विज्ञापन

प्रेग्नेंसी के दौरान बिल्कुल न करें ये 7 तरह के व्यायाम, वर्ना मिसकैरेज का बढ़ जाएगा खतरा

सेफ और हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए यह समझना जरूरी है कि गर्भपात जैसी कॉम्प्लीकेशन के जोखिम को कम करने के लिए किन व्यायामों से बचना चाहिए.

प्रेग्नेंसी के दौरान बिल्कुल न करें ये 7 तरह के व्यायाम, वर्ना मिसकैरेज का बढ़ जाएगा खतरा
मिसकैरेज को 20वें हफ्ते से पहले प्रेग्नेंसी के खत्म हो जाने के रूप में परिभाषित किया जाता है.

प्रेग्नेंसी खुशी का समय है, लेकिन यह गर्भवती माताओं के लिए जिम्मेदारी की भावना भी लेकर आती है. शरीर में बड़े शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जिससे वर्कआउट रूटीन सहित रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी को एडजस्ट करना जरूरी हो जाता है. हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए फिटनेस बनाए रखना जरूरी है, लेकिन कुछ व्यायाम और फिजिकल एक्टिविटीज रिस्क पैदा कर सकती हैं, खासकर शुरुआती स्टेज में जब गर्भपात की चिंता होती है. सेफ और हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए यह समझना जरूरी है कि गर्भपात जैसी कॉम्प्लीकेशन के जोखिम को कम करने के लिए किन व्यायामों से बचना चाहिए.

गर्भपात कई कारणों से हो सकता है, जिसमें आनुवंशिक असामान्यताएं, हार्मोनल असंतुलन या मां के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं शामिल हैं. हालांकि, जोरदार फिजिकल एक्टिविटी या कुछ हाई इंटेसिटी वाले व्यायाम करने से गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है, खासकर शुरुआती स्टेज में. महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और अपने बढ़ते बच्चे की वेलबीइंग की रक्षा के लिए अपने वर्कआउट रूटीन के साथ एक्स्ट्रा सावधानी बरतनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: रोज हल्दी का पानी पीने से क्या होता है? ये चमत्कारी फायदे जान आज से शुरू कर देंगे आप सेवन

गर्भावस्था के दौरान गर्भपात को समझना:

मिसकैरेज को 20वें हफ्ते से पहले प्रेग्नेंसी के खत्म हो जाने के रूप में परिभाषित किया जाता है. यह पहली तिमाही के दौरान ज्यादा आम है और अक्सर भ्रूण में गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं के कारण होता है. हालांकि, हाई फिजिकल स्ट्रेस, अपर्याप्त पोषण या शारीरिक रूप से जोखिम भरी एक्टिविटीज में शामिल होने जैसे कारक भी गर्भपात में योगदान दे सकते हैं. हालांकि गर्भावस्था के दौरान व्यायाम आम तौर पर फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ प्रकार के व्यायाम गर्भावस्था की जटिलताओं या यहां तक कि गर्भपात की संभावना को बढ़ा सकते हैं अगर वे मां के शरीर पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं. नीचे 7 व्यायाम दिए गए हैं जिन्हें एक्सपर्ट्स कॉम्प्लीकेशन को रोकने के लिए गर्भावस्था के दौरान करने से बचने की सलाह देते हैं. 

गर्भावस्था के दौरान इन व्यायामों को करने से बचें | Avoid Doing These Exercises During Pregnancy

1. हाई इंपेक्ट वाले एरोबिक व्यायाम

हाई इंपेक्ट वाले एरोबिक व्यायाम जैसे दौड़ना, कूदना या कार्डियो वर्कआउट, जोड़ों और पेट के क्षेत्र पर अनुचित दबाव डाल सकते हैं, जिससे गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है. ये एक्टिविटीज अक्सर बहुत ज्यादा उछलने और झटकेदार हरकतों का कारण बनती हैं, जिससे पेल्विक एरिया और बढ़ते भ्रूण पर तनाव हो सकता है.

गर्भावस्था के दौरान लिगामेंट और जोड़ ढीले हो जाते हैं, जिससे शरीर चोटिल होने के लिए ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है. हाई इपेक्ट वाले व्यायाम गिरने और अन्य दुर्घटनाओं के जोखिम को बढ़ाते हैं, जो मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: Pexels

2. भारी वजन उठाना

गर्भावस्था के दौरान भारी वजन उठाना एक और जोखिम भरा काम है, खासकर जब इसमें मेन मसल्स को शामिल करना या पेट के क्षेत्र पर बहुत ज्यादा दबाव डालना शामिल हो. भारी वजन उठाने के दौरान तनाव से पेट में चोट लग सकती है या समय से पहले प्रसव और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है.

