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क्या आप भी करते हैं मोबाइल फोन का घंटों उपयोग? एक्सपर्ट से जानें कितने घंटें करना चाहिए Mobile का इस्तेमाल

Mobile Phone Use: इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के आंकड़ों के अनुसार, हाल के दशकों में दुनिया भर में मोबाइल फोन कस्टूमर की संख्या में बढ़ी है.

क्या आप भी करते हैं मोबाइल फोन का घंटों उपयोग? एक्सपर्ट से जानें कितने घंटें करना चाहिए  Mobile का इस्तेमाल
Mobile Phone: मोबाइल का इस्तेमाल करने के नुकसान.

Mobile Phone Use: आज के समय में हर कोई घंटों में मोबाइल पर बिताता है, जो हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. हाल ही मे एक न्यूरोलॉजिस्ट ने कहा है कि, कॉल करने में मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने से हार्ट के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि, "मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने के साथ-साथ अन्य हेल्दी लाइफस्टाइल के उपाय हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए अच्छे हो सकते हैं."

कुमार ने आगे कहा, सीवीडी के जोखिम को कम करने के लिए कॉल लेने और करने की अवधि को सीमित करना उपयोगी है. उन्होंने धूम्रपान छोड़ने का सुझाव देते हुए कहा, "अच्छी नींद लें और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करें." उन्होंने यह बात कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक हालिया चीनी अध्ययन का हवाला देते हुए कही, जिसमें मोबाइल फोन के उपयोग और स्ट्रोक, कोरोनरी धमनी रोग, एट्रियल फाइब्रिलेशन और हार्टअटैक जैसी हार्ट संबंधी बीमारियों के बीच बढ़ते संबंध को दर्शाया गया है.

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Photo Credit: iStock

इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के आंकड़ों के अनुसार, हाल के दशकों में दुनिया भर में मोबाइल फोन कस्टूमर की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है और 2020 में यह 8.2 बिलियन को पार कर गई है. इस समय, भारत सहित दुनिया भर में हार्ट के मामले काफी देखे जा रहे हैं. 

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (डब्ल्यूएचएफ) के आंकड़ों से पता चला है कि ग्लोबल  लेवल पर हार्ट (सीवीडी) से होने वाली मौतें 1990 में 12.1 मिलियन से बढ़कर 2021 में 20.5 मिलियन हो गई हैं.

चीन के साउथर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि साप्ताहिक मोबाइल फोन उपयोग का समय हार्ट (सीवीडी) जोखिम के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ है. अध्ययन में बताया गया कि इस जोखिम का आंशिक कारण "खराब नींद, मनोवैज्ञानिक संकट और मानसिक रोग" है. रिसर्च टीम ने बताया कि मोबाइल फोन से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियोफ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (आरएफ-ईएमएफ)  निकलती हैं, जो शरीर में कई तरह के बदलाव ला सकती हैं. ये बदलाव दिमाग और शरीर के बीच के तालमेल को बिगाड़ सकते हैं, सूजन पैदा कर सकते हैं और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन सबका असर दिल और रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

कितने घंटे करें मोबाइल का इस्तेमाल- (How Many Hours Should You Use Mobile?

अध्ययन में 444,027 ऐसे व्यक्ति शामिल थे जिनका सीवीडी. का कोई इतिहास नहीं था. 12 साल से अधिक समय तक फॉलो-अप के बाद, 56,181 व्यक्तियों (12.7 प्रतिशत) में सीवीडी का जोखिम पहचाना गया. प्रति सप्ताह 1 घंटे से कम मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में, 1 घंटे से अधिक मोबाइल फोन का उपयोग करने वालों में हार्ट रोग की घटना का जोखिम काफी अधिक था.

डायबिटीज रोगियों और धूम्रपान करने वालों में सीवीडी का जोखिम भी अधिक पाया गया. कुमार ने कहा, "धूम्रपान और मधुमेह हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं, इसलिए धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए और डायबिटीज रोगियों को ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना चाहिए."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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