फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने अदालत में आरोप मुक्त करने की याचिका लगाई है. हार्दिक के खिलाफ पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अपने साथी कार्यकर्ताओं को अहमदाबाद-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने का निर्देश देने का मामला दर्ज किया गया था. सूरत जिले के काठोर में न्यायिक मेजिस्ट्रेट ए सी मालेक ने याचिका को स्वीकार कर ली और मामले की सुनवाई की तारीख 19 सितंबर तय कर दी. हार्दिक ने अपने आवेदन में कहा कि घटना के वक्त वह राजकोट पुलिस की हिरासत में थे इसलिए उन्हें इस मामले से आरोप मुक्त किया जाना चाहिए.
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क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि 2015 में गुजरात में पटेलों के आरक्षण को लेकर हार्दिक पटेल ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया था. सूरत में एक रैली के बाद हुई हिंसा के बाद पूरे राज्य में पाटीदारों का आंदोलन का भड़क गया. इसी आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सीएम की कुर्सी के हटा दिया गया था और विजय रुपानी को राज्य की कमान सौंप दी गई थी.
Video : पाटीदार आंदोलन फिर से गरमाया
इनपुट: भाषा
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आपको बता दें कि 2015 में गुजरात में पटेलों के आरक्षण को लेकर हार्दिक पटेल ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया था. सूरत में एक रैली के बाद हुई हिंसा के बाद पूरे राज्य में पाटीदारों का आंदोलन का भड़क गया. इसी आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सीएम की कुर्सी के हटा दिया गया था और विजय रुपानी को राज्य की कमान सौंप दी गई थी.
Video : पाटीदार आंदोलन फिर से गरमाया
इनपुट: भाषा
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