Diabetic Kidney Disease: डायबिटिक किडनी, जिसे डायबिटिक नेफ्रोपैथी के रूप में भी जाना जाता है, एक खतरनाक पुरानी कंडिशन है जो डायबिटीज वाले लोगों को प्रभावित करती है. यह आमतौर पर अनकंट्रोल हाई ब्लड शुगर लेवल और डायबिटीज की दवा (Diabetes Medicine) के लंबे समय तक उपयोग की वजह से होता है. आपके शरीर से गंदगी को निकालने के अपने नियमित कार्य को करने के लिए किडनी की क्षमता डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) से प्रभावित होती है. एक हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करके और डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का प्रभावी ढंग से मैनेज करके आप डायबिटीज संबंधी नेफ्रोपैथी को रोक या देरी कर सकते हैं.
अगर अनकंट्रोल छोड़ दिया जाए, तो यह किडनी फेलियर (Kidney Failure) का कारण बन सकता है, जिसके लिए डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है. डायबिटिक किडनी डिजीज से जुड़े कई चेतावनी संकेत हैं, जिनके बारे में डायबिटीज से पीड़ित हर व्यक्ति को पता होना चाहिए.
डायबिटिक नेफ्रोपैथी के 7 वार्निंग साइन | 7 Warning Signs Of Diabetic Nephropathy
1) पेशाब में प्रोटीन (प्रोटीन्यूरिया)
डायबिटिक किडनी डिजीज के शुरुआती लक्षण आमतौर पर पेशाब में एल्ब्यूमिन, एक प्रकार के प्रोटीन की मौजूदगी से पहचाने जाते हैं. यूरिन टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है. यूरीन में कोई भी प्रोटीन किडनी डैमेज के लिए एक रेड अलर्ट है.
2) पैरों, टखनों या हाथों में सूजन (एडिमा)
जब किडनी शरीर से एक्स्ट्रा लिक्विड को नहीं निकाल पाती तो सूजन हो सकती है. यह आमतौर पर पैरों, टखनों या हाथों में दिखाई देता है. यह वजन बढ़ने का कारण भी बन सकती है क्योंकि शरीर जरूरत से ज्यादा लिक्विड को बरकरार रखता है.
3) थकान या कमजोरी
डायबिटिक नेफ्रोपैथी के रोगियों में एक बड़ी शिकायत थकान की होती है. यह आमतौर पर एनीमिया के कारण होता है. अगर आपको ये लक्षण दिखाई दे तो अलर्ट हो जाएं.
4) हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन, डायबिटीज नेफ्रोपैथी की बीमारी का एक सामान्य लक्षण है. जब किडनी डैमेज हो जाती हैं, तो वे शरीर के ब्लड प्रेशर रेगुलेशन सिस्टम में असंतुलन पैदा करते हैं, जिससे असामान्य रूप से उच्हाई ब्लड प्रेशर होता है.
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5) भूख में अचानक बदलाव आना
भूख में अचानक बदलाव या भूख कम लगना भी डायबिटिक किडनी डिजीज का चेतावनी संकेत है. यह रक्त में अपशिष्ट उत्पादों के निर्माण के कारण होता है, जिससे मतली, उल्टी, भूख न लगना और वजन कम होता है.
6. नींद आने या सोने में कठिनाई (अनिद्रा)
अनिद्रा या सोने में कठिनाई किडनी की बीमारी का संकेत है. यह आमतौर पर लेग सिंड्रोम के साथ होता है और थकान, चिड़चिड़ापन पैदा कर सकता है.
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7) खुजली वाली त्वचा और ड्राई स्किन
किडनी की बीमारी भी खुजली और ड्राई स्किन का कारण बन सकती है, जो ब्लड प्रेशर में गंदगी और विषाक्त पदार्थों के निर्माण का संकेत है. इससे त्वचा पर दाने, लालिमा और धब्बे हो सकते हैं.
डायबिटीज नेफ्रोपैथी की बीमारी एक खतरनाक स्थिति है जिसके लिए उपचार और रेगुलर मॉनिटरिंग की जरूरत होती है ताकि इसको रोका जा सके. ऊपर बताए गए चेतावनी संकेतों पर नजर रखना और उनमें से कोई भी होने पर हेल्थ केयर एडवाइज लेना जरूरी है. शुरुआती डायग्नोस और उपचार से किडनी डैमेज को रोका जा सकता है और डायबिटीज रोगियों के लिए लाइफ क्वालिटी में सुधार हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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