How To Take Care Of Heart In Summer: गर्मी के मौसम में तेज और चिलचिलाती धूप ने मानो सुकून छीन लिया है. बच्चे हों, युवा हों या फिर बुजुर्ग, हर कोई तपिश से परेशान है. आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल देश भर में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी देखी गई. जिसे भारत की अब तक की सबसे भीषण गर्मी मानी जा रही है. इस चुभती गर्मी में लू के थपेड़ों से कई लोगों की जान तक चली गई है. ऐसी खबरों ने लोगों को चिंता को बढ़ा दिया है. इस जलती धूप में हम अपने दिल का ख्याल कैसे रखें और कैसे अपना बचाव करें. इसके कुछ उपाय एनडीटीवी के साथ शेयर किए हैं डॉ. एमसी मिश्रा ने, जो एम्स के पूर्व डायरेक्टर हैं. साथ ही गर्मी में हार्ट अटैक के कारणों पर मैक्स बीएलके दिल्ली के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के यूनिट हेड डॉ. विकास ठाकरान ने क्या कहा है आइए जानते हैं.
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गर्मी में कैसे रखें अपने दिल का ख्याल? (How To Take Care Of Heart In Summer)
गर्मी का शरीर पर कितना प्रभाव (What is the effect of heat on the body?)
डॉ. एमसी मिश्रा के अनुसार, गर्मी का दुष्प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है. खास तौर पर हीट स्ट्रोक यानी कि लू लगने पर यह हमारे दिल और मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है. कई बार इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है. इसकी एक बड़ी वजह कई बार डिहाइड्रेशन यानी कि पानी की कमी होती है. जिसके चलते किडनी फेलियर का डर होता है. पानी की कमी होने पर हार्ट को पंप करने में समस्या आती है और ब्लड सप्लाई भी सही तरीके से नहीं हो पाती और हीमो कंसंट्रेशन होने से हार्ट अटैक जैसे केस भी सामने आते हैं.
इस गर्मी में लू लगने की सबसे ज्यादा संभावना बच्चों और बुजुर्गों में होती है. वहीं इसका दुष्प्रभाव खास तौर पर बुजुर्गों पर होता है, जिनके कई अंग पहले से ही कमजोर हो चुके होते हैं और इसलिए शरीर गर्मी के दुष्प्रभाव को नहीं सह पाता.
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हार्ट अटैक का ये बन सकते हैं कारण (This Can Be The Reason For Heart Attack)
डॉ विकास ठाकरान ने बताया कि, कैसे इस गर्मी में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि, गर्मी से बचाने में सबसे ज्यादा सहायक हमारी त्वचा है, जो हमारी बॉडी को बचाने का काम करती है. त्वचा एक तरह से रेडिएटर का काम करती है. वहीं हार्ट के ऊपर डिमांड बढ़ती है कि वो स्किन की ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाए. ऐसे में ऐसे लोग जिनका हार्ट कमजोर है, खास तौर पर बुजुर्ग लोगों में हार्ट उतना ब्लड नहीं पहुंचा पाते, तो उनको हाई टेंप्रेचर होने का अधिक रिस्क होता है.
उन्होंने बताया कि, ऐसी स्थिति से बचने के लिए पानी अधिक पीना चाहिए, साथ ही गर्मी से बचाव के लिए शिकंजी आदि का उपयोग करना चाहिए.
परंपरागत उपायों से होगी सुरक्षा
इस रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से बचाव को लेकर डॉ. एमसी मिश्रा कहते हैं कि, हमें इस भीषण गर्मी में कुछ परंपरागत उपायों को अपनाना चाहिए. जब कूलर और एसी नहीं होते थे तब लोग इन्हीं उपायों से खुद को सुरक्षित रखते थे. इनमें खुद को धूप से बचाना, अधिक पानी पीना, मौसमी फल खाना आदि शामिल हैं.
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इन उपायों को अपनाएं
- गर्मी के इस मौसम में घर से बाहर निकलते समय सिर को ठीक से कवर करें.
- घर से जब भी निकलें, पानी लेकर निकलें.
- अगर जरूरत ना हो तो धूप में निकलने से बचें.
- दोपहर 12 बजे से शाम को 5 बजे तक तापमान सबसे अधिक होता है. ऐसे में इस समय में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
-इस मौसम में लाइट और ढीले कपड़े पहनें, क्योंकि डार्क कपड़े हीट को सोखते हैं.
इन चीजों का करें सेवन
डॉ. मिश्रा के अनुसार, इस भीषण गर्मी में पानी खूब पीना चाहिए. इसके साथ ही शिकंजी पीना चाहिए, आम का पना और रूह अफजा जैसे पेय पदार्थ पिएं, जो शरीर को शीतलता देते हैं. इसके अलावा गर्मी के मौसम में आप आम, तरबूज, खरबूज, मौसम्बी और लीची जैसे फलों का सेवन जरूर करें.
(डॉ. एमसी मिश्रा ने, जो एम्स के पूर्व डायरेक्टर, डॉ. विकास ठाकरान मैक्स बीएलके दिल्ली के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के यूनिट हेड)
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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