विज्ञापन
This Article is From Dec 02, 2022

क्या पीने से पहले दूध को उबालना है जरूरी? यहां जानें

भारतीय माओं को पैकेज्ड दूध को उबालने की लंबे समय से आदत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्म करने से सभी कीटाणु मर गए हैं और इस लंब समय तक स्टोर किया जा सकें.

क्या पीने से पहले दूध को उबालना है जरूरी? यहां जानें
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भारतीय माओं को पैकेज्ड दूध को उबालने की लंबे समय से आदत है.
कच्चे और पैकेज्ड दोनों तरह के दूध को उबालना एक सामान्य प्रवृत्ति है.
दूध को बार-बार उबालने से कोई नुकसान नहीं होता.

भारतीय माओं को पैकेज्ड दूध को उबालने की लंबे समय से आदत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्म करने से सभी कीटाणु मर गए हैं और इस लंब समय तक स्टोर किया जा सकें. ज्यादातर भारतीय घरों में गुणवत्ता और कीमत को देखते हुए कच्चे दूध के बजाय पैकेज्ड दूध पीते हैं. हम सभी जानते हैं कि कच्चे दूध को उबालने से स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं. कच्चे और पैकेज्ड दोनों तरह के दूध को उबालना एक सामान्य प्रवृत्ति है, हालांकि, यह समझना जरूरी है कि किसी भी संभावित बैक्टीरिया को हटाने के लिए सिर्फ कच्चे दूध को उबालने की जरूरत होती है और पैकेज्ड दूध को नहीं क्योंकि यह पहले से ही पाश्चराइजड होता है. यह जानने के लिए पढ़ें कि क्या हमें वास्तव में दूध को पीने से पहले उबालना चाहिए या उसे ऐसे ही छोड़ देना चाहिए.

यहां जानें शकरकंदी के फायदे और डाइट में शामिल करने के तरीके

पाश्चराइजड और कच्चा दूध: कहानी क्या है?

पैकेज्ड दूध की उपलब्धता से पहले, भारतीय डेयरी फार्मों से सीधे दूध खरीदते थे. इसलिए, उन्होंने किसी भी रोगजनकों को हटाने के लिए पाश्चराइजेशन (सरल शब्दों में उबालना) की प्रक्रिया का पालन किया, जो रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव हैं. रूडोल्फ एम. बैलेनटाइन की पुस्तक डाइट एंड न्यूट्रिशन: ए होलिस्टिक अप्रोच के अनुसार, दूध को संरक्षित करने की जरूरत के कारण दूध को पाश्चराइजड किया गया है. जिस तापमान पर दूध को पाश्चराइजड किया जा रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए, यह मौजूद सभी सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने में विफल हो सकता है और इसे पचाना मुश्किल हो सकता है. दूध को उबालने से इसके पोषण संबंधी लाभों को आवश्यक रूप से नष्ट किए बिना यह कीटाणुरहित हो जाता है. ताजा कच्चा दूध, जिसे उबाल कर लाया गया है, का स्वाद अक्सर साधारण पाश्चराइजड, समरूप पैकेज्ड दूध की तुलना में ज्यादा आकर्षक पाया जाता है.

knvnl9lo

हमारी एक्स्पर्ट न्यूट्रीनिस्ट डॉ. शालिनी मंगलानी कहती हैं, “पैकेज्ड दूध उबालना बिल्कुल ठीक है, भले ही आप आदतन ऐसा कर रहे हों. कुछ लोग दूध की सतह पर बनी क्रीमी लेयर को हटाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग इसे गर्म ही पीना पसंद करते हैं. दूध को बार-बार उबालने से कोई नुकसान नहीं होता, यह अपना पोषण मूल्य नहीं खोएगा.

kdrotgb

पीने से पहले दूध उबालना ठीक है!

कॉर्नेल विश्वविद्यालय में खाद्य विज्ञान विभाग के अनुसार, पाश्चराइजड या उबला हुआ दूध कच्चे दूध की तुलना में ज्यादा समय तक चलता है, इस मिथक के विपरीत कि दूध को उबालने से इसमें लैक्टोज की मात्रा कम नहीं होगी. कच्चे दूध में ई. कोलाई, साल्मोनेला और अन्य हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं. कच्चे दूध में बैक्टीरिया कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों, प्रेग्लेंट महिलाओं, बच्चों और बड़े बुर्जुगों के लिए खतरनाक होते हैं. ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के मुताबिक, आधुनिक पाश्चराइजड के तरीके थोड़े समय के लिए दूध को उबलने के बिंदु के करीब गर्म करते हैं, फिर स्वाद के विघटन को कम करने के लिए इसे तेजी से ठंडा करते हैं. इसलिए, आप अपने पोषक तत्वों को खोने की चिंता किए बिना पीने से पहले पैकेज्ड दूध को आसानी से उबाल सकते हैं और इसे ठंडे स्थान पर लंबे समय के लिए स्टोर कर सकते हैं. जबकि डेयरी फार्मों से बैक्टीरिया को दूर करने के लिए कच्चे दूध को उबाला जाना चाहिए, यह ठीक है अगर आप पैकेज्ड दूध को उबालते नहीं हैं क्योंकि यह पहले से ही पाश्चराइजड की प्रक्रिया से गुजर चुका है, जब तक आप नहीं चाहते कि यह गर्म या गुनगुना हो.

इन 6 टिप्स के साथ घर पर बनाएं परफेक्ट मूंग दाल का हलवा
 

डिस्केलेमर: सलाह सहित यह सामग्री सिर्फ सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com