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इस उम्र के बाद महिलाओं में आम होती जा रही हैं हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं, एक्सपर्ट

Bone And Joint Problems: खराब डाइट और धूम्रपान जैसे कारण हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं पैदा करते है. भारतीयों में खास तौर पर मोनोपॉज के बाद की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा ज्‍यादा होता है.

इस उम्र के बाद महिलाओं में आम होती जा रही हैं हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं,  एक्सपर्ट
Bone And Joint Problems: महिलाओं में हड्डियां कमजोर होने का खतरा ज्यादा.

Bone And Joint Problems In Hindi: आज के समय में हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं महिलाओं में आम होती जा रही है. ऐसे में एक्सपर्ट पुरुषों और महिलाओं में इसके अलग-अलग कारण और प्रभावों के बारे में बात करते है. उनका तर्क है कि स्थिति के अनुकूल उपचार को महत्व दिए जाने की आवश्यकता होती है. दरअसल पुरुषों में खेलों में अधिक भागीदारी, व्यावसायिक खतरे, खराब डाइट और धूम्रपान जैसे कारण हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं पैदा करते है. जबकि महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन, ऑटोइम्यून डिजीज और कैल्शियम और विटामिन डी का कम सेवन इसके पीछे का कारण है. इस कारण उपचार के दौरान स्थिति के अनुरूप ट्रीटमेंट देना जरूरी हो जाता है यानि सबकी बॉडी अलग होती है उसके मुताबिक ही उपचार किया जाना चाहिए.

रूबी हॉल क्लिनिक के ऑर्थोपैडिक डॉ. अप्रमेय जोशी ने आईएएनएस को बताया, पुरुष खेल से संबंधित चोटों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं, लेकिन महिलाओं को दीर्घकालिक परिणामों के साथ पुरानी दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. दोनों में ही हड्डियों और जोड़ों की सेहत अलग होती है तो समस्याएं भी अलग ही होती हैं. पुरुषों को गंभीर चोट लग सकती हैं, जबकि महिलाओं को अक्सर हार्मोनल बदलावों के कारण होने वाली पुरानी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इन असमानताओं को समझना प्रभावी उपचार विकल्पों को डिजाइन करने के लिए महत्वपूर्ण है जो प्रत्येक की जरूरतों के अनुरूप हैं. हड्डियों और जोड़ों की सेहत को समझ कर उपचार किया जाना चाहिए, इससे परिणाम बेहतर आते हैं.

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हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी विटामिन डी की कमी के कारण भारतीयों में खास तौर पर मोनोपॉज के बाद की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा ज्‍यादा होता है. गंभीर समस्याओं को रोकने के लिए कमजोरी या हड्डियों में दर्द के पहले लक्षण दिखने पर ही डॉक्टर से मदद लेना जरूरी है. जोड़ों की समस्याओं को रोकने के लिए विटामिन डी और विटामिन बी12 का सही लेवल सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है.

सीके बिड़ला अस्पताल के ऑर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. देबाशीष चंदा ने आईएएनएस को बताया, एक अनुमान के मुताबिक भारत के 70-90 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी होती है, ये हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. मोनोपॉज के बाद 50 वर्ष से अधिक आयु की 3 में से 1 महिला ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होती है. ज्‍यादातर महिलाएं मोनोपॉज के बाद ही ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्‍या का सामना करती है. ऐसे परिणामों को रोकने के लिए विटामिन डी (80 और 90 के बीच) और विटामिन बी12 का हाई  लेवल बनाए रखने की जरूरत है. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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