
न्यूयॉर्क:
कई बार ऐसा होता है कि हमे रात में दोपहर में नींद नहीं आ पाती है, जिसकी वज़ह से अगला पूरा दिन हमारा सुस्ती में निकलता है। हम थके हुए रहते हैं। कोई भी काम मन लगाकर ढंग से नहीं कर पाते हैं। जो महिलाएं कम सोती हैं या अपनी नींद पूरी नहीं कर पाती, वे अपना तुंरत इलाज कराएं। एक नए शोध से पता चला है कि नींद न पूरी हो पाने या समय पर नींद न आने से परेशान महिलाओं को टाइप-2 डायबिटीज़ होने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
अमेरिका के हावर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता यानपिग ली के अनुसार “नींद की परेशानी महत्वपूर्ण रूप से टाइप-2 डायबिटीज़ से जुड़ी है। इसे उन्होंने महिलाओं के उच्च रक्तचाप, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और डिप्रेशन से संबंधित लक्षणों द्वारा समझाया है। इसके अलावा जब इन सभी चीज़ों के साथ स्लीप डिसॉर्डर (नींद न आने की परेशानी) जुड़ जाती है, तो यह संबंध अधिक शक्तिशाली हो जाता है। इसकी वज़ह से महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज़ होने का ख़तरा अधिक हो जाता है”।
इस शोध के दौरान साल 2000 से लेकर 2011 तक हुए दो अलग-अलग अध्ययनों में शामिल करीब 1,33,353 महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इन महिलाओं में डायबिटीज़, दिल की बीमारियां और कैंसर जैसी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं देखी गई थी। लेकिन अध्ययन पूरा होने के बाद करीब 6,047 महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज़ का विकास देखा गया।
शोधकर्ताओं के मुताबिक रिज़ल्ट ये कहता है कि अगर महिलाएं पर्याप्त नींद लें, तो टाइप-2 डायबिटीज़ को होने से रोक सकती हैं।
यह रिपोर्ट शोध पत्रिका ‘डायबेटोलॉजिया’ में प्रकाशित हुई है।
अमेरिका के हावर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता यानपिग ली के अनुसार “नींद की परेशानी महत्वपूर्ण रूप से टाइप-2 डायबिटीज़ से जुड़ी है। इसे उन्होंने महिलाओं के उच्च रक्तचाप, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और डिप्रेशन से संबंधित लक्षणों द्वारा समझाया है। इसके अलावा जब इन सभी चीज़ों के साथ स्लीप डिसॉर्डर (नींद न आने की परेशानी) जुड़ जाती है, तो यह संबंध अधिक शक्तिशाली हो जाता है। इसकी वज़ह से महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज़ होने का ख़तरा अधिक हो जाता है”।
इस शोध के दौरान साल 2000 से लेकर 2011 तक हुए दो अलग-अलग अध्ययनों में शामिल करीब 1,33,353 महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इन महिलाओं में डायबिटीज़, दिल की बीमारियां और कैंसर जैसी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं देखी गई थी। लेकिन अध्ययन पूरा होने के बाद करीब 6,047 महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज़ का विकास देखा गया।
शोधकर्ताओं के मुताबिक रिज़ल्ट ये कहता है कि अगर महिलाएं पर्याप्त नींद लें, तो टाइप-2 डायबिटीज़ को होने से रोक सकती हैं।
यह रिपोर्ट शोध पत्रिका ‘डायबेटोलॉजिया’ में प्रकाशित हुई है।
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Lack Of Sleep, Type-2 Diabetes, Sleep Problems, नींद न आने की समस्या, टाइप-2 डायबिटीज़, कम नींद आने की परेशानियां