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गुरुग्राम में बावरिया गिरोह का सरगना समेत पांच सदस्य गिरफ्तार, जानें कैसे करते थे चोरी

Bavariya gang leader arrested : बावरिया गिरोह कई राज्यों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. ये रेकी करने के बाद ही चोरी करते थे. जानिए, क्या था इनका तरीका...

गुरुग्राम में बावरिया गिरोह का सरगना समेत पांच सदस्य गिरफ्तार, जानें कैसे करते थे चोरी
गुरुग्राम पुलिस ने बताया कि ये गिरोह कई राज्यों में चोरी कर चुका है.

गुरुग्राम पुलिस की अपराध शाखा ने कुख्यात बावरिया जनजाति के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बावरिया एक आदिवासी समुदाय है, जो डकैती और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है. पुलिस ने बताया कि 12 जून को एक शिकायत मिली थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि डीएलएफ फेज-3 स्थित उसके घर में चोरी हुई है, जिसमें जेवरात व अन्य सामान गायब हैं.

विनोद है सरगना

शिकायत के आधार पर पुलिस ने गिरोह के चार सदस्य विनोद (31), बाबूलाल उर्फ ​​सोनू (23), बंटी (43) और मंगल (23) को 9 अगस्त को लेजर वैली ग्राउंड सेक्टर-29 से गिरफ्तार किया, जबकि उनके साथी पन्नालाल (51) की सोमवार को राजस्थान से गिरफ्तार हुई. पूछताछ के दौरान अपराधियों ने खुलासा किया कि विनोद उर्फ ​​बागरिया इस गिरोह का सरगना है. चोरी करने से पहले गिरोह किसी शहर, कस्बे या कॉलोनी की पहचान करता था.

कैसे करते हैं चोरी

डीएलएफ फेज-4 क्राइम ब्रांच के इंचार्ज संदीप कुमार ने बताया, ''ये शहर कस्बे या कॉलोनी के पास खाली जगह पर झुग्गी बनाकर रहते थे और खाना बनाने के लिए अपने साथ एक महिला को रखते थे, ताकि झुग्गी को देखने पर ऐसा लगे कि झुग्गी में कोई परिवार रहता है. आरोपी दिन में खाना मांगने के बहाने इलाके में घूमते रहते थे और घरों की रेकी करते थे.'' उन्होंने कहा, ''ये बंद घरों को निशाना बनाते थे और दिन के समय उन घरों में घुस जाते थे. जबकि इनके दो साथी घर के बाहर रहकर निगरानी करते थे. चोरी करने के बाद एक व्यक्ति चोरी का माल राजस्थान जाकर आरोपी पन्नालाल (सुनार) को दे देता था. फिर वे उस स्थान को छोड़कर किसी अन्य स्थान की पहचान कर वहां अपना डेरा जमा लेते थे.''

कई राज्यों में की चोरी

संदीप कुमार ने बताया कि गिरोह शहर बदलता रहता था और एक स्थान पर 15 से 20 दिन तक ही रुकता था. आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने गुरुग्राम के विभिन्न थाना क्षेत्रों में चोरी की आठ वारदात और दिल्ली में चोरी की दो अन्य वारदात की हैं. आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड देखने से पता चला कि आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि में चोरी और सेंधमारी के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. वे पहले भी जेल जा चुके हैं और आदतन अपराधी हैं.

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