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भारत ने बनाई MPox टेस्ट के लिए पहली स्वदेशी RT-PCR Kit, 40 मिनट में पता चलेगा रिजल्ट

Mpox RT-PCR Kit: एमपॉक्स के बढ़ते संक्रमण के बीच भारत ने एमपॉक्स का पता लगाने वाली पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट बना ली है. अच्छी बात यह है कि इस किट से किट से महज 40 मिनट के अंदर ही एमपॉक्स की जांच के सटीक परिणाम मिल सकेंगे. जबकि इस समय एमपॉक्स की जांच में एक से दो घंटे लगते हैं. इस किट को सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी ने बनाया है.ल

Mpox RT-PCR Kit: भारत ने बनाया मंकीपॉक्स के टेस्ट के लिए पहला स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट

Mpox RT-PCR Kit: दुनियाभर में एमपाक्स के मामले बढ़ रहे हैं. WHO भी इसे लेकर सतर्क रहने की बात कह चुका है और 14 अगस्त 2024 को एमपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा भी की थी. इससे पहले भी इस वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कई आपातकाल मीटिंग कर चुका था. यह दो साल में दूसरी बार था जब इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी कहा गया. असल में यह वायरस के नए स्ट्रेन (Clad-1) के ज्यादा संक्रामक होने के चलते चिंता का विषय बना हुआ है. इस स्ट्रेन में मृत्यु दर ज्यादा है.

एमपॉक्स के बढ़ते संक्रमण के बीच भारत ने एमपॉक्स का पता लगाने वाली पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट बना ली है. अच्छी बात यह है कि इस किट से किट से महज 40 मिनट के अंदर ही एमपॉक्स की जांच के सटीक परिणाम मिल सकेंगे. जबकि इस समय एमपॉक्स की जांच में एक से दो घंटे लगते हैं. इस किट को सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी ने बनाया है.

Also Read: Mpox Virus: कोविड की तरह लॉकडाउन करवा सकता है मंकीपॉक्स वायरस? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कब उपलब्ध होगी एमपॉक्स डिटेक्शन आरटी-पीसीआर किट

अब सवाल यह उठता है कि लोगों को इस्तेमाल के लिए यह किट कब से मिल पाएगी. तो इस पर अभी कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन यह जल्दी ही लोगों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. इस किट का नाम IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay है और इसे सीमेंस हेल्थीनीयर्स ने तैयार किया है. आइएमडीएक्स एमपॉक्स डिटेक्शन आरटी-पीसीआर किट को वडोदरा में मोलेक्युलर डायगोनास्टिक्स यूनिट में बनाया जाएगा. हर साल करीब 10 लाख किट बनाई जा सकेंगी. जल्द ही लोगों को यह किट मिल सकेगी. 

''मेक इन इंडिया'' के लिए बड़ी उपलब्धि

सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा यह हमारी मेक इन इंडिया पहल के लिए बड़ी उपलब्धि है. जल्द ही लोगों को यह किट मिल सकेगी. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, सीडीएससीओ (CDSCO) ने इसे मंजूरी दे दी है. सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, यह हमारी ''मेक इन इंडिया'' पहल के लिए बड़ी उपलब्धि है. डब्ल्यूएचओ ने एमपाक्स की स्थिति को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. इससे पहले जुलाई 2022 में भी एमपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया था.

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एमपॉक्स क्या है, इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय 

एमपॉक्स (Mpox) क्या है?

एमपॉक्स (Mpox) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से एक प्रकार के वायरस द्वारा उत्पन्न होता है जिसे "एमपॉक्स वायरस" कहते हैं. पहले इसे "मंकीपॉक्स" (Monkeypox) कहा जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में इसका नाम बदलकर एमपॉक्स कर दिया गया है ताकि मंकी के साथ इसका कोई सीधा संबंध न लगाया जा सके. यह वायरस ओरथोपॉक्सविरस जीनस का हिस्सा है और यह छोटे, फुंसी जैसी संरचनाओं के रूप में त्वचा पर प्रकट होता है.

कैसे फैलता है एमपॉक्स वायरस

1- एक इंसान के दूसरे से टकराने पर छूने पर ये वायरस फैल सकता है.
2- संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाने पर भी ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
3- संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ने से या बॉडी फ्लूड किसी भी तरह से एक्सचेंज होने पर भी ये बीमारी फैल सकती है.
4- इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की किसी भी तरह की चीजें शेयर करने पर जैसे बेड शीट, गिलास, बर्तन का उपयोग करने से भी मंकीपॉक्स होने की संभावना बढ़ जाती है.

एमपॉक्स के लक्षण 

एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के बाद 5 से 21 दिन के भीतर दिखाई देते हैं. इनमें शामिल हैं:

बुखार: उच्च बुखार जो आमतौर पर अचानक शुरू होता है.
ठंड लगना और सिरदर्द: ठंड लगने और सिरदर्द की शिकायत.
मांसपेशियों में दर्द: शरीर में मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द.
थकावट और कमजोरी: अचानक थकावट और कमजोरी महसूस करना.
त्वचा पर दाने: दाने आमतौर पर चेहरे, हाथों, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर दिखाई देते हैं. ये दाने छोटे-छोटे फुंसी, पपड़ी और घावों के रूप में बदल सकते हैं.

कारण एमपॉक्स वायरस के

एमपॉक्स संक्रमण एमपॉक्स वायरस के संपर्क में आने से होता है. इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं:

संक्रमित जानवरों का संपर्क: वायरस से संक्रमित जानवरों जैसे कि चूहे, गिलहरी या अन्य जानवरों के संपर्क में आना.
संक्रमित लोगों का संपर्क: किसी व्यक्ति के संपर्क में आना जो एमपॉक्स से प्रभावित हो.
संक्रमित वस्त्र और बर्तन: उन वस्त्रों और बर्तनों का उपयोग करना जो संक्रमण से प्रभावित हुए हैं.

एमपॉक्स से बचाव के लिए उपाय 

स्वच्छता और स्वास्थ्य: हाथों को बार-बार धोएं, खासकर जानवरों के संपर्क में आने के बाद.
संक्रमित जानवरों से दूरी: संक्रमित जानवरों से संपर्क से बचें और अगर कोई जानवर अस्वस्थ नजर आता है तो उससे दूर रहें.
संक्रमित लोगों से दूरी: अगर किसी व्यक्ति को एमपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उनसे संपर्क से बचें और उनके संपर्क में आने से बचने की कोशिश करें.
उचित स्वास्थ्य देखभाल: अगर लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें और सही उपचार करवाएं.

सारांश : एमपॉक्स एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन समय पर उपचार और सावधानी बरतने से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है. किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा सर्वोत्तम होता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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