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This Article is From Oct 26, 2023

लंबे समय तक बैठने से होने वाले हेल्थ रिस्क को कम कर सकती है दिन में सिर्फ 22 मिनट की एक्सरसाइज : शोध

नए अध्ययन से पता चला है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए दिन में केवल 22 मिनट व्यायाम करने से समय से पहले मौत का खतरा कम हो सकता है.

लंबे समय तक बैठने से होने वाले हेल्थ रिस्क को कम कर सकती है दिन में सिर्फ 22 मिनट की एक्सरसाइज : शोध
लंबे समय तक बैठे रहने से मोटापा, हार्ट डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर सहित कई बीमारियां हो सकते हैं.

विकसित देशों में लोग हर दिन औसतन नौ से दस घंटे बैठे रहते हैं. चाहे वह कंप्यूटर के सामने समय बिताना हो, ट्रैफिक में फंसना हो या टीवी के सामने आराम करना हो, हमारी लाइफ तेजी से सेडेंटरी हो गया है. यह चिंताजनक है क्योंकि लंबे समय तक बैठे रहने से मोटापा, हार्ट डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी होती हैं, लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए दिन में केवल 22 मिनट व्यायाम करने से बहुत ज्यादा सेडेंटरी लाइफस्टाइल से समय से पहले मौत का खतरा कम हो सकता है.

शोधकर्ताओं ने क्या किया?

टीम ने नॉर्वे के दो अध्ययनों, स्वीडन के एक और अमेरिका के एक अध्ययन के डेटा को कंबाइंड किया. अध्ययन में 50 साल या उससे ज्यादा उम्र के लगभग 12,000 लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें ऐसे उपकरण लगाए गए, जिनसे यह पता लगाया जा सके कि वे अपनी डेली रूटीन के दौरान कितने सक्रिय या गतिहीन थे. स्टडी पीरियड 2003-2020 तक पार्टिसिपेंट्स को कम से कम दो सालों तक (औसत 5.2 साल था) फॉलो किया गया.

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एनालिसिस में कई लाइफस्टाइल और हेल्थ फैक्टर्स को ध्यान में रखा गया जैसे शिक्षा, शराब का सेवन, स्मोकिंग कंडिशन और हार्ट डिजीज, कैंसर और डायबिटीज का पिछला इतिहास. यह सारा डेटा नेशनल डेथ रजिस्ट्रीस से जुड़ा था.

22 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी बेहद प्रभावी

फॉलोअप एक्शन के दौरान कुल 805 पार्टिसिपेंट्स की मृत्यु हो गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग दिन में 12 घंटे से ज्यादा समय तक मोशनलेस रहते थे, उनमें मृत्यु का जोखिम सबसे ज्यादा था (आठ घंटे तक मोशनलेस रहने वाले लोगों की तुलना में 38 प्रतिशत ज्यादा जोखिम था). हालांकि, यह केवल उन लोगों में देखा गया जो हर दिन 22 मिनट फिजिकल एक्टिविटी करते थे. इसलिए जिन लोगों ने 22 मिनट से ज्यादा व्यायाम किया उनके लिए अब कोई बड़ा जोखिम नहीं था, यानी, जोखिम आमतौर पर उन लोगों के समान हो गया जो आठ घंटे तक मोशनलेस थे.

टीम ने बताया कि हर दिन एक्स्ट्रा दस मिनट की मध्यम से जोरदार फिजिकल एक्टिविटी उन लोगों के लिए मृत्यु दर के जोखिम को 15 प्रतिशत तक कम कर सकती है जो दिन में 10.5 घंटे से मोशनलेस थे. बहुत ज्यादा मोशलेस (दिन में 10.5 घंटे या ज्यादा) माने जाने वाले लोगों के लिए एक्स्ट्रा दस मिनट से मृत्यु दर का जोखिम 35 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

अध्ययन की कुछ सीमाएं थीं:

टीम यह आकलन नहीं कर सकी कि कई महीनों या सालों में फिजिकल एक्टिविटी या मोशनलेस समय में बदलाव से मृत्यु का जोखिम कैसे प्रभावित हो सकता है और अध्ययन में केवल 50 साल और उससे ज्यादा उम्र के पार्टिसिपेंट्स को शामिल किया गया, जिससे रिजल्ट कम उम्र के लोगों पर कम लागू होते हैं.

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अध्ययन से क्या निष्कर्ष निकलता है?

शोध ने पहले भी इस तरह का सुझाव दिया है कि फिजिकल एक्टिविटी हाई सेडेंटरी टाइम से जुड़े हेल्थ रिस्क को दूर कर सकती है. अच्छी खबर यह है कि थोड़े समय की एक्सरसाइज से भी ये सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. इस अध्ययन में जरूरी नहीं कि 22 मिनट एक ही बार में पूरे किए गए हों. यह किसी व्यक्ति द्वारा एक दिन में की गई कुल फिजिकल एक्टिविटी थी.

घर के काम करना भी एक फिजिकल एक्टिविटी:

हाई इंटेंसिटी वाली एक्टिविटी जैसे कि सीढ़ियां चढ़ना या घर के रखरखाव के काम करना जैसे लॉन की घास काटना या खिड़कियों की सफाई करना मृत्यु दर, हार्ट डिजीज और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है.

डेस्क जॉब जैसे रूटीन एक सेडेंटरी लाइफस्टाइल को बढ़ावा दे सकती है जिसे बदलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन हमारे दिन में छोटी-छोटी एक्टिविटीज को शामिल करने से हमारी हेल्थ में सुधार की दिशा में बड़ा अंतर आ सकता है.

चाहे वह लंचटाइम में तेज चलना हो, सीढ़ियां चढ़ना हो या घर पर एक छोटी कसरत भी हो, यह एक और ऐसा अध्ययन है, जो यह सुझाव देता है कि हर मिनट मायने रखता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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