Kadha For Cold and Cough: दिल्ली-NCR जैसे शहरों में सर्दियों के साथ ही पॉल्यूशन लेवल काफी बढ़ गया है. हवा में धूल, धुआं और हानिकारक गैसें मिलकर हमारे फेफड़ों और गले पर बुरा असर डाल रही हैं. इसका सबसे आम लक्षण है खांसी Couth), गले में खराश और कफ. कई लोग दवाइयों (Medicines) का सहारा लेते हैं, लेकिन बार-बार दवा लेना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे में देसी काढ़ा (Kadha) एक बेहतरीन और सुरक्षित विकल्प है, जो न सिर्फ लक्षणों को राहत देता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ाता है.
काढ़ा यानी हर्बल डेकोक्शन आयुर्वेद का हिस्सा है और सदियों से हमारे घरों में इस्तेमाल होता आया है. इसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, मसालों और औषधीय तत्वों का उपयोग होता है जो शरीर को अंदर से ठीक करते हैं. आइए जानते हैं पॉल्यूशन (Pollution) से होने वाली खांसी और कफ में असरदार अलग-अलग तरह के काढ़ों के बारे में.
पॉल्यूशन वाली खांसी और कफ के लिए काढ़ा | Kadha for Pollution Related Cough and Phlegm
1. तुलसी-अदरक-काली मिर्च वाला काढ़ा (Tulsi-ginger-Kali Mirch Ka Kadha)
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, अदरक सूजन कम करता है और काली मिर्च बलगम को पतला करती है. यह काढ़ा गले की खराश, खांसी और कफ में तुरंत राहत देता है. रोज सुबह और शाम एक कप पीने से सांस लेने में आसानी होती है.
इसे भी पढ़ें: सुबह उठते ही ये 5 काम मत करना कभी, वर्ना दिनभर थकान पीछा नहीं छोड़ेगी आपका
2. हल्दी-दालचीनी वाला काढ़ा (haldi Dalchini Kadha)
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जबकि दालचीनी शरीर को गर्म रखती है. यह काढ़ा फेफड़ों को साफ करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. खासतौर पर रात को सोने से पहले पीने पर बेहतर नींद और राहत मिलती है.
3. मुलेठी-सौंठ वाला काढ़ा (Mulethi-Saunth Kadha)
मुलेठी गले को कोमल बनाती है और सौंठ यानी सूखा अदरक बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है. यह काढ़ा पुरानी खांसी और गले की जलन में असरदार है. बच्चों के लिए भी सुरक्षित है, बस मात्रा थोड़ी कम रखें.

4. गिलोय-तुलसी वाला काढ़ा (Giloy-Tulsi Kadha)
गिलोय शरीर को डिटॉक्स करता है और तुलसी संक्रमण से लड़ती है. यह काढ़ा वायरल खांसी और एलर्जी से राहत देता है. पॉल्यूशन के कारण बार-बार बीमार पड़ने वालों के लिए यह रामबाण है.
इसे भी पढ़ें: तीन दोषों को बैलेंस कर, कैंसर से लड़ने में भी सहायक है गिलोय, बढ़ाता है इम्यूनिटी, जानें सेवन करने का तरीका
5. अजवाइन-लौंग वाला काढ़ा (Ajwain-Laung Kadha)
अजवाइन सांस की नली को खोलती है और लौंग एंटीसेप्टिक की तरह काम करती है. यह काढ़ा सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न और भारीपन में राहत देता है. सुबह खाली पेट पीने से दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है.
कैसे बनाएं काढ़ा? (Kadha Kaise Banaye)
- एक कप पानी में चुनी गई सामग्री डालें.
- धीमी आंच पर 10–15 मिनट तक उबालें.
- छानकर गुनगुना पीएं. चाहें तो थोड़ा शहद मिला सकते हैं.
पॉल्यूशन से होने वाली खांसी और कफ को नजरअंदाज करना सही नहीं है. दवाइयों से पहले अगर आप देसी काढ़ों का सहारा लें, तो शरीर को प्राकृतिक रूप से राहत मिल सकती है. ये काढ़े न सिर्फ लक्षणों को कम करते हैं, बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं.
Asthma Treatment | अस्थमा: लक्षण, कारण, इलाज | Asthma/Dama ke Lakshan, Ilaj
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं