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रोज़ शाम को खड़कते हैं जाम, तो छोटी-छोटी बातें भूलना हो जाएगा आम — ज़रूर पढ़ें शराब पीने के ये नुकसान

डिमेंशिया के लक्षणों में, व्यक्ति की याददाश्त धीरे- धीरे जाने लगती है, वह रोजमर्रा के काम भूलने लगते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं, क्या शराब पीने वाले लोगों को डिमेंशिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है?

रोज़ शाम को खड़कते हैं जाम, तो छोटी-छोटी बातें भूलना हो जाएगा आम — ज़रूर पढ़ें शराब पीने के ये नुकसान

शाम का समय अक्सर आराम, शायरी और जाम के साथ बिताया जाता है. अक्सर लोगों को कहते सुना जाता है कि कुछ मात्रा में शराब पीना बुरा नहीं है, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए अच्छा हो सकता है. लेकिन क्या हो अगर हम आपसे कहें कि आपकी यह सोच गलत है — और इतनी गलत है कि यह आपके दिमाग पर बुरा असर डाल सकती है. इतना कि आप डिमेंशिया यानी भूलने की भयंकर बीमारी के शिकार हो सकते हैं.

शायद पूरी दुनिया में हर दिन डिमेंशिया (Dementia) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे बचने के लिए लोग अलग-अलग सलाह देते हैं. बता दें, जिस व्यक्ति को डिमेंशिया होता है, उसकी मस्तिष्क की कोशिकाएं (न्यूरॉन) काम करना बिल्कुल बंद कर देती हैं, जिसके कारण व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है और उसे बोलने, समझने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, आखिर डिमेंशिया होने का खतरा सबसे ज्यादा किसे होता है.

क्या शराब का सेवन बढ़ाता है डिमेंशिया होने का खतरा? 

एक नए रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करते हैं, उन्हें डिमेंशिया होने का खतरा कम रहता है. रिसर्च में कहा गया है कि अगर व्यक्ति किसी भी मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, तो अन्य व्यक्तियों की तुलना में, उन्हें  डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ सकता है.

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कितने प्रतिशत शराब पीने वाले लोगों को होता है,  डिमेंशिया का खतरा?

  • आपको बता दें, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में किए गई स्टडी में यूके बायो बैंक और यूएस मिलियन वेटरन प्रोग्राम में शामिल 559,559 लोगों के डाटा की स्टडी की गई है.
  • फॉलो-अप पीरियड के दौरान, लगभग 14,540 लोगों में डिमेंशिया के लक्षण देखे गए.
  • रिसर्चर्स ने पाया कि शराब न पीने वाले 41% लोगों में डिमेंशिया होने का खतरा पाया गया है और शराब पर निर्भर लोगों में यह जोखिम 51% तक बढ़ गया है. 
  • बता दें, रिसर्चर्स ने डिमेंशिया के जीनोम-वाइड एसोसिएशन स्टडी (GWAS) के डेटा का उपयोग करके जेनेटिक एनालिसिस भी किया, जिसमें 2.4 मिलियन लोग शामिल थे.

क्या होते हैं डिमेंशिया के लक्षण?

डिमेंशिया के लक्षणों में, व्यक्ति की याददाश्त धीरे- धीरे जाने लगती है, वह रोजमर्रा के काम भूलने लगते हैं. उन्हें बोलने, समझने में परेशानी होती है. इसी के साथ वह खुद के लिए निर्णय लेने में भी सक्षम नहीं होते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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