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माइग्रेन की छुट्टी करने में मदद करेगा ये आसन, जानिए करने का तरीका और किन बातों का रखें ध्यान

Yoga For Migraine: अशांति के इस दौर में शांति की तलाश भला किसे नहीं होगी? आंतरिक शांति काफी महत्व रखती है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, भ्रामरी प्राणायाम एक सरल और प्रभावी तकनीक है, जो आंतरिक शांति प्रदान करती है और माइग्रेन जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है.

माइग्रेन की छुट्टी करने में मदद करेगा ये आसन, जानिए करने का तरीका और किन बातों का रखें ध्यान
माइग्रेन से राहत दिलाने में मदद करेगा ये योगासन.

Migraine Home Remedies: अशांति के इस दौर में शांति की तलाश भला किसे नहीं होगी? आंतरिक शांति काफी महत्व रखती है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, भ्रामरी प्राणायाम एक सरल और प्रभावी तकनीक है, जो आंतरिक शांति प्रदान करती है और माइग्रेन जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है. इसे ‘मधुमक्खी की गुनगुनाहट' की सांस के रूप में जाना जाता है, जो मन और शरीर को शांत करने में मददगार है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, भ्रामरी प्राणायाम तनाव, चिंता और मानसिक अशांति को दूर करने का सरल उपाय है. मस्तिष्क में गूंजने वाली ध्वनि मन और तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. यह चिंता, क्रोध, घबराहट को दूर करने में मदद करती है.

आयुष मंत्रालय भ्रामरी प्राणायाम करने का सही तरीका भी बताता है. इसके लिए शांत और हवादार जगह चुनें. किसी भी आरामदायक ध्यान मुद्रा, जैसे सुखासन या पद्मासन में बैठें और आंखें बंद करें. नाक से गहरी सांस लें. इसके बाद, दोनों तर्जनी उंगलियों से आंखों को हल्के से दबाएं, मध्यमा उंगलियों को नाक के किनारों पर रखें, अनामिका उंगली ऊपरी होंठ के ऊपर और कनिष्ठा उंगली निचले होंठ के नीचे रखें. दोनों अंगूठों से कानों को बंद करें. इसे षण्मुखी मुद्रा कहते हैं. अब, सांस छोड़ते समय मधुमक्खी की तरह गहरी गुनगुनाहट की ध्वनि निकालें और इस ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें. सांस छोड़ने के बाद हाथों को घुटनों पर लौटाएं. यह एक चक्र है. शुरुआत में पांच चक्र करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.

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भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर काफी सकारात्मक प्रभाव डालता है. गुनगुनाहट की ध्वनि मन को शांत करती है, जिससे चिंता, क्रोध और हाइपरएक्टिविटी कम होती है. यह माइग्रेन और सिरदर्द से राहत देता है, नींद की गुणवत्ता सुधारता है और तनाव को कम करने में भी सहायक है. यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, एकाग्रता बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता प्रदान करने में भी मददगार है. नियमित अभ्यास से भावनात्मक संतुलन और आंतरिक शांति प्राप्त होती है.

भ्रामरी प्राणायाम एक सरल और प्रभावी तकनीक है, जो आधुनिक जीवन की भागदौड़ में मन को शांति और शरीर को राहत देती है. इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप माइग्रेन और तनाव से छुटकारा पा सकते हैं. एक्सपर्ट भ्रामरी प्राणायाम करते समय कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं. इसे खाली पेट या भोजन के कुछ घंटों बाद करें. कान या साइनस के गंभीर रोगों से पीड़ित लोग इसे न करें. गर्भवती महिलाएं और हृदय रोग से ग्रसित लोगों को सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए. गुनगुनाहट की ध्वनि को जबरदस्ती न बढ़ाएं, इसे सहज रखें. यदि चक्कर या असुविधा महसूस हो, तो अभ्यास रोक दें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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