Dopahar Mein Sone Se Kya Hota Hai: कई लोग सुबह का काम जल्दी खत्म करके दोपहर में थोड़ी देर झपकी ले लेते हैं, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या दोपहर में सोना चाहिए या नहीं? दरअसल, दोपहर में थोड़ी देर की नींद फायदेमंद भी हो सकती है और नुकसानदायक भी, यह इस बात पर निर्भर है कि आप कितनी देर और किस समय सोते हैं. सोना चाहिए या नहीं? विस्तार में जानने के लिए स्टोरी में बने रहिए.
दोपहर में खाने के बाद सोने से क्या होता है?
एनर्जी: दिन के समय थोड़ी देर सोने से शरीर फ्रेश हो जाता है. अगर आप थकावट महसूस कर रहे हैं या सुबह ज्यादा काम किया हो तो 15 से 20 मिनट की झपकी शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद कर सकती है.
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दिमाग: कुछ देर की दोपहर की नींद से दिमाग को आराम मिल सकता है, जिससे न केवल याददाश्त को तेज किया जा सकता है, बल्कि ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है.
मूड: नींद की कमी अक्सर चिड़चिड़ापन बढ़ा सकती है. ऐसे में दोपहर की 15 से 30 मिनट की झपकी मूड को शांत कर स्ट्रेस को कम कर सकती है जिससे पूरा दिन अच्छा जा सकता है.
दोपहर में सोने के नुकसान
देर तक नींद न आना: दोपहर में 1 से 2 घंटे तक सोना रात की नींद को प्रभावित कर सकता है, जिससे देर रात तक नींद न आना या सुबह सुस्ती महसूस होना जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए बहुत ज्यादा देर तक सोना नुकसानदायक हो सकता है.
डायबिटीज और मोटापा: दोपहर में लंबे समय तक सोने से न सिर्फ वजन बढ़ सकता है, बल्कि इंसुलिन की प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है. इन समस्याओं से बचने के लिए दोपहर में ज्यादा देर तक सोने से बचना चाहिए.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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