High Intensity Interval Training For Stroke: स्ट्रोक रिहैबिलिटेशन में वर्कआउट के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता है, लेकिन विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) का कम अभ्यास भी निरंतर मॉडरेट फिजिकल एक्सरसाइज की तुलना में ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं. जब स्ट्रोक होता है, तो ब्रेन में ब्लड फ्लो रिस्ट्रिक्ट होता है, जिससे डैमेज होती है जो शारीरिक और मानसिक कार्यों को प्रभावित कर सकती है. व्यायाम न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ावा देकर रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया में बड़ी भूमिका निभाता है, जहां ब्रेन खोए हुए कार्यों को फिर से प्राप्त करने के लिए खुद को तैयार करता है.
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HIIT में तीव्र व्यायाम होता है:
हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग में एक मिनट तक लगातार तीव्र व्यायाम करना शामिल है, जिसके बाद थोड़े समय के लिए आराम करना होता है. स्थिर बाइक, ट्रेडमिल, बॉडीवेट, केटलबेल, डंबल या रस्सी कूदना HIIT वर्कआउट के कुछ उदाहरण हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
नारायण हेल्थ सिटी के इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी और निदेशक और क्लिनिकल लीड डॉ. विक्रम हुडेड ने बताया, "हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग रिहैबिलिटेशन में एक आइडियल बदलाव का रिप्रेजेंटेशन करता है, खासतौर से स्ट्रोक रिकवरी के लिए."
मुंबई के जसलोक अस्पताल के कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. राघवेंद्र रामदासी ने कहा, "लगातार ट्रेडिशनल मॉडरेट एक्सरसाइज, HIIT शरीर को एक्टिविटी के छोटे, तीव्र व्यायाम के अनुकूल होने के लिए प्रेरित करके हार्ट हेल्थ को ज्यादा कुशलता से बढ़ाता है."
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स्ट्रोक के बाद एक्सरसाइज करना फायदेमंद:
कई अध्ययनों से पता चला है कि स्ट्रोक के बाद व्यायाम करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, जिसमें स्ट्रोक की दोबाना होने का जोखिम कम होना और रिकवरी को बढ़ावा देना शामिल है.
जर्नल स्ट्रोक में प्रकाशित एक हालिया शोध से पता चला है कि स्ट्रोक के बाद शरीर की एरोबिक फिटनेस में सुधार के लिए ट्रेडिशनल मॉडरेट एक्सरसाइज की तुलना में 19 मिनट से ज्यादा के हाई इंटेंसिटी वाले इंटरवल ट्रेनिंग के एक मिनट के व्यायाम ज्यादा प्रभावी थे.
साक्ष्य बताते हैं कि HIIT हार्ट रिलेटेड रिकवरी में तेजी ला सकता है और पारंपरिक तरीकों की तुलना में ऑवरओल फिजिकल स्टेमिना में ज्यादा प्रभावी ढंग से सुधार कर सकता है.
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ब्रेन रिकवरी में करता है मदद:
रामदासी ने बताया कि यह विधि न केवल हार्ट और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि सर्कुलेशन में भी सुधार करती है, जो ब्रेन की रिकवरी के लिए जरूरी है.
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि HIIT हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. हुडेड ने कहा, "गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों या स्ट्रोक के बाद जो लोग अभी तक शारीरिक रूप से स्थिर नहीं हैं, उन्हें इस प्रकार के व्यायाम से तब तक बचना चाहिए, जब तक कि वे फिटनेस का एक निश्चित लेवल हासिल नहीं कर लेते."
रामदासी ने कहा कि जो रोगी मेडिकली स्थिर हैं, उन्हें HIIT से सबसे ज्यादा लाभ होता है. विशेषज्ञों ने स्ट्रोक के रोगियों से आग्रह किया कि, "वे किसी भी प्रकार का व्यायाम अपनी क्षमता के अनुसार और संभावित जोखिमों से बचने के लिए किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करें."
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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