Amaltas Leaf Benefits: आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियों और पेड़ों का उल्लेख है जिन के सही तरीके से सेवन करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है. ऐसा ही एक पेड़ है अमलतास का पेड़. जिस पर लगने वाली फलियां उस की पहचान है. आयुर्वेद में इस पेड़ को भी बेहद गुणकारी माना गया है. आयुर्वेद के नजरिए से देखें तो इस पेड़ के पत्ते और फली दोनों कई तरह के रोगों से निजात दिलाते हैं. आयुर्वेद के ज्ञाता वैद्य राम अवतार ने इस पेड़ से जुड़े कई गुणों के बारे में एनडीटीवी से खास चर्चा की और अमलतास को सही तरीके से उपयोग करने के बारे में जानकारी दी.
अमलतास का औषधीय उपयोग (Health Benefits Of Amaltas)
1. थायराइड के लिए
आयुर्वेदाचार्य वैद्य राम अवतार के अनुसार अमलतास के दो से चार पत्ते, रोज सुबह शाम चबा चबा कर खाने चाहिए. अगर सुबह पत्तों का सेवन कर रहे हैं तो खाली पेट करना चाहिए. इस के बाद शाम को भी डिनर से पहले पत्तों का सेवन करें. लगातार पत्ते खाने से थायराइड की समस्या में काफी हद तक आराम मिलता है. वैद्या राम अवतार ने कहा कि पांच से छह महीने तक इस प्रक्रिया का पालन करने से थायराइड की शिकायत काफी हद तक कम हो सकती है.
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2. कब्ज और कफ के लिए
जिन्हें कब्ज की शिकायत है या फिर कफ बार बार परेशान करता है. ऐसे लोगों को अमलतास की फलियों का गुदा खाना चाहिए. गुदे को गुड़ के साथ मिलाकर उसका काढ़ा बनाएं और खा लें. ऐसा करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है और जिन्हें कफ होता है उन्हें भी आराम मिलता है.
कैसे करें अमलतास की पहचान?
अमलतास की पहचान करना बहुत आसान है. उस की वजह है अमलतास के पेड़ पर लगने वाले चमकीले पीले रंग के फूल. अमलतास का पेड, एक मीडियम साइज का पेड़ होता है. जो गार्डन या रोड साइड पर लगा हुआ देखा जा सकता है. चमकीले पीले फूलों की वजह से इसे अलग से पहचाना जा सकता है. इसकी फलियां लंबी और सिलेंड्रिकल होती हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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