ब्लड में कैल्शियम की कमी से हो सकता है हाइपरकैल्सीमिया, जानिए इस बीमारी के लक्षण और कारण और बचाव के उपाय

ब्लड में कैल्शियम की कमी (Lack of calcium) हो जाने पर हाइपरकैल्सीमिया ( Hypocalcemia) की परेशानी हो सकती है. इसके कारण आगे चलकर सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.

ब्लड में कैल्शियम की कमी से हो सकता है हाइपरकैल्सीमिया, जानिए इस बीमारी के लक्षण और कारण और बचाव के उपाय

जानिए क्या होता है हाइपरकैल्सीमिया

बॉडी को सामान्य रूप से काम करने के लिए कैल्शियम (calcium) की जरूरत पड़ती है. ब्लड में कैल्शियम की कमी (Lack of calcium) हो जाने पर हाइपरकैल्सीमिया ( Hypocalcemia) की परेशानी हो सकती है. इसके कारण आगे चलकर सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं हाइपरकैल्सीमिया के लक्षण, कारण, उपचार और बचाव के बारे में ....

हाइपरकैल्सीमिया का कारण (Causes of Hypocalcemia)

1. विटामिन डी कमी

डाइट में मौजूद कैल्शियम को बॉडी में पहुंचने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. विटामिन डी की कमी के कारण कैल्शियम से भरपूर डाइट लेने के बावजूद बॉडी उसे यूज नहीं कर पाता है. जिसके कारण हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है.

2. हाइपोपैराथायरायडिज्म

बॉडी में मौजूद पैराथाइरॉइड ग्लैंड्स पैराथाइरॉइड (PTH) हार्मोन बनाती हैं. यह हार्मोन कैल्शियम के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. पैराथाइरॉइड ग्लैंड्स के ठीक से काम नहीं करने पर पर्याप्त मात्रा में PTH नहीं बनता है, जिसके कारण हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है.

3. खराब किडनी

बॉडी में कैल्शियम का बैलेंस बनाए रखने में किडनी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. किडनी से जुड़ी किसी भी बीमारी के कारण अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रहा है तो बैलेंस बिगड़ने से हाइपोकैल्सीमिया हो सकता है.

4. दवाइयां

यूरिन बढ़ाने वाली और कुछ अन्य दवाएं बॉडी में कैल्शियम को ऑब्जर्व नहीं होने देती हैं जिसके कारण हाइपोकैल्सीमिया हो सकता है.

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हाइपरकैल्सीमिया के लक्षण (Signs of Hypocalcemia)

1. मसल्स क्रैम्प्स

मसल्स को ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है. कैल्शियम की कमी के कारण मसल्स क्रैम्प्स आ सकते हैं. यह परेशानी हाथ और पैरों के मसल्स में देखी जाती है.

2. सुन्न पड़ना या झुनझुनी होना

हाइपोकैल्सीमिया के कारण अंगुलियों, हाथ, पैर यहां तक कि चेहरे पर सुन्न पड़ने या झुनझुनी अनुभव हो सकती है.

3. थकान और कमजोरी

कैल्शियम की कमी के कारण मसल्स के ठीक से काम नहीं करने के कारण थकान और कमजोरी अनुभव हो सकती है.

4. मूड स्विंग्स

कैल्शियम का असर न्यूरोट्रांसमीटर फ़ंक्शन पर भी होता है. इसलिए इसकी कमी के कारण मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन हो सकता है।

5. टेटनी(Tetany)

गंभीर हाइपरकैल्सीमिया के कारण टेटनी (Tetany) हो सकता है. जिसके कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है.

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हाइपरकैल्सीमिया का उपचार (Treatment of Hypocalcemia)  
 

1. कैल्शियम सप्लीमेंट्स

हाइपरकैल्सीमिया का पता चलने पर बॉडी में कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने के लिए डॉक्टर कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं.

2. विटामिन डी सप्लीमेंट्स

बॉडी में कैल्शियम को ऑब्जर्व करने की शक्ति बढ़ाने के लिए विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है.

3. कैल्शियम ग्लूकोनेट

हाइपोकैल्सीमिया की गंभीर स्थिति में जब मसल्स में क्रैम्प्स या दौरे पड़ने जैसी परेशानी हो रही हो तो कैल्शियम ग्लूकोनेट इंटरवेन की मदद से चढ़ाया जा सकता है.

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हाइपरकैल्सीमिया से बचाव (Prevention of Hypocalcemia)

  • डाइट में कैल्शियम से भरपूर चीजें जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स, टोफू, हरी और पत्तेदार सब्जियां शामिल करें.
  • शरीर  में कैल्शियम का अच्छी तरह से अब्सॉर्प्शन हो इसके लिए  विटामिन डी की जरूरत होती है. सुबह की धूप, अंडे के योग जैसी चीजों से विटामिन डी मिल सकता है.
  • बहुत ज्यादा शराब और कैफीन वाले ड्रिंक से कैल्शियम का अब्सॉर्प्शन कम हो जाता है.
  • पैदल चलना और वेट लिफ्टिंग से कैल्शियम का लेवल बनाए रखने में मदद मिलती है.
  • किडनी सं संबंधित क्रॉनिक बीमारियों या हाइपोपैराथायरायडिज्म है तो हाइपरकैल्सीमिया का खतरा कम करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें.

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