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FSSAI ने किया PM Modi के तेल की खपत कम करने के आह्वान समर्थन, राज्यों से की प्रयासों को बढ़ाने की अपील

FSSAI Guidelines: इंडियन फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) ने राज्यों से मोटापे की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम बनाने सहित अन्य कदम उठाने को कहा है.

FSSAI ने किया PM Modi के तेल की खपत कम करने के आह्वान समर्थन, राज्यों से की प्रयासों को बढ़ाने की अपील
बहुत ज्यादा तेल का सेवन हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों को बढ़ा सकता है.

FSSAI Guidelines: एफएसएसएआई ने प्रधानमंत्री के कार्रवाई के आह्वान पर राज्यों से जागरूकता कार्यक्रमों और ठोस उपायों के साथ मोटापे से निपटने का आग्रह किया. भारत में बढ़ते मोटापे और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए इंडियन फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) ने तेल की खपत को सीमित करने की सलाह दी है. बहुत ज्यादा तेल का सेवन हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों को बढ़ा सकता है. FSSAI का मानना है कि बैलेंस डाइट और लो फैट वाले फूड्स अपनाकर लोग अपने वजन और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं. यह पहल हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने और लोगों को पोषण संबंधी सही निर्णय लेने में मदद करने के उद्देश्य से की गई है. सही डाइट और संयमित तेल उपयोग से मोटापा कंट्रोल करना संभव है.

खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने राज्यों से मोटापे की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम बनाने सहित अन्य कदम उठाने को कहा है.

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प्रधानमत्री के आह्वान का समर्थन

नियामक ने एक बयान में कहा, "मोटापे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कमी लाने के प्रधानमंत्री के आह्वान के जवाब में, इंडियन फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जागरूकता प्रयासों को बढ़ाने और बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता से निपटने के लिए ठोस उपायों को लागू करने का आग्रह किया." 27 मई, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 47वीं केंद्रीय सलाहकार समिति (CAC) की बैठक के दौरान इस मामले पर विचार-विमर्श किया गया.

FSSAI ने राज्यों को इस पहल का सक्रिय रूप से समर्थन करने और बड़े पैमाने पर लागू करने की जरूरत पर बल दिया. इससे स्कूल जाने वाले बच्चों में बहुत ज्यादा चीनी की खपत को रोकने और छोटी उम्र से ही हेल्दी डाइट की आदतों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. FSSAI ने इस बात पर जोर दिया कि "राज्य इन सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों के सफल क्रियान्वयन के लिए जरूरी है."

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तेल की ज्यादा खपत और सेहत पर असर

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादा मात्रा में तेल और फैट का सेवन मोटापा, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है. FSSAI ने सलाह दी है कि प्रतिदिन प्रति व्यक्ति तेल की खपत को कंट्रोल किया जाए, जिससे हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने में मदद मिल सके.

FSSAI की सिफारिशें

तेल की मात्रा सीमित करें: प्रतिदिन लगभग 20-30 ग्राम तेल के सेवन की अनुशंसा की गई है.
हेल्दी ऑयल का चुनाव करें: रिफाइंड तेल के बजाय सरसों, तिल या नारियल जैसे प्राकृतिक तेलों को प्राथमिकता दें.
तलने से बचें: गहरी तली हुई चीजों की बजाय उबालकर, स्टीम या ग्रिल करके बनाए गए फूड्स का सेवन करें.
बैलेंस डाइट: भोजन में फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का उचित संतुलन रखें.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे बदलावों से बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को टाला जा सकता है. तेल की सीमित खपत और हेल्दी फूड ऑप्शन्स अपनाकर लोग न केवल मोटापे से बच सकते हैं, बल्कि अपने हार्ट और ऑलओवर हेल्थ को भी बेहतर बना सकते हैं.

FSSAI की यह सिफारिश मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए एक जागरूक पहल है. सही फूड ऑप्शन्स अपनाकर और तेल की खपत कम करके लोग अपने स्वास्थ्य को लंबे समय तक बेहतर बनाए रख सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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