International Women's Day 2023: दुनिया भर में आधी आबादी को सलाम करने के लिए हर साल आठ मार्च (8 March) को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (Women's Day) मनाया जाता है. महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की बड़ी बड़ी बातों से अलग बात करें तो आज भी औरतें दोहरी जिम्मेदारी के चलते डिप्रेशन (depression) की चपेट में सबसे पहले आती है. महिलाएं कुदरती तौर पर नाजुक मन और मिजाज की होती हैं और ये शायद एक वजह है कि वो जल्दी डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार होती हैं.
काम की अधिकता, घर बाहर की जिम्मेदारी, रिश्तों के प्रति उनकी प्रियारिटी और सबको खुश रखने की अनकही चाहत उन्हें जल्द ही मानसिक रूप से इतना थका देती है कि कब वो डिप्रेशन की शिकार बन जाती हैं, उन्हें खुद पता नहीं चलता. भारत जैसे देश में जहां डिप्रेशन को बीमारी ही नहीं समझा जाता, अधिकतर महिलाएं बिना जाने पहचाने ही इसका शिकार बन जाती है. लेकिन अब जमाना बदला है, डिप्रेशन को लेकर महिलाएं जागरुक हो रही हैं, स्ट्रेस और टेंशन देने वाली चीजों को दिल दिमाग से बाहर फैंकना महिलाओं को आ गया है.
लेकिन भी फिर कई महिलाओं को अभी ये नहीं पता कि डिप्रेशन को कैसे डील करना है. इसलिए आज डिस्कस करते हैं कि डिप्रेशन के साथ कैसे डील करें और कैसे उसे जिंदगी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
डिप्रेशन का शिकार बनने की बजाय इसे मैनेज करना सीखिए, ये रहे तरीके | How to Deal and Fight Depression Naturally
1. डिप्रेशन को हल्के में लेना है गलत
डिप्रेशन ऐसी बीमारी है जो अंदर ही अंदर बीमार कर देती है. आप इसे मामली सोच या चिंता समझ कर नजरंदाज करना चाहेंगी, लेकिन ये आपको अपना शिकार बना ही लेगी. इसलिए डिप्रेशन को हल्के में ना लें. अगर कुछ लक्षण नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें ताकि समय रहते इसका इलाज हो सके. इसे लेकर शर्म महसूस करने की बजाय इसके खिलाफ मोर्चा खोलना ही बेहतर है.
2. डिप्रेशन में दवाई जरूरी है
डिप्रेशन केवल उदासी नहीं है, डिप्रेशन उदासी, मूड स्विंग,नींद की कमी, घबराहट, बैचेनी का मिला जुला रूप है जब कोई व्यक्ति अवसाद का शिकार बन जाता है. इसलिए इसे खुद तय करने की बजाय अपने किसी करीबी से डिसकस कीजिए औऱ तय कीजिए कि अगला स्टेप क्या होगा.
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3. रूटीन को सही करें
कई बार डिप्रेशन आपके अस्त व्यस्त रूटीन को और ज्यादा खराब कर देता है. कई बार डिप्रेशन में इंसान केवल बिस्तर में पड़ा उदासी का शिकार बनता रहता है. याद रखिए कि दवा केवल डिप्रेशन को दूर करने में आपका सहयोग करेगी, डिप्रेशन को अपने अंदर से खत्म करना आपकी जिम्मेदारी है, इसे दूर रखना है कि रूटीन लाइफ में बदलाव लाना जरूरी है. घूमिए फिरिए, मनपसंद गाने सुनिए, फोन पर बातें कीजिए, अच्छे लम्हों को याद कीजिए, पार्टी कीजिए औऱ वो सब कुछ कीजिए जो आपको अच्छा लगता है. लेकिन रूटीन लाइफस्टाल को फॉलो मत कीजिए.
4. छोटा सा ट्रिप प्लान कीजिए
अगर आपको लगता है कि आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं तो एक छोटा सा ट्रिप प्लान कीजिए, अगर मन है तो किसी को संग लीजिए और अगर मन नहीं है तो अकेले ही निकल पड़िए. खुद रास्ते तय कीजिए, खुद मंजिलें तलाशिए, इस सफर में आप खुद को पहचान पाएंगी और डिप्रेशन को दूर करने में आप खुद की मदद कर सकेंगी.
5. डिप्रेशन की जड़ को ही निकाल फेंकिए
ये कहना काफी मुश्किल और अजीब हो सकता है लेकिन व्यवहारिक तौर पर मनोचिकित्सक भी इसी बात की सलाह देते दिख जाएंगे. जिंदगी में जो चीज, जो रिश्ते, जो नाते, या जो दोस्तियां आपको परेशान कर रही हैं, उन्हें चुनने की बजाय खुद को चुनना सीखिए, ना कहना सीखिए और खुद को परेशान करने वाली चीजों को जिंदगी से बाहर का रास्ता दिखा दीजिए. इससे आपके सेल्फ हीलिंग भी होगी और डिप्रेशन आपसे दूर हो जाएगा.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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