विज्ञापन
This Article is From Jan 31, 2019

Knee Replacement: 100 किलो की इराकी महिला की सफल नी रिप्लेसमेन्ट सर्जरी...

प्रत्येक बीएमआई इकाई के बढ़ने पर कार्टिलेज में 11 फीसदी की तेज कमी की संभावना थी. मरीज में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे लक्षण भी थे. मरीज की सर्जरी कई चरणों में की गई. 

Knee Replacement: 100 किलो की इराकी महिला की सफल नी रिप्लेसमेन्ट सर्जरी...

बगदाद की रहने वाली एक 65 वर्षीय महिला का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 44.5 था और वह चलने फिरने में मुश्किलों व गंभीर कमर दर्द से जूझ रही थी. महिला एडवांस ऑस्टियोआर्थराइटिस (स्टेज 4) से पीड़ित थी, जिसमें मरीज को अपने ज्वाइंट चलाते वक्त दर्द व असहजता महसूस होती है और रोजमर्रा के कामों में बाधा आती है. दिल्ली के विमहांस नयति सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 100 किलो के वजन वाली इस इराकी महिला की सफलतापूर्वक दुर्लभ टोटल नी रिप्लेसमेन्ट (टीकेआर) सर्जरी हुई. चिकित्सकों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी.  

विमहांस नयति सुपर स्पेशलिटी, इंस्टीट्यूट ऑफ ओथोर्पेडिक्स, स्पोर्ट्स मेडीसिन एंड अथ्रेप्लास्टी के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार शर्मा ने कहा, "घुटने के जोड़ों की खराब विकृति, संयुक्त शिथिलता और कमजोर हड्डियों के कारण मरीज बीते 15-20 वर्षो से घुटने में दर्द से जूझ रही थी. इस मामले में अत्याधिक भार होने के कारण महिला की बैक और घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ रहा था, जिससे ज्वाइंट कार्टिलेज तेजी से खराब हो रही थी. वह पांच मिनट से ज्यादा न तो चल सकती थी और न ही खड़ी रह सकती थी."

 

क्या है गठिया, किसे हो सकता है और क्या आती हैं इलाज में समस्याएं...

ज्यादा पानी के होते हैं नुकसान, जानें एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए...

सेफ सेक्‍स के लिए जरूरी है इन टिप्‍स को ट्राई करना

Reduced Sex Drive? 6 सुपरफूड जो बढ़ाएंगे आपकी लिबिडो

 

चिकित्सा विशेषज्ञों ने पाया कि प्रत्येक बीएमआई इकाई के बढ़ने पर कार्टिलेज में 11 फीसदी की तेज कमी की संभावना थी. मरीज में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे लक्षण भी थे. मरीज की सर्जरी कई चरणों में की गई. 

डॉ. शर्मा ने कहा, "क्योंकि मरीज क्लास-3 (उच्च जोखिम) मोटापा श्रेणी में थी, उनके मोटापे ने इसे एक दुर्लभ मामला बना दिया. इतने अधिक बीएमआई के साथ रोगी की टोटल नी आथ्रेप्लास्टी करना लगभग असंभव है क्योंकि वह नियमित परिस्थितियों में किसी भी सुरक्षित सर्जिकल प्रक्रिया को सहन नहीं कर पाता है. इसके अलावा कमजोर हड्डियों ने प्रत्यारोपण की स्थिरता को असहनीय बना दिया."

इस सर्जरी के लाभ को लंबे समय तक सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों ने एक मोबाइल बेयरिंग ज्वाइंट का प्रयोग किया है, जो 20 से 25 वर्षो तक चल सकता है. 

उन्होंने कहा, "इसके अलावा मरीज के बुरी तरह से फैले नी ज्वाइंट अस्थिबंध को ठीक करने और नी ज्वाइंट को संतुलित करने के लिए एक विशेष तकनीक की आवश्यकता थी. हमने ज्वाइंट एनाटॉमी और लिंब अलाइनमेंट को फिर से लगाया. अब, उनके दोनों पैर सीधे हैं और नी ज्वाइंट सही तरीके से काम कर रहे हैं. अब वह आसानी से चल-फिर रही हैं." (इनपुट-आईएएनएस)

 

डायबिटीज पर भी खबरें पढ़ें - Diabetes tips in Hindi

 

डायबिटीज रहेगी आपसे कोसों दूर......अगर करेंगे ये 9 काम

डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा कम करता है आयुर्वेद

डायबिटीज के इलाज में मदद कर सकता है विटामिन डी

आयुर्वेदिक नुस्खे: इन तीन चीजों से करें डायबिटीज और ब्लड शुगर को कंट्रोल

डायबिटीज को करें कंट्रोल, यहां हैं टिप्स...

शकरकंदी के फायदे: डायबिटीज को करे कंट्रोल, ब्लड शुगर को रखे सही...

क्‍या आपमें भी तो नहीं हैं प्री-डायबिटीज के ये 5 लक्षण..

डायबिटीज में क्यों फूलता है सांस? ये हो सकती है वजह...

प्रेग्नेंसी में डायबिटीज बढ़ा सकती बच्चे में आटिज्म का खतरा...

बराबर-बराबर होता है मैरिड कपल्स में डायबिटीज का खतरा!

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com