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रोगों की दुश्मन है चोबचीनी जड़ी-बूटी, जानें इसका इस्तेमाल और फायदे

इसके कई पारंपरिक नुस्खे भी प्रसिद्ध हैं. अगर गठिया की शिकायत है तो दूध के साथ उबालकर पीने से फायदा मिल सकता है या अश्वगंधा के साथ शहद में भी ले सकते हैं. त्वचा रोगों में चोबचीनी और सरसपरिल्ला का काढ़ा बेहद असरदार होता है.

रोगों की दुश्मन है चोबचीनी जड़ी-बूटी, जानें इसका इस्तेमाल और फायदे
दूध के साथ इसका सेवन करने से त्वचा चमकदार और स्वस्थ रहती है.

Chubchini herbs ke fayde : चोबचीनी एक बेहद ताकतवर औषधीय जड़ी-बूटी है. इसका वैज्ञानिक नाम स्माइलैक्स चाइना है. आयुर्वेद में इसकी जड़ सबसे ज्यादा उपयोगी मानी जाती है. स्वाद में यह थोड़ी कड़वी होती है, लेकिन इसके फायदे इतने ज्यादा हैं कि कड़वाहट बिल्कुल भी मायने नहीं रखती. यह शरीर के तीनों दोषों-वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है और पाचन, त्वचा, जोड़ों और यौन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. आइए जानते हैं यह किन-किन बीमारियों में लाभकारी हैं...

चोबचीनी के फायदे

पाचन तंत्र करे मजबूत

चोबचीनी का सबसे पहला फायदा पाचन तंत्र पर होता है. यह भूख बढ़ाती है, गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी दिक्कतें दूर करती है. इसके चूर्ण की 1 से 3 ग्राम मात्रा गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन तुरंत सुधरता है. यह हल्की रेचक भी है, यानी मल को आसानी से बाहर निकालने में मदद करती है.

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जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से मिले राहत

जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में भी यह औषधि काम करती है. गठिया, गाउट या ऑस्टियो आर्थराइटिस जैसी बीमारियों में सूजन और दर्द को कम करती है. चोबचीनी वात दोष को संतुलित कर शरीर से विषाक्त पदार्थ निकाल देती है.

त्वचा रोगों के लिए रामबाण

त्वचा रोगों में इसका उपयोग बहुत प्रभावी है. एक्जिमा, सोरायसिस, खुजली या फोड़े-फुंसी जैसी समस्याओं में यह रक्त को शुद्ध करती है और संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं को नष्ट करती है.

दूध के साथ इसका सेवन करने से त्वचा चमकदार और स्वस्थ रहती है. इसके एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की कोशिकाओं को फ्री रैडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं.

यूरिन की बीमारी में मिले राहत

चोबचीनी मूत्र संबंधी रोगों और लीवर की कार्यप्रणाली को भी सुधारती है. यह मूत्र को साफ रखती है और संक्रमण में राहत देती है. इसके अलावा यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है. यह इंसुलिन के स्राव को बढ़ाती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है. मानसिक रोगों जैसे मिर्गी, अनिद्रा और तनाव में भी यह नर्व टॉनिक की तरह काम करती है.

यौन स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी

यौन स्वास्थ्य के लिए चोबचीनी को आयुर्वेद में वीर्यवर्धक कहा गया है. यह पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़ाती है और महिलाओं में हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है. नपुंसकता और यौन दुर्बलता में इसका सेवन बहुत लाभकारी होता है.

कैसे करें इसका सेवन

इसके कई पारंपरिक नुस्खे भी प्रसिद्ध हैं. अगर गठिया की शिकायत है तो दूध के साथ उबालकर पीने से फायदा मिल सकता है या अश्वगंधा के साथ शहद में भी ले सकते हैं. त्वचा रोगों में चोबचीनी और सरसपरिल्ला का काढ़ा बेहद असरदार होता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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