
Difference between brain tumor and brain cancer: ब्रेन ट्यूमर या ब्रेन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का नाम सुनकर ही डर लगने लगता है. आपको बता दें कि ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन कैंसर में एक बड़ा फर्क यह होता है कि सभी ब्रेन कैंसर, ब्रेन ट्यूमर होते हैं, लेकिन सभी ब्रेन ट्यूमर कैंसरस हों ये जरूरी नहीं है. इन दोनों बीमारियों के बारे में और ज्यादा डिटेल में जानने के लिए NDTV ने बात कि डॉ अजय चौधरी (Ajay Chaudhary) से, चलिए जानते हैं, उन्होंने क्या जानकारी दी.
ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन कैंसर में अंतर ? (Difference between brain tumor and brain cancer)
डॉ अजय चौधरी ने कहा कि जब डायग्नोज में मरीज को ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है तो वो बहुत घबरा जाते हैं और कई बिल्कुल निराश ही हो जाते हैं. लेकिन इतना घबराने की जरूरत नहीं है. कई सारे ब्रेन ट्यूमर्स बेनाइन होते है यानी नॉन-कैंसरस (Non-cancerous) होते हैं और इनका इलाज भी है.
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उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर में दो बेसिक वैरायटी होती है. एक है मैलिग्नेंट ट्यूमर जो कैंसर युक्त होता है जिनकी संख्या कम होती है और दूसरा बेनाइन ट्यूमर जो क्यूरेबल और नॉन कैंसरस होते हैं. कहने का मतलब कि बेनाइन ट्यूमर का इलाज है, ये लंबे समय तक परेशान नहीं करता है. अगर शुरुआती स्टेज में इसका इलाज हुआ तो यह ठीक हो जाता है.
क्या बिनाइन ट्यूमर आगे चलकर कैंसरस हो सकता है? (Can a benign tumor become cancerous?)
डॉ अजय ने कहा, हां ये मुमकिन है. ब्रेन सेल्स को सपोर्ट करने के लिए जो ग्लायल सेल्स होते हैं उसमें जो ट्यूमर होते हैं उन्हें ग्लियोमास (Gliomas) कहते हैं और उसमें ग्रेडिंग होती है. ग्रेड वन वाले बेनाइन होते हैं और ग्रेड टू, थ्री फोर वाले ग्रेड के हिसाब से गंभीर होते चले जाते हैं. ग्रेड 4 वाले एकदम मैलिग्नेंट होते हैं, यानी कैंसरस होते हैं. ग्रेड वन ट्रीटेबल और क्यूरेबल होते है वहीं ग्रेड टू और ग्रेड थ्री बैलेंस होते है अगर सही समय पर इनका इलाज हुआ तो इसे ठीक किया जा सकता है.
प्राइमरी और सेकेंडरी ट्यूमर में अंतर-
डॉ अजय ने कहा कि प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर ब्रेन के अंदर ही शुरू होते हैं. ब्रेन सेल्स, मेनिन्जेस (ब्रेन को ढकने वाली झिल्ली), नर्व या ग्लैंड में होने वाले ट्यूमर प्राइमरी होते हैं. वहीं शरीर के किसी अन्य हिस्से से फैलकर ब्रेन में डेवलप होने वाला ट्यूमर सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर होता है. यह ट्यूमर अमूमन मैलिग्नेंट ही होता है. क्योंकि वो दूसरे जगह का कैंसर होता है जो फैल कर ब्रेन तक पहुंचता है. जिसमें सबसे कॉमन होता है, लंग का कैंसर. लंग का कैंसर सबसे ज्यादा ब्रेन में फैलता है. ज्यादातर सेकेंडरी या मेटास्टेसिस ट्यूमर ब्रेन में लंग, ब्रेस्ट,और प्रोस्टेट से आते हैं. किडनी के कैंसर भी ब्रेन तक पहुंच सकते हैं.
मरीज को किन बातों का रखना चाहिए ख्याल-
सबसे जरूरी है कि लोगों में इस बीमारी को लेकर अवेयरनेस हो ताकि उसके लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क किया जा सके. अर्ली डिटेक्शन से समय पर इलाज किया जा सकता है. अवेयरनेस की कमी की वजह से लोगों को जब तक इस गंभीर बीमारी के बारे में पता चलता है, तब तक ट्यूमर बहुत बड़ा हो चुका होता है और एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है.
ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण, कारण और इलाज | Brain Tumor In Hindi | Brain Tumor Ke Lakshan, Karan aur Ilaj
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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