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International Day of Action for Women's Health: इस उम्र की महिलाओं को हर साल करवाने चाहिए ये 7 मेडिकल टेस्ट

Health Test For Women's: महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की स्थिति को समझने और समय रहते बीमारी का पता लगाने के लिए नियमित जांच करवाने की सलाह दी जाती है. 30 और 40 की उम्र वाली महिलाओं के लिए यहां कुछ टेस्ट के बारे में बताया गया है, जिन्हें हर महिला का करवाना चाहिए.

International Day of Action for Women's Health: इस उम्र की महिलाओं को हर साल करवाने चाहिए ये 7 मेडिकल टेस्ट
Medical Test For Women's: 28 मई को महिला स्वास्थ्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस मनाया जाता है.

Medical Test For Women: जैविक अंतर और लैंगिक असमानताओं के कारण महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर किशोरियों और युवा महिलाओं में लड़कों और युवा पुरुषों की तुलना में एचआईवी संक्रमण का खतरा दोगुना है. गर्भावस्था के दौरान, मलेरिया, एचआईवी और टीबी सभी गर्भवती महिलाओं उसके भ्रूण और नवजात शिशु के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं. महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 28 मई को महिला स्वास्थ्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस (International Day Of Action For Women's Health) मनाया जाता है. 1987 में, कोस्टा रिका में अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य बैठक के दौरान लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन महिला स्वास्थ्य नेटवर्क (LACWHN) ने इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा.

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उम्र बढ़ने के साथ बीमारियों के प्रति संवेदनशील:

महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनका शरीर कुछ बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाता है. 30 और 40 की उम्र वाली महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की स्थिति को समझने और समय रहते बीमारी का पता लगाने के लिए नियमित जांच करवाने की सलाह दी जाती है. 30 और 40 की उम्र वाली महिलाओं के लिए यहां कुछ टेस्ट के बारे में बताया गया है, जिन्हें हर महिला का करवाना चाहिए.

1. पैप स्मीयर और एचपीवी जांच

यह असामान्य कोशिका वृद्धि का पता लगाने के लिए एक जांच है जो गर्भाशय सर्वाइकल कैंसर का कारण बनती है. उम्र और पिछले परिणामों के आधार पर 3-5 साल की अवधि के बीच नियमित जांच करवाने की सलाह दी जाती है. यौन रूप से सक्रिय महिलाओं के लिए ह्यूमन पेपिलोमावायरस जांच भी जरूरी है क्योंकि इससे भी गर्भाशय सर्वाइकल कैंसर हो सकता है.

2. मैमोग्राम और ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन

यह स्तन कैंसर की जांच करने वाला टेस्ट है. यह ब्रेस्ट ट्यूमर और असामान्यताओं का पता शुरुआती चरण में लगा सकता है. आपकी स्थिति के आधार पर साल में इसे एक बार जरूर करवाना चाहिए. ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन एक महिला को अपने स्तनों के सामान्य रूप और अनुभव को समझने में मदद मिलती है.

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3. थायराइड फंक्शन टेस्ट

TFT शरीर में थायराइड हार्मोन के लेवल को निर्धारित करता है, जिससे हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म जैसी बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है.

4. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट

उम्र के साथ हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हर 4-6 साल में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट दिल की बीमारियों और ब्रेन स्ट्रोक को रोकने में मदद करेगी.

5. ब्लड शुगर लेवल

डायबिटीज और प्री-डायबिटीज जैसी स्थितियों का पता लगाने के लिए एनुअल ब्लड शुगर टेस्टिंग की सलाह दी जाती है. यह परीक्षण उन लोगों के लिए जरूरी हो जाता है जो मोटे हैं या जिनके परिवार में पहले से कोई बीमारी है.

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6. बोन डेंसिटी टेस्ट

ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के नुकसान जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए डेक्सा-स्कैन जरूरी है, खासकर अगर लोगों में जोखिम कारक हैं.

7. आई टेस्ट

मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी आंखों की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को रोकने के लिए साल में आंखों की जांच करवाना बहुत जरूरी है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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