Diwali Safety Rules: देश और दुनिया में पांच दिनों तक चलने वाले त्योहारों का जश्न दिवाली की रात को अपने चरम पर होता है. हिंदुओं का त्योहार दीवाली अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों समेत प्रियजनों के साथ मिलकर खुशियां मनाने का समय है. रोशनी का जश्न दीपावली साल का वह बेशकीमती समय है जब घरों, दफ्तरों और समुदायों में साफ तौर पर उल्लास की भावना देखी जाती है. रोशनी, रंगोली, फुलझड़ियां, स्वादिष्ट भोजन और पारिवारिक बंधन से जुड़ा दिवाली का त्योहार ऐसा समय भी है जब परिवार के सदस्यों और घर की सुरक्षा चिंता का मुद्दा भी बन सकती है.
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दिवाली पर क्यों जरूरी है कई मोर्चों पर सुरक्षा की व्यवस्था?
दिवाली पर सुरक्षा का मतलब महज दीयों और पटाखों के आस-पास सावधान रहना ही नहीं है. इसमें कई दूसरे फैक्टर्स भी शामिल हैं. जैसे घर को चोरी से सुरक्षित रखना, अपने बड़ों के आराम को सुनिश्चित करना, बच्चों को जलने से बचाना और पटाखों के फटने से होने वाली तेज आवाज से पालतू जानवरों की रक्षा करना. इसमें पर्यावरण और सड़कों को गंदगी से मुक्त और कम प्रदूषित रखना भी शामिल है. दिवाली का त्योहार मनाने के दौरान ये सुरक्षा बिल्कुल जरूरी हैं.
दिवाली पर सुरक्षा के उपाय, नियम और सावधानियां क्या-क्या हैं?
दिवाली के मौके पर खासतौर पर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई त्योहार का पूरे दिल से आनंद उठाए, लेकिन साथ ही पूरी तरह सुरक्षित भी रहे. इसलिए अपने परिवार और करीबियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है. आइए, जानते हैं कि दिवाली के त्योहार पर सुरक्षा के लिए अपनाए जाने वाले उपाय, नियम और सावधानियां क्या-क्या हैं? परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर कैसे सुरक्षित तरीके से दिवाली का जश्न मनाएं और खुश रहें.
सुरक्षित तरीके से दिवाली का जश्न कैसे मनाएं? ( How To Celebrate Diwali Safely?)
1. दीए
दिवाली वह समय है जब हमारे घर खूबसूरत मिट्टी के दीयों की चमक से जगमगाते हैं. ये हमारे जीवन में रौशनी लाते हैं तो कभी-कभार आग का कारण भी बन सकते हैं. इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप और आपका परिवार आग से जुड़ी दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहें. दीयों को पर्दों और दूसरे ज्वलनशील चीजों से दूर रखें. बिजली के तारों के पास दिये या मोमबत्तियां जलाने से बचें. दीयों को जमीन या समतल सतह पर रखें ताकि वे स्थिर रहें. बच्चों को दीयों से दूर रखें, ताकि वे गलती से जल न जाएं. चौकन्ने रहें कि छोटे बच्चे जलते दीयों के पास न जाएं या उन्हें न छुएं. दरवाज़े साफ रखें, ताकि बच्चे दीयों से टकराकर गिरने और चोट खाने से बचें.
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2. पटाखे
दिवाली के जश्न में पटाखे बहुत अहम होते हैं. खास तौर पर परिवार में बच्चे हों तो पटाखे फोड़ने से रोकना मुश्किल हो जाता है. पटाखों को सही तरीके से न जलाया जाए तो दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. इससे बचने के लिए बहुत ज़्यादा धमाका या आवाज करने वाले पटाखों को न खरीदें. अच्छी दुकान से प्रतिष्ठित ब्रांड के क्वालिटी वाले पटाखे ही घर लाएं. बच्चों को खुली जगह में और बड़ों की निगरानी में ही पटाखे जलाने दें. पटाखे छोड़ने वक्त बिजली के खंभों या तारों से दूर रहें. अफरातफरी न करें. आतिशबाजी वाली जगह पर पानी से भरी एक बाल्टी जरूर रखें.
