का काम रोज करने लगेंगे और चीजों को मना करने की बजाय उसे सीखने लगेंगे.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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