विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Nov 10, 2016

बदलते मौसम में हो रही हो एलर्जी, तो इन बातों पर दें ध्यान

बदलते मौसम में हो रही हो एलर्जी, तो इन बातों पर दें ध्यान
नई दिल्ली: हम सभी जानते हैं कि बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां और एलर्जी लेकर आता है। इसके साथ लोगों को जुख़ाम, बुख़ार, आंखों में जलन और छाती जमना आम बात हो जाती है। यह एलर्जी बहुत परेशान करने वाली होती है। अगर तुरंत इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप भी ले सकती है। ऐसे में बचाव के लिए सतर्कता ज़रूरी है। एलर्जी शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के धूलकणों, परागकणों और जानवरों के रेशों के प्रति प्रतिक्रिया की वज़ह से होती है। इन कणों के प्रतिरोध की वज़ह से शरीर में हेस्टामाइन निकलता है, जो तेजी से फैल कर एलर्जी के जलन वाले लक्षण पैदा करता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मनोनीत अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा कि “एलर्जी के लक्षणों में जुख़ाम, आंखों में जलन, गला खराब होना, बहती या बंद नाक, कमजोरी और बुखार प्रमुख हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह हल्की एलर्जी साइनस संक्रमण, लिम्फ नोड संक्रमण और अस्थमा जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है”। इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपको किस चीज से एलर्जी है। तभी आप एलर्जी से बच सकते हैं और इसके होने पर इलाज करा सकते हैं।

डॉक्टर का कहना है कि एलर्जी की पहचान करने के लिए कई किस्म के टेस्ट किए जाते हैं। एलर्जी स्किन टेस्टिंग जांच का सबसे ज्यादा संवेदनशील तरीका है, जिसके परिणाम भी तुरंत आते हैं। जब स्किन टेस्ट से सही परिणाम न मिलें, तब सेरम स्पैस्फिक एलजीई एंटी बॉडी टेस्टिंग जैसे ब्लड टेस्ट भी किए जा सकते हैं। एलर्जी का सबसे बेहतर इलाज यही है कि जितना हो सके एलर्जी वाली चीजों से बचें। मौसमी एलर्जी बच्चों से लेकर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, लेकिन छह से आठ साल के बच्चों को इससे प्रभावित होने की ज्यादा संभावना होती है।

ऐसे करें बचाव
एलर्जी से बचने के लिए लोग अपने खाने में फ्लैक्सीड के सेवन कर सकते हैं। इससे उन्हें पर्यापत मात्रा में प्राकृतिक फैटी एसिड मिलेगा। रेशा बनाने वाले पदार्थ जैसे कि दूध, दही, प्रोसेस्ड गेहूं और चीनी से परहेज करें। अदरक, लहसुन, शहद और तुलसी एलर्जी से बचाव करते हैं। अगर आपको धूलकणों या धागे के रेशों से एलर्जी है, तो हाइपो एलर्जिक बिस्तर खरीदें। आसपास का माहौल धूल और प्रदूषण मुक्त रखें। सीलन भरे कोनों में फफूंद और परागकणों को साफ करें। बंद नाक और साइनस से आराम के लिए स्टीम इनहेलर का प्रयोग करें।



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
कोका-कोला भारत में लॉन्च करने वाली है स्मार्टफोन-Details Inside
बदलते मौसम में हो रही हो एलर्जी, तो इन बातों पर दें ध्यान
Meal With A View: Sayani Gupta Shared A Wonderful Meal With View, See Pics Here
Next Article
Meal With A View: सयानी गुप्ता ने शेयर किया शानदार मील विद व्यू, यहां देखें तस्वीरें
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;