लिक्विड डाइट लें
डायरिया से बचने के लिए लिक्विड डाइट जैसे पानी या स्पोर्टस ड्रिंक लेनी चाहिए. हालांकि जल्दी-जल्दी पानी पीने से मतली और उल्टी की समस्या बढ़ने का खतरा रहता है इसलिए एक ही बार ज्यादा पानी पीने की बजाए एक- एक घंटे के बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीना बेहतर होता है.
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यूरिन का ध्यान रखें
यूरिन पर ध्यान रखना जरूरी है. पीड़ित नियमित अंतराल पर यूरीन पास कर रहा है या नहीं, उसका यूरिन हल्का और साफ है या नहीं इस पर नजर रखनी चाहिए. यूरिन का गहरा रंग डिहाइड्रेशन का संकेत है. इसके साथ पीड़ित को चक्कर आ रहे हों तो ये डिहाइड्रेशन भी के लक्षण है. इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए.
खाने को हल्का रखें
अगर पीड़ित को मतली का अनुभव हो तो उसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करने को कहें. ऐसा नहीं होने पर उसे नरम, आसानी से पचने वाले फूड्स, जैसे केले, दलिया, खिचड़ी देना शुरू करें. अगर मतली दोबारा आती है तो खाना देना बंद कर दें. कुछ दिनों के लिए दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स, कैफीन, शराब, निकोटीन और तेल और घी वाले और बहुत ज्मयादा सालेदार फूड्स से बचना चाहिए.
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आराम करना जरूरी
बीमारी और डिहाइड्रेशन से कमजोरी और थकान हो सकती है इसलिए आराम करना जरूरी है. थकान कंडिशन को और बिगाड़ सकती है.
इन कंडिशन में मेडिकल हेल्प लें:
- अगर दो दिन या उसके ज्यादा दिन तक उल्टी हो
- कई दिनों डायरिया तक रहे
- डायरिया में ब्लड हो
- बुखार 102 डिग्री या इससे ज्यादा हो
- खड़े होने पर चक्कर या बेहोशी आ रही हो
- भ्रम पैदा हो रहा हो
- पेट में तेज दर्द हो रहा हो
अगर लगे कि बच्चे को गैस्ट्रोएन्टराइटिस है
बच्चे को आराम करने दें. जब बच्चे की उल्टी बंद हो जाए तो डिहाइड्रेशन के उपाय के लिए ओरल रिडिहाइड्रेशन सॉल्यूशन देना शुरू करें. केवल पानी देने से बचें, बहुत जल्दी-जल्दी पीने से लिक्विड मतली और उल्टी की समस्या बढ़ सकती है, इसलिए एक बार में बड़ी मात्रा में लिक्विड पीने की बजाय, कुछ घंटों में छोटे-छोटे घूंट में पिलाने का प्रयास करें. ग्लास या कटोरे से पानी पिलाने के बजाए वॉटर ड्रापर का उपयोग करें. धीरे धीरे खाने के लिए चावल, केले और आलू जैसे नरम, आसानी से पचने वाली चीजें दें. बच्चे को फुल फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे दूध और आइसक्रीम, सोडा और कैंडी जैसे शुगर वाली चीजें देने से बचें. ये डायरिया को बदतर बना सकते हैं. अगर बच्चा मां का दूध पीता है तो उसे दूध पीने दें. अगर बच्चा बोतल से दूध पीता है, तो थोड़ी मात्रा में ओरल रिडिहाइड्रेशन सॉल्यूशन दें.
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इन स्थितियों में मेडिकल हेल्प लें
- बार-बार उल्टी या उल्टी में खून नजर आ रहा हो.
- डायरिया में ब्लड हो.
- डिहाइड्रेशन के लक्षण जैसे मुंह और स्किन ड्राई हो गए हों.
- बहुत ज्यादा प्यास
- धंसी हुई आंखें
- बच्चा बगैर आंसू के रो रहा हो.
- तीन घंटे से ज्यादा समय तक डायपर गीला नहीं हुआ हो.
- तीन महीने से ज्यादा उम्र बच्चे को 102 डिग्री या उससे ज्यादा का बुखार हो.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.