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वे जितने चाहें सवाल पूछ लें... ED की पूछताछ के बाद रॉबर्ट वाड्रा बोले- छिपाने को कुछ नहीं

हरियाणा लैंड स्कैम मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर आरोप है कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की थी.

वे जितने चाहें सवाल पूछ लें... ED की पूछताछ के बाद रॉबर्ट वाड्रा बोले- छिपाने को कुछ नहीं
हरियाणा लैंड स्कैम केस में रॉबर्ड वाड्रा से ED की पूछताछ.
दिल्ली:

हरियाणा लैंड स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रॉबर्ट वाड्रा आज ईडी (Robert Vadra ED  Summoned) के सामने पेश हुए. पूछताछ के बाद उन्होंने कहा कि साल 2019 में 23,000 दस्तावेज जमा किए गए थे, जिस मामले के बारे में उनसे पूछ की जा रही है. वह 20 साल पुराना मामला है और राजनीति से प्रेरित है. जब कोई लेनदेन किया जाता है तो सभी नियमों और विनियमों का पालन किया जाता है. सत्तारूढ़ सरकार हमेशा एजेंसी का दुरुपयोग करती है. वे मुझसे जितने चाहें सवाल पूछ सकते हैं. मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है.

बता दें कि पिछली बार 8 अप्रैल को भी उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया गया था. हालांकि वह ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. आज सुबह ईडी ऑफिस पहुंचे वाड्रा ने कहा कि जब भी मैं लोगों की आवाज बुलंद करूंगा, ये लोग मुझे दबाएंगे और एजेंसियों का दुरुपयोग करेंगे...मैं हमेशा सभी सवालों के जवाब देता हूं और देता रहूंगा.  वाड्रा ने कहा कि जब भी वह लोगों के हित में या माइनोरिटीज के लिए या सरकार की नाकामियों पर बोलते हैं, या फिर वह जब भी राजनीति के बारे में सोच रहे होते है तब उनके खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाता है. इस मामले में कुछ भी नहीं है. पिछले 20 सालों में उनको 15 बार बुलाया गया और हर बार 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई. उन्होंने 23000 दस्तावेज जमा किए हैं.


ईडी की पूछताछ को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित बताते हुए वाड्रा ने कहा कि पहले भी ईडी उनसे घंटों पूछताछ कर चुकी है, हजारों पन्ने साझा किए हैं, लेकिन फिर भी एजेंसी उनके खिलाफ मामले उठा रही है. बता दें कि
मध्य दिल्ली के सुजान सिंह पार्क स्थित अपने आवास से वह एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय तक करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे.

यह मामला साल 2018 का है. यह केस तौरू के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर 1 सितंबर 2018 को  गुड़गांव के खेरकी दौला थाने में दर्ज किया गया था. 

किस मामले में रॉबर्ट वाड्रा को समन ?

  • वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने जमीन खरीदी थी
  • 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में जमीन खरीदी थी
  • करीब 3 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी
  • कुछ समय बाद हरियाणा के नगर नियोजन विभाग का नोटफिकेशन
  • इसी जमीन के 2.71 एकड़ हिस्से पर एक कॉलोनी बसाने का प्लान
  • वाड्रा की स्काईलाइट कंपनी ने DLF के साथ समझौता किया
  • 3 एकड़ जमीन 58 करोड़ रुपये में DLF को बेचने का समझौता
  • जमीन का सेल डीड DLF के पक्ष में रजिस्टर किया गया था
  • जमीन के सौदे में वाड्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

रॉबर्ट वाड्रा पर क्या है आरोप?

हरियाणा लैंड स्कैम मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर आरोप है कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर उनके साथ धोखाधड़ी की थी. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है.इस मामले में IPC की धारा 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में IPC की धारा 423 के तहत नए आरोप जोड़े गए थे.

क्या है जमीन सौदे से जुड़ा विवाद?

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी. कंपनी ने कमर्शियल लाइसेंस पाने के बाद उसी प्रॉपर्टी को रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया था. ये भी आरोप लगाया गया था कि हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने बदले में DLF को गुड़गांव के वजीराबाद में 350 एकड़ जमीन आवंटित की थी. प्रवर्तन निदेशालय इसी मामले में वाड्रा की कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है. इसीलिए रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर से पूछताछ के लिए तलब किया गया. 

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