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गोलब्लैडर या किडनी में ही नहीं, मुंह से लेकर प्रोस्टेट तक शरीर के इन 10 अंगों में बन सकती है पथरी

हैरानी की बात ये है कि इनके लक्षण और परेशानियां हर जगह अलग होती हैं. कई बार ये छोटे होते हैं और चिंता का कारण नहीं होते हैं.

गोलब्लैडर या किडनी में ही नहीं, मुंह से लेकर प्रोस्टेट तक शरीर के इन 10 अंगों में बन सकती है पथरी
शरीर में पथरी कहाँ बनती है?

जब भी स्टोन नाम की बीमारी का जिक्र होता है, तो दिमाग में सबसे पहले किडनी स्टोन का ही ख्याल आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में गला, मुंह, ब्लैडर या यहां तक कि नाक और नसों तक में भी स्टोन बन सकते हैं? हैरानी की बात ये है कि इनके लक्षण और परेशानियां हर जगह अलग होती हैं. कई बार ये छोटे होते हैं और चिंता का कारण नहीं होते हैं. लेकिन कहीं- कहीं ये बड़े होकर तीखा दर्द और खतरा पैदा कर देते हैं. आइए जानते हैं कि शरीर के किन-किन हिस्सों में स्टोन बन सकते हैं और इनकी पहचान कैसे की जाए.

शरीर के इन अंगों में बन सकते हैं स्टोन (Stones can form in these parts of the body)

1. किडनी की पथरी

कैल्शियम जैसे मिनरल जब यूरिनरी ट्रैक्ट में इकट्ठा हो जाते हैं तो किडनी स्टोन बनते हैं. अगर ये बड़े हो जाएं तो यूरिन का रास्ता ब्लॉक कर सकते हैं और कमर के पास तेज दर्द होता है. कई बार खून या स्टोन का छोटा टुकड़ा भी पेशाब में दिख सकता है. छोटे स्टोन अपने आप निकल जाते हैं, लेकिन बड़े होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.

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2. गले की पथरी

टॉन्सिल्स में फंसे खाने के टुकड़े, डेड स्किन या डस्ट जमकर टॉन्सिल स्टोन बना सकते हैं. इन्हें टॉन्सिलोथ्स कहा जाता है. इसके चलते गले में खराश, बदबूदार सांस और सूजे हुए टॉन्सिल्स में सफेद धब्बे दिख सकते हैं. हल्के स्टोन ब्रश या गार्गल से निकल जाते हैं, वरना डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है.

3. ब्लैडर की पथरी

अगर यूरिन पूरी तरह बाहर नहीं निकलता या उसमें मिनरल का लेवल गड़बड़ हो, तो ब्लैडर स्टोन बन सकते हैं. कभी-कभी ये किडनी से नीचे आकर भी बड़े हो जाते हैं. इनके लक्षण हैं धुंधला या खून मिला यूरिन और नीचे पेट में दर्द. इसका इलाज कई तरह से किया जाता है जिसमें दवाएं, सर्जरी या लेजर और साउंड वेव से स्टोन तोड़ना शामिल है.

4. गॉलब्लैडर की पथरी

ये छोटा सा ऑर्गन पित्त (Bile) को स्टोर करता है. पित्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन (Bilirubin) की वजह से गॉलब्लैडर स्टोन बन जाते हैं. ये ज्यादातर छोटे और बिना दर्द वाले होते हैं, लेकिन अगर दर्द बढ़े तो गॉलब्लैडर को निकालने की सर्जरी करनी पड़ती है.

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Photo Credit: istock

5. प्रोस्टेट की पथरी

पुरुषों में ब्लैडर के पास मौजूद ये छोटी ग्रंथि स्पर्म को प्रोटेक्ट करने वाला फ्लूइड बनाती है. यहां बनने वाले स्टोन खसखस के दानों जितने छोटे होते हैं और ज्यादातर मिडिल एज या बुजुर्गों में पाए जाते हैं. आमतौर पर इनसे परेशानी नहीं होती, लेकिन इंफेक्शन होने पर प्रोस्टेट फूल सकता है और यूरिनरी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. ऐसे में एंटीबायोटिक या इलाज की जरूरत होती है.

6. मुंह की पथरी

मुंह के अंदर भी स्टोन बन सकते हैं. ये दर्द और सूजन का कारण बनते हैं और खाने के वक्त लार के रास्ते को ब्लॉक कर सकते हैं. अक्सर ये जीभ के नीचे सफेद दाने जैसे दिखते हैं. ज्यादा पानी पीना, मसाज करना या खट्टा खाने से ये निकल सकते हैं. वरना डॉक्टर इन्हें हटा देते हैं.

7. पैंक्रियास की पथरी

ये ऑर्गन खाने को पचाने और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है. गॉलब्लैडर से निकले स्टोन बाइल डक्ट से होकर पैंक्रियास तक पहुंच जाएं तो वहां सूजन हो सकती है. लक्षण हैं बुखार, तेज धड़कन, उल्टी और पेट दर्द जो पीठ तक जाता है. अगर स्टोन खुद न निकले तो डॉक्टर इसे हटाते हैं.

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8. नाक की पथरी

ये बहुत रेयर केस है. बचपन में नाक में फंसी कोई चीज जैसे बटन, बीज या लकड़ी का टुकड़ा धीरे-धीरे मिनरल जमा होने से स्टोन में बदल सकती है. सालों बाद एक नथुने से बदबूदार बलगम और दर्द के लक्षण दिखते हैं. डॉक्टर इसे स्पेशल टूल या सर्जरी से निकालते हैं.

9. वेन की पथरी

अगर वेन नॉर्मल तरीके से न बढ़ें तो वहां ब्लड धीरे-धीरे जमकर हार्ड स्टोन बना सकता है. ये अक्सर होंठ, गाल, सिर और गर्दन के हिस्सों में दिखते हैं. इससे दर्द और स्किन का रंग बदल सकता है. इलाज में डॉक्टर नसों की स्थिति चेक करके लक्षण कंट्रोल करते हैं.

10. पेट और आंत की पथरी

ये बहुत रेयर केस है. डाइवर्टिकुलाइटिस, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज या ऑपरेशन के बाद भी पेट या आंतों में स्टोन बन सकते हैं. इसका इलाज आमतौर पर ऑपरेशन से ही होता है और डॉक्टर इसकी वजह तलाशते हैं ताकि ये फिर से न बने.

निष्कर्ष 

ये सारी जानकारी बताती है कि स्टोन सिर्फ किडनी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि शरीर के कई हिस्सों में बन सकते हैं. इसलिए लक्षण दिखने पर इन्हें नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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