दुनिया भर के युवा वर्ग में शराब से दूर रहने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. खासकर जेनरेशन जेड, यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मे युवा, में यह बदलाव सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, कानूनी तौर पर शराब पीने की उम्र वाले 36 प्रतिशत युवाओं ने कभी भी शराब नहीं पी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता है. 87 प्रतिशत युवाओं ने बताया कि वे शराब नहीं पीते क्योंकि वे अपना स्वास्थ्य बनाए रखना चाहते हैं और भविष्य में किसी भी गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करना चाहते हैं. 30 प्रतिशत युवाओं ने कहा कि वे पैसे बचाने के लिए शराब से दूर रहते हैं, जबकि 25 प्रतिशत लोग बेहतर नींद पाने के लिए शराब से परहेज करते हैं.
रिपोर्ट में एक नया ट्रेंड 'जेबरा स्ट्रिपिंग' का भी जिक्र किया गया है. इसका मतलब है कि लोग पार्टी या किसी सामाजिक मौके पर अल्कोहल और गैर-अल्कोहल पेय को पीते हैं. इस तरह का तरीका उन्हें शराब की मात्रा कम करने और संयम बनाए रखने में मदद करता है. इस प्रवृत्ति के कारण, नियमित रूप से शराब पीने वालों की संख्या भी घट रही है. 2025 में केवल 17 प्रतिशत लोग हफ्ते में शराब पीते हैं, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 23 प्रतिशत था.
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जो लोग कभी-कभी शराब पीते हैं, उनमें से 53 प्रतिशत लोग अब शराब की खपत कम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह संख्या पांच साल पहले केवल 44 प्रतिशत थी. साथ ही, जिन लोगों ने कभी शराब नहीं पी, उनकी संख्या भी 2020 के बाद 3 प्रतिशत बढ़ गई है. हालांकि, वैश्विक स्तर पर शराब की बिक्री अभी भी बहुत बड़ी है. 2024 में दुनिया भर में शराब की कुल खपत 253 बिलियन लीटर तक पहुंच गई है. लेकिन इसके बावजूद, इसका विकास बहुत धीमा हो गया है.
वहीं रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शराब की खपत 2024 से 2029 के बीच 357 मिलियन लीटर बढ़ने की संभावना है. इससे भारत दुनिया में तेजी से बढ़ने वाला शराब बाजार बन रहा है. हालांकि, यह बदलाव वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत है, जहां युवा वर्ग शराब से दूर हो रहे हैं. रिपोर्ट ने नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला है. शराब की बिक्री में केवल 0.6 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई और इसका कुल बाजार मूल्य 1.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा, वहीं नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की बिक्री 17 प्रतिशत बढ़ी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 से 2029 तक यह बाजार 24 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और 2029 तक यह 10.2 बिलियन लीटर से अधिक हो जाएगा.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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