विज्ञापन

रात में सोने का नहीं मिलता मौका, तो क्या दिन में 8 घंटे सोने से बनेगी बात, ऐसा करना कितना सही है?

Effects of Daytime Sleep On Health: क्या फर्क पड़ता है अगर रात की बजाय हम दिन में नींद लें? खासकर उन लोगों के लिए जो नाइट शिफ्ट में काम करते हैं या जिन्हें किसी वजह से रात में जागना पड़ता है. क्या ऐसा करना सच में सेहत पर बुरा असर डाल सकता है?

रात में सोने का नहीं मिलता मौका, तो क्या दिन में 8 घंटे सोने से बनेगी बात, ऐसा करना कितना सही है?
क्या फर्क पड़ता है अगर ये नींद हम रात की बजाय दिन में लें?

सभी जानते हैं कि नींद हमारी सेहत के लिए कितनी जरूरी है. हर कोई कहता है कि रोज 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, लेकिन क्या फर्क पड़ता है अगर ये नींद हम रात की बजाय दिन में लें? सवाल वाजिब है. खासकर उन लोगों के लिए जो नाइट शिफ्ट में काम करते हैं या जिन्हें किसी वजह से रात में जागना पड़ता है. क्या ऐसा करना सच में सेहत पर असर डाल सकता है? आइए जानते हैं फरीदाबाद हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट  हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट AIMS के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में डायरेक्टर और HOD डॉ. अमित मिगलानी से विस्तार से.

रात की बजाय दिन में सोने से क्या होता है?

दिन में 8 घंटे सोने से बनेगी बात?

असल में हमारे शरीर का एक अंदरूनी सिस्टम होता है, जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं. यह हमारे सोने-जागने के समय को कंट्रोल करता है. यह सिस्टम सूरज की रोशनी से तालमेल बैठाकर काम करता है. यानी जब बाहर अंधेरा होता है तो शरीर को नींद आने लगती है और जब रोशनी होती है तो शरीर एक्टिव हो जाता है.

यह भी पढ़ें: शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिखने लगते हैं ये 5 लक्षण, क्या आप पहचानते हैं? अनजाने में बिल्कुल न करें नजरअंदाज

दिन में सोने से होने वाली परेशानी

अगर आप दिन में 8 घंटे सो लेते हैं तो आपकी नींद की मात्रा तो पूरी हो सकती है, लेकिन उसकी क्वालिटी पर असर पड़ता है. दिन में रोशनी, आवाजें और घर के बाकी कामकाज के चलते गहरी नींद लेना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में नींद पूरी होने के बावजूद थकावट बनी रह सकती है. मूड चिड़चिड़ा हो सकता है और ध्यान लगाने में परेशानी आ सकती है.

शरीर में होने वाली समस्याएं

जो लोग लगातार नाइट शिफ्ट में काम करते हैं. उनमें वजन बढ़ने, हार्मोनल बदलाव, पेट की समस्याएं और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें देखी गई हैं. रिसर्च भी यह बताती है कि रात की नींद का शरीर पर एक अलग ही असर होता है. जिसे दिन की नींद पूरी तरह से रिप्लेस नहीं कर सकती.

यह भी पढ़ें: हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए अपने सुबह के रूटीन में शामिल करें ये 5 चीजें, हेल्दी रहेगा आपका दिल

इन बातों का भी रखें ध्यान

अगर किसी वजह से रात में सोना मुमकिन नहीं है. तो दिन की नींद को बेहतर बनाने के लिए कुछ बातें अपनाई जा सकती हैं जैसे कि सोने वाले कमरे को अंधेरा और शांत रखें. सोने से पहले स्क्रीन (मोबाइल, टीवी) से दूरी बनाएं और सोने का एक तय समय बनाएं. लेकिन, जब भी मुमकिन हो, कोशिश यही होनी चाहिए कि नींद रात में ही ली जाए. यह शरीर के नेचुरल सिस्टम के साथ मेल खाता है और आपको मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से बेहतर बनाए रखता है.

Watch Video: Irritable Bowel Syndrome (IBS): लक्षण, कारण, बचाव, घरेलू नुस्खे और इलाज

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com