गर्भावस्था के दौरान शरीर का गुरुत्वाकर्षण केंद्र बदल जाता है, जिससे संतुलन बनाना ज्यादा कठिन हो जाता है. भारी वजन उठाने से चोट लग सकती है और पेट में बहुत ज्यादा तनाव के कारण गर्भपात का खतरा भी बढ़ सकता है.

3. हाई इटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT)

HIIT आमतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत कठिन होता है. तीव्रता और शारीरिक परिश्रम में तेज बदलाव से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे गर्भपात जैसी जटिलताएँ हो सकती हैं.

बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हार्ट सिस्टम पर दबाव डाल सकता है और पर्याप्त रिकवरी समय प्रदान नहीं कर सकता है, जिससे गर्भावस्था के दौरान यह एक जोखिम भरा व्यायाम विकल्प बन जाता है.

यह भी पढ़ें: अच्छी हेल्थ के लिए इस पतझड़ में अपनी डाइट में शामिल करें ये मौसमी फूड्स, बीमारियां रहेंगी कोसों दूर

4. पीठ के बल लेटने वाले व्यायाम

पहली तिमाही के बाद ऐसे व्यायामों से बचना जरूरी है जिनमें पीठ के बल लेटना शामिल हो, जैसे कि कुछ योग मुद्राएं या पेट के व्यायाम. पीठ के बल लेटने पर गर्भाशय का भार प्रमुख ब्लड वेसल्स को संकुचित कर सकता है, जिससे मां और बच्चे दोनों में ब्लड फ्लो सीमित हो सकता है, जिससे कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं.

रिस्ट्रिक्टेड ब्लड फ्लो की वजह से चक्कर आना, मतली और भ्रूण को ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो सकती है, जिससे गर्भपात या अन्य जटिलताओं का जोखिम बढ़ सकता है.

5. खेल

बास्केटबॉल, फुटबॉल या मार्शल आर्ट जैसे शारीरिक संपर्क वाले खेलों में गिरने, टकराव और पेट में चोट लगने का हाई रिस्क होता है. इन खेलों से पेट पर सीधा प्रभाव पड़ने वाली चोट या आकस्मिक चोट लग सकती है, जिससे गर्भपात हो सकता है या गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है.

गिरने या पेट पर सीधे आघात के जोखिम वाली कोई भी एक्टिविटी से बचना चाहिए क्योंकि यह गर्भावस्था को खतरे में डाल सकती है और गर्भपात की संभावना को बढ़ा सकती है.

6. हॉट योगा या हॉट पिलेट्स

हॉट योगा और हॉट पिलेट्स, जिसमें गर्म कमरे (अक्सर लगभग 95-100 डिग्री फारेनहाइट) में व्यायाम करना शामिल है, गर्भावस्था के दौरान खतरनाक हैं क्योंकि वे ज्यादा गरम होने और डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को गर्मी के तनाव का ज्यादा खतरा होता है, जिससे बच्चे के विकास को खतरा हो सकता है.

ज्यादा गर्मी से चक्कर आना, बेहोशी हो सकती है और न्यूरल ट्यूब दोष और गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है. हालांकि, नियमित योग या पिलेट्स, ठंडे वातावरण में सही तरीकों के साथ आमतौर पर सुरक्षित होते हैं.

7. डीप स्क्वैट्स या लंजेस

जबकि स्क्वैट्स और लंजेस को अक्सर शरीर के निचले हिस्से की ताकत के लिए फायदेमंद माना जाता है, डीप स्क्वैट्स और लंजेस जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं, गर्भावस्था के दौरान जोखिम भरे हो सकते हैं. ये व्यायाम पैल्विक दर्द, जोड़ों की अस्थिरता और गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, खासकर गर्भावस्था के बाद के चरणों में.

गर्भावस्था के दौरान लिगामेंट्स और जोड़ों के ढीले होने से डीप स्क्वैटिंग व्यायाम ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं, जिससे संभावित रूप से चोट लग सकती है या पेट के क्षेत्र पर अनावश्यक तनाव पड़ सकता है.

गर्भावस्था सावधानी बरतने का समय है, खासकर जब फिजिकल एक्टिविटी की बात आती है. हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए एक्टिव रहना जरूरी है, लेकिन कुछ व्यायाम गर्भपात और अन्य जटिलताओं के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

क्या आईपिल लेने के बाद कोई महिला गर्भवती हो सकती है? यहां जानें गर्भन‍िरोधन के बेस्‍ट तरीके...

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com