Blood Donations: ब्लड डोनेशन यानी रक्तदान के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा. लेकिन क्या आपको पता है ब्लड डोनेशन कई तरह (Types of Blood donation) का होता और इनका इस्तेमाल अलग-अलग मेडिकल जरूरतों के लिए किया जाता है. हमारा खून चार चीजों से मिलकर बना होता है - रेड ब्लड सेल यानि कि लाल रक्त कोशिका, व्हाइट ब्लड सेल यानी कि श्वेत रक्त कोशिका, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा. आज हम जानेंगे कि रक्तदान कितने तरह का होता है और सभी में क्या अंतर है. साथ ही जानते हैं कि किस तरह के रक्तदान की जरूरत कब पड़ती है.
कितने तरह का होता है ब्लड डोनेशन (Types of Blood Donations)
1. संपूर्ण रक्तदान (Whole Blood donation)
इस तरह के रक्तदान में खून को ओरिजनल फॉर्म में ट्रांसफ्यूज (transfuse) किया जा सकता है. ब्लड डोनेट करने वाला व्यक्ति एक बार में लगभग आधा लीटर ब्लड डोनेट कर सकता है. बाद में खून को इसके तत्वों जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स में अलग अलग कर लिया जाता है. संपूर्ण रक्तदान की जरूरत ज्यादातर सर्जरी कराने वाले लोगों को पड़ती. इस तरह के ब्लड डोनेशन में लगभग 1 घंटा लगता है.
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2. प्लेटलेट्स डोनेशन ( Platelet donation)
प्लेटलेट्स आपके खून में मौजूद छोटी कोशिकाएं (tiny cells) होती हैं जो थक्के बनाती हैं और रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग को होने से रोकती हैं. प्लेटलेट्स डोनेशन की जरूरत अक्सर कैंसर के मरीज और गंभीर बीमारियों और चोटों का सामना करने वाले लोगों को होती है. ब्लड क्लोटिंग की समस्या है और ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मरीजों को भी प्लेटलेट्स दिया जाता है. प्लेटलेट्स डोनेशन (Platelet donation) में करीब 2.5-3 घंटे का समय लगता है.
3. प्लाज्मा डोनेशन (Plasma donation)
प्लाज्मा आपके खून का एक हिस्सा है जिसका इस्तेमाल आपातकालीन स्थितियों में मरीजों के इलाज के लिए किया जाता है. एबी प्लाज्मा (AB plasma) किसी को भी दिया जा सकता है, चाहे उसका ब्लड ग्रुप कुछ भी हो. प्लाज्मा डोनेशन में खून यानी ब्लड के लिक्विड पार्ट को लिया जाता है. प्लाज्मा का सबसे जरूरी काम है एंटीबॉडी बनाना, जो इंफेक्शन से लड़ने में आपकी मदद करता है. प्लाज्मा में एल्बुमिन और फाइब्रिनोजेन नाम के दो प्रोटीन होते हैं, जो इन्फेक्शन से लड़ते हैं. यह ब्लड को क्लॉट करने में मदद करता है इसलिए ब्लीडिंग रोकने के लिए भी प्लाज्मा चढ़ाया जाता है. प्लाज्मा डोनेशन (Plasma donation) में करीब 1 घंटा 15 मिनट का समय लगता है.
4. डबल रेड सेल डोनेशन ( Double red cell donation)
डबल रेड सेल डोनेशन में डोनर से पूरा ब्लड लेने की जगह खून में मौजूद सिर्फ रेड सेल्स को लिया जाता है. रेड सेल्स बॉडी के ऑर्गन और टिश्यू में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. रेड सेल्स की जरूरत उन लोगों को होती है जिनमें गंभीर रूप से खून की कमी है. जैसे किसी एक्सीडेंट में घायल हुए लोग. इसके अलावा एनीमिया के मरीजों को भी रेड सेल्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. इसमें करीब 1.5 घंटे का समय लगता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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