Chiropractic Treatments: हड्डियों और मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाती है काइरोप्रैक्टिक थेरेपी, जानें की जाती है

Chiropractic Treatment: ये शरीर के नर्वस सिस्टम और बोन्स में आई तकलीफ को ठीक करने वाला ही एक ट्रीटमेंट है. काइरोप्रैक्टिक ट्रीटमेंट देने वाले सिर्फ हाथों की मदद से पेशेंट की तकलीफ को जांचते हैं.

Chiropractic Treatments: हड्डियों और मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाती है काइरोप्रैक्टिक थेरेपी, जानें की जाती है

Chiropractic Treatment: ये शरीर के नर्वस सिस्टम और बोन्स में आई तकलीफ को ठीक करता है.

Chiropractic Treatments For Body Pain: हाथ, पैर, पीठ या सिर में दर्द हो तो अब भी अधिकांश लोगों की कोशिश होती है कि दर्द बिना दवा के ही ठीक हो जाए. ये ऐसे दर्द हैं जिसमें किसी दवा से ज्यादा केयरिंग असर करती है. मन बस यही होता है कि कोई हो जो पीठ दबा दे. हाथ की मसाज कर दे. काइरोप्रैक्टिक भी ऐसा ही एक ट्रीटमेंट है. जिसमें अधिकांशतः बिना किसी मशीन या दवा के दर्द को दूर किया जाता है. फर्क केवल ये है कि जो जानकार आपको ये ट्रीटमेंट दे रहा है उसकी एक अलग तकनीक होती है. जिससे ये अहसास भी होता है कि दर्द वाली जगह को दबाया जा रहा है. काइरोप्रैक्टिक आमतौर पर रीढ़ की हड्डी और जोड़ों के दर्द में राहत देने में काम आती है.

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क्या है काइरोप्रैक्टिक ट्रीटमेंट? | What Is Chiropractic Treatment?

ये शरीर के नर्वस सिस्टम और बोन्स में आई तकलीफ को ठीक करने वाला ही एक ट्रीटमेंट है. काइरोप्रैक्टिक ट्रीटमेंट देने वाले सिर्फ हाथों की मदद से पेशेंट की तकलीफ को जांचते हैं. वो किसी मशीन का उपयोग नहीं करते न ही दवा देते हैं. इस ट्रीटमेंट के एक्सपर्ट अपने हाथों से ही ये पता लगाते हैं कि किस हड्डी में क्या तकलीफ है. उसके बाद वो हाथों के प्रेशर से ही उन हड्डियों को सेट करते हैं. कई देशों में इसका खास कोर्स भी होने लगा है. तकरीबन आठ साल के कोर्स के बाद काइरोप्रैक्टर बन सकते हैं.

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कैसे होता है उपचार? | How Is The Treatment Done?

आप जब भी किसी क्राईरोप्रैक्टर के पास अपनी तकलीफ लेकर जाएंगे, तब वो अपने हाथों से आपकी रीढ़ की हड्डी की जांच करेगा. साथ ही जहां तकलीफ होगी उस जगह को भी टटोलेगा. ज्यादा गंभीर केसेस में काइरोप्रैक्टर एक्स रे का सहारा भी ले लेते हैं. आपकी तकलीफ समझ में आने के बाद काइरोप्रैक्टर ट्रीटमेंट का पूरा प्लान तैयार करता है. जांच के बाद पहले हाथों से दबा कर ट्रीटमेंट दिया जाता है. उसके बाद मरीजों को तकलीफ के अनुसार ठंडा या गर्म सेक करने के लिए कहा जाता है.

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साथ ही इलेक्ट्रिक स्टिमुलेशन और दूसरे तरीकों से उपचार दिया जाता है. साथ में मसाज के तरीके भी जारी रहते हैं. एक काइरोप्रैक्टर के पास ट्रीटमेंट के सौ से ज्यादा तरीके होते हैं, जिन्हें वो मरीज की स्थिति के अनुसार कॉम्बिनेशन में भी यूज कर सकता है और मरीज के दर्द को दूर करने की कोशिश कर सकता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.