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गट हेल्थ से जुड़ा है ब्रेन और सेक्सुअल डिज़ायर का सीधा रिश्ता, डॉक्टर Amit Miglani ने बताया कनेक्शन

आपको जानकर हैरानी होगी की ये दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसी के साथ जुड़ी होती है हमारी सेक्स लाइफ भी. हमारी गट हेल्थ हमारे ब्रेन और यौन इच्छा पर कैसे असर डालती है इस सवाल का जवाब हमको दे रहे हैं Dr. अमित मिगलानी.

गट हेल्थ से जुड़ा है ब्रेन और सेक्सुअल डिज़ायर का सीधा रिश्ता, डॉक्टर Amit Miglani ने बताया कनेक्शन
Gut Health: डॉक्टर ने बताया कैसे पूरे शरीर पर पड़ता है इसका असर.

Brain and Gut Connection: हमारा ब्रेन हमारे पूरे शरीर को चलाने का काम करता है. इसके संचालन से ही हम सारे काम करते हैं. वहीं बात करें आपके पेट यानि की गट हेल्थ की तो शायद ही कुछ लोगों को पता होगा कि हमारा ब्रेन और गट दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. अगर आपकी गट हेल्थ ठीक नहीं है तो इसका असर आपके ब्रेन पर भी पड़ता है. अब आप सोचेंगे कि आखिर पेट और गट एक-दूसरे से कैसे कनेक्ट हो सकते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की ये दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसी के साथ जुड़ी होती है हमारी सेक्स लाइफ भी. हमारी गट हेल्थ हमारे ब्रेन और यौन इच्छा पर कैसे असर डालती है इस सवाल का जवाब हमको दे रहे हैं Dr. अमित मिगलानी ( Director & HOD - Gastroenterology, AIMS, Faridabad). उन्होंने गट और ब्रेन के बीच के कनेक्शन के बारे में बताया है साथ ही बताया कि ये कैसे हमारी सेक्स लाइफ पर भी प्रभाव डालता है.

ब्रेन और गट के बीच में क्या कनेक्शन है? ( What is the Connection Between Brain and Gut)

डॉ अमित मिगलानी ने कहा कि ब्रेन गट एक्सेस से ज्यादा हम इसे गट ब्रेन एक्सेस बोलेंगे. हम गट को पहले रखेंगे. हमारे जो गट में जो नर्वस हैं वो हमारे ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में जितने न्यूरॉन्स हैं उससे भी ज्यादा है. लोग इसे एंट्रिक नर्वस सिस्टम कहते हैं जो हमारे इंटेस्टाइन का नर्वस सिस्टम है उसको सेकेंड ब्रेन भी कहा जाता है. हमारे फॉदर ऑफ मेडिसिन भी कहते हैं कि सारी समस्याएं पेट से ही होती हैं. कही ना कहीं हमारे इंटेस्टाइन में जो नर्वस सिस्टम है उस पर अगर असर पड़ता है. उसके अगर न्यूरोट्रांसमीटर्स पर असर पड़ता है तो वो सीधा हमारे ब्रेन को सिग्नल देता है और ब्रेन से सिग्नल हमारी पूरी बॉडी पर जाता है. एक जरूरी हॉर्मोन होता है सिरोटिन ईन जो कि 90 प्रतिशत इंटेस्टाइन में बनता है और ये जरूरी होता है हमारी भूख के लिए, हमारी स्लीप के लिए, हमारी बोन हेल्थ के लिए, हमारे मूड के लिए, हमारे घावों के भरने के लिए और हमारी सेक्सुअल डिजायर के लिए. तो वो 90 प्रतिशत इंटेस्टाइन में बनता है और फिर जाकर वो बाकी जगह एक्ट करता है. इसका मतलब है कि ऐसा कहा जा सकता है कि अगर आपका पेट ठीक नहीं है तो इसका असर हमारे ब्रेन पर भी पड़ता है.

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नर्वस होने पर पेट में गुड़-गुड़ क्यों होती है?

इसके साथ ही कई बार कुछ लोगों के साथ ऐसा होता है कि वो कुछ नया करने जा रहे होते हैं, या बाहर जा रहे होते हैं तो उनके पेट में गुड़-गुड़ होने लगती है और कई बार लोग बार-बार वाशरूम भागते हैं. आपको बता दें कि ये भी गट और ब्रेन के बीच कनेक्शन की वजह से होता है. इस कनेक्शन को बोलते हैं फियर और फाइट. जब कोई डर होता है तो हमारे ब्रेन के अंदर एड्रिलीन रश और कोटिसो लेवल बढ़ जाता है. जब ये बढ़ जाते हैं तो इसका असर इंटेस्टाइन पर भी पड़ता है. इस वजह से पेट में दर्द होता है और वाशरूम जाने का मन करता है. लू आपको एक प्राइवेट स्पेस देता है. ऐसे में आप सेफ फील करने के लिए लू जाते हैं क्योंकि वहां पर आपसे कोई मिलने नहीं आता है. इसलिए लोग वहां पर जाकर खुद को कॉम डाउन करते हैं. वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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