Teeth Brushing: दांतों को एक बार में कितनी देर ब्रश करना चाहिए? अगर आप भी करते हैं ये गलती तो पड़ेगा पछताना!

Teeth Brushing Tips: दांतों पर जमी प्लाक या गंदगी की सख्त परत हटाना बेहतर है और इसके लिए तीन से चार मिनट तक मंजन करना चाहिए. क्या इसका अर्थ यह है कि हमें दांत साफ करने का अपना समय दोगुना कर देना चाहिए?

Teeth Brushing: दांतों को एक बार में कितनी देर ब्रश करना चाहिए? अगर आप भी करते हैं ये गलती तो पड़ेगा पछताना!

Teeth Brushing: दांतों पर जमी प्लाक या गंदगी की सख्त परत हटाना बेहतर है

Teeth Brushing Time: हम में से कई लोग इस सलाह के बारे में जानते हैं कि हमें दिन में दो बार और हर बार कम से कम दो मिनट तक अपने दांत साफ करने चाहिए. कई लोगों का कहना है कि केवल एक मिनट तक मंजन करना यानी दांतों को ब्रश करना पर्याप्त है, जबकि कुछ साक्ष्यों का कहना है कि दो मिनट तक मंजन करना भी पर्याप्त नहीं है. शोधों के अनुसार, दांतों पर जमी प्लाक या गंदगी की सख्त परत हटाना बेहतर है और इसके लिए तीन से चार मिनट तक मंजन करना चाहिए. क्या इसका अर्थ यह है कि हमें दांत साफ करने का अपना समय दोगुना कर देना चाहिए?

दांतों को मजबूत करने के लिए कितनी देर करें ब्रश?

दंतचिकित्सकों ने 1970 के दशक में दो मिनट तक मंजन करने की सलाह देनी शुरू कर दी थी और बाद में उन्होंने नरम ब्रश का इस्तेमाल करने की सलाह दी. हालांकि आज ब्रश करने के समय, तकनीक और टूथब्रश के प्रकार को लेकर को जो सर्वसम्मति बनी है, वह 1990 के दशक से प्रकाशित अध्ययनों के आधार पर ही बनी है. इन अध्ययनों में बताया गया है कि दो मिनट ब्रश करने से दांतों से बेहतर तरीके से गंदगी हट जाती है. दो मिनट से अधिक समय तक ब्रश करने से अधिक प्लाक हटते हैं, लेकिन अभी इस बात का पता लगाने को लेकर पर्याप्त शोध नहीं किया गया है कि क्या दो मिनट से अधिक समय तक मंजन करने से लंबे समय में दांत अपेक्षाकृत अधिक मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है.

दांतों को ब्रश न करने से बढ़ जाता है प्लाक लेवल

जब हम अपने दांतों को ब्रश करते हैं, तो हम दांतों की सतहों से कीटाणुओं (जिन्हें दांतों के प्लाक के रूप में जाना जाता है) को हटाने के मुख्य उद्देश्य से ऐसा करते हैं. यह प्लाक बैक्टीरिया, कवक और वायरस का एक संचय है जो एक माइक्रोबियल बायोफिल्म के रूप में जाने जाने वाले समुदाय में एक साथ रहते हैं. बायोफिल्म बहुत चिपचिपे होते हैं और इन्हें केवल ब्रश करके ही हटाया जा सकता है.

अपने दांतों को ठीक से या लंबे समय तक ब्रश न करने से इसका प्लाक लेवल बढ़ सकता है, जिससे अंततः हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम सक्रिय हो सकता है और मसूड़ों में सूजन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. यह सूजन आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती है, लेकिन ब्रश करते समय मसूड़ों से अक्सर खून बहता है और कभी-कभी सांसों से बदबू आती है. बायोफिल्म भी दांतों की सड़न का कारण बन सकती हैं.

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मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर सलाह दी जाती है कि हर बार चार मिनट तक ब्रश करके दांतों को बेहतर तरीके से साफ किया जा सकता है, लेकिन दांतों को दिन में दो से अधिक बार साफ करने से बचें और सख्त बाल वाले ब्रश का इस्तेमाल नहीं करें. इससे आपके दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है. आप दांतों को ब्रश करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. संशोधित ‘बास' तकनीक का इस्तेमाल करने की सर्वाधिक सलाह दी जाती है. इसका उद्देश्य मसूड़ों के निचले हिस्से तक सफाई करना है. यह दांत का वह हिस्सा है, जहां प्लाक सबसे पहले बनते हैं और इसी के कारण सूजन होने की सबसे अधिक संभावना होती है. आपको अपने दांत बहुत जोर से साफ नहीं करने चाहिए. कोमलता से दांत ब्रश करने को प्राथमिकता दी जाती है ताकि हम अपने मुंह के सख्त और कोमल ऊतकों को नुकसान न पहुंचा दें.

ब्रश करने के अलावा ‘फ्लॉस' (दांत साफ करने के धागे) के जरिए भी दांत साफ करने की सलाह दी जाती है. टूथ पिक, वॉटर जेट, या जीभ साफ करने वाले क्लीनर जैसे अन्य उपकरणों के प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. हम भले ही इस सलाह को मानते हों कि हमें दिन में दो बार और हर बार दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम दांत साफ करने की उचित तकनीक पर ध्यान केंद्रित करें. दो मिनट से अधिक समय तक ब्रश करके हमारे दांतों से अधिक प्लैक्स हटाने में मदद मिल सकती है, जिससे हमारे दांत और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है.

इस बारे में हमने द्वारका, दिल्ली में अभ्यास करने वाले एक योग्य दंत चिकित्सक डॉक्टर नरेंद्र सिंह से बात की, उनका कहना है कि, "ऊपर दिए गया शोध सही है क्योंकि बायोफिल्म दांतों पर एक चिपचिपी सफेद परत होती है, जिससे पट्टिका का निर्माण हो सकता है जो बदले में टैटार का निर्माण करता है, अगर इसे हटाया नहीं जाता है. बायोफिल्म से मसूड़े की सूजन और अन्य मौखिक रोग हो सकते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि दांतों को कम से कम दो मिनट तक ब्रश किया जाए. दातों को आगे और पीछे की गति में और दिन में दो से तीन बार ब्रश करना चाहिए. दांतों के बीच अंतराल में बायोफिल्म को इंटरडेंटल ब्रशिंग या फ्लॉसिंग से हटाया जा सकता है. दंत चिकित्सक द्वारा हर छह महीने में स्केलिंग करने से टैटार को हटाने और पेशेवर रूप से पट्टिका को हटाने में मदद मिलेगी. आपको इन सभी उपायों से मदद मिलेगी और आप मौखिक स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखेंगे."

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(डॉ नरेंद्र सिंह द्वारका, दिल्ली में अभ्यास करने वाले एक योग्य दंत चिकित्सक हैं)

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)