
Tips to protect your ears from noise pollution: दशहरा और दीपावली के समय जमकर पटाखे फोड़े जाते हैं. इन पटाखों की तेज आवाज कई लोगों के कानों पर बुरा असर डालती है और कानों में दर्द तक होने लग जाती है. अगर आपके या आपके परिवार में किसी के कान कमजोर हैं, तो पटाखों की तेज आवाज से बहरा होने की संभावना अधिक बनी रहती है. इसलिए ये जरूरी है कि जिन लोगों के कान के पर्दे कमजोर है या जिनका कान से जुड़ा कोई इलाज चल रहा है, खासी सावधानी दशहरा और दीपावली के समय बरतें.
कैसे करें कानों की रक्षा
तेज आवाज से दूर रहे
अगर मुमकिन हो तो दशहरा और दीपावली के समय किसी ऐसी जगह पर चले जाएं, जहां पर पटाखों का शोर कम सुनने को मिले.
कानों में रूई डाल लें
पटाखों की तेज आवाज से सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में आप अपने कानों में रुई डालकर रखें. ताकि तेज पटाखों की आवाज से कान के पर्दे और नर्सों की रक्षा की जा सके.
ईयर प्लग
ईयर प्लग की मदद से भी पटाखों की तेज आवाज से कानों की रक्षा आसानी से की जा सकती है. साथ ही अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को जरूर बंद रखें. ताकि तेज आवाज कान तक न पहुंच सके.
कानों की सेहत के लिए रखें इन बातों का ध्यान
- अगर पटाखों की आवाज से कानों में तेज दर्द होने लगे तो कान को खुजलाएं नहीं.
- नुकीली वस्तु अथवा लकड़ी में रुई लपेटकर कान के अंदर न डालें.
- कई लोग दर्द होने पर लहसुन का तेल गरम करके कान में डालते हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से दर्द सही जाएगी, लेकिन ये कान के पर्दे के लिए हानिकारक हो सकता है.
- कान में अगर लगातार सीटी बजती रहे या सुनना बंद हो जाए को डॉक्टर से जरूर मिलें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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