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काफी ज्यादा बढ़ गया है यूरिक एसिड, तो घी का इस तरह करें इस्तेमाल, Uric लेवल जल्दी होगा कंट्रोल

Is Ghee Good For Uric Acid: हाई यूरिक एसिड के डर से लोग डाइट में फैट की मात्रा बहुत कम कर देते हैं. खासकर घी से परहेज करने लगे है. जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि घी से वजन नहीं बढ़ता है और यह जोड़ों के दर्द से भी बचाता है.

काफी ज्यादा बढ़ गया है यूरिक एसिड, तो घी का इस तरह करें इस्तेमाल, Uric लेवल जल्दी होगा कंट्रोल
Ghee for Uric Acid Patients: घी जोड़ों के लिए लुब्रीकेंट का काम करता है.

How To Use Ghee In Uric Acid: यूरिक एसिड बढ़ने के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या आजकल आम परेशानी बन चुकी है. बॉडी के ज्वाइंट्स में यूरिक एसिड के बढ़ जाने के कारण तेज दर्द का सामना करना पड़ता है जिससे रोजमर्रा के कामकाज करने तक में परेशानी होने लगती है. इस समस्या के लिए इलाज के साथ साथ सही तरह की डाइट और रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करने की भी जरूरत होती है. आजकल वजन बढ़ने के डर से लोग डाइट में फैट की मात्रा बहुत कम कर देते हैं. खासकर घी (Ghee) से परहेज करने लगे है. जबकि मानना है कि घी से वजन नहीं बढ़ता है और यह जोड़ों के दर्द से भी बचाता है. आइए जानते हैं यूरिक एसिड के मामले में घी (Use of Ghee in Uric Acid) कैसे राहत दे सकता है और इसे कैसे लेना फायदेमंद होता है.

यूरिक एसिड रोगियों के लिए घी के फायदे | Benefits of Ghee for Uric Acid Patients

जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है (Ghee Relief From Joint Pain)

विशेषज्ञों के अनुसार घी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड जोड़ों के लिए लुब्रीकेंट के रूप में काम करता है. ऐसे में घी को डाइट में शामिल करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है. जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हर दिन एक चम्मच घी खाना फायदेमंद हो सकता है.

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घी से अन्य फायदे (Other benefits of ghee)

आजकल वजन बढ़ने के डर से लोग डाइट में फैट की मात्रा बहुत कम कर देते हैं. खासकर घी (Ghee)  से परहेज करने लगे है. जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि घी से वजन नहीं बढ़ता है और यह जोड़ों के दर्द से भी बचाता है.

कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज पर कंट्रोल

बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ने लगता है. गाय के घी को डाइट में शामिल करने से बाइलरी लिपिड का सीक्रीशन बढ़ जाता है जिससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है. घी में हाइड्रोजनीकृत फैट नहीं होने के कारण इससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. इसके साथ ही घी डाइजेशन बेहतर करने और इम्यूनिटी स्ट्रांग करने भी मददगार होता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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