3. कूड़े-कचरे का सुरक्षित निपटारा
जले हुए पटाखों का सुरक्षित तरीके से निपटारा करें. आधे जले हुए पटाखे भी खतरनाक साबित हो सकते हैं. यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह हो सकते हैं. इस्तेमाल की गई फुलझड़ियां, फव्वारे, चकरी और रॉकेट एक साथ रखें और उन्हें फेंकने से पहले पानी की बाल्टी में डाल दें. जले हुए पटाखों से बचे मलबे को साफ करें और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उनका निपटारा करें.
4. शोर और धुआं प्रदूषण
दिवाली के दौरान शोर का स्तर बहुत ज़्यादा हो सकता है. भले ही आप शोर मचाने वाले पटाखे न जला रहे हों, फिर भी आपके आस-पास के लोग ऐसा कर रहे होंगे. बुजुर्गों, बच्चों और शिशुओं के लिए यह शोर असहनीय लग सकता है. बच्चे आसानी से चौंक जाते हैं और अक्सर लगातार रोने लगते हैं. इसके अलावा, ध्वनि और धुएं से उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
इसलिए बुजुर्गों, बच्चों और पालतू जानवरों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पटाखों का कम इस्तेमाल करें. अगर परिवार में किसी को धुएं से एलर्जी है, तो उन्हें ज्यादा धुआं वाली जगहों से दूर रखें. बच्चों को घर के अंदर रखें और सभी दरवाज़े और खिड़कियां बंद रखें ताकि पटाखों की आवाज़ और उनसे निकलने वाला धुआं कम से कम अंदर आए.
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5. पालतू जानवरों की सुरक्षा
दिवाली पर आतिशबाजी से पालतू जानवरों को तकलीफ हो सकती है. वे शोर के कारण बहुत भ्रमित होते और डर जाते हैं. इसलिए अपने पालतू जानवरों को घर के उस हिस्से में रखें जो बाहरी शोर से सबसे ज़्यादा सुरक्षित हो. अपने परिवार के सदस्यों या आस-पड़ोस के लोगों को पालतू जानवरों या आवारा जानवरों के साथ पटाखों वाली शरारत करने से रोकें.
6. कपड़े
दिवाली जैसे अवसर पर कौन नए और अच्छे कपड़े पहनना पसंद नहीं करता? माता-पिता अपने बच्चों को शानदार कपड़े पहनाते हैं. हालांकि, पटाखे फोड़ते समय समझदारी से कपड़े पहनना जरूरी है. आतिशबाजी के समय सिंथेटिक मटेरियल से बने कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि ये आसानी से आग पकड़ सकते हैं. इसकी जगह ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें. बच्चों को आरामदेह और पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनाएं. साथ ही किसी भी हादसे से बचने के लिए अपने और अपने बच्चों के बालों को मजबूती से बांधें.
7. फूड सेफ्टी
दिवाली स्वादिष्ट मिठाई खाने और बेहतरीन भोजन करने का भी त्योहार है. हालांकि, त्योहारों के दौरान मांग में बढ़ोतरी के कारण, बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की क्वालिटी में गिरावट आ सकती है. इसलिए अच्छी मिठाई और खाने-पीने का सामान प्रतिष्ठित स्टोर और दुकानों से ही खरीदें. हर कोई, खासकर बच्चे, किसी भी भोजन को खाने या छूने से पहले अपने हाथ जरूर धोएं. जहां तक हो सके स्ट्रीट फूड से बचें. रसोई में अपने खाने को हमेशा अच्छे से ढक कर रखें.
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8. पर्यावरण की सुरक्षा
दिवाली को सावधानी से नहीं मनाने का असर हमारे पर्यावरण पर भी पड़ता है. पटाखे जलाने से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का धमाका ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता है. यह प्रदूषण इंसानों और जानवरों की सेहत के लिए खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए पटाखे जलाते समय डेसिबल लेवल को काबू रखें. कम आवाज और धुआं वाले पटाखे चुनने की कोशिश करें. रैपर और इस्तेमाल किए गए पटाखों का सही तरीके से निपटारा करें. दिवाली के जश्न के दौरान गमलों में लगे पौधों की देखभाल करें. उन्हें कुचले जाने से बचाएं. अपने आसपास के लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के बारे में जागरूक करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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