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भारत की पहली हॉरर मूवी 76 साल पहले हुई थी रिलीज, गाना सुन उड़ जाते थे लोगों के होश, कमाई के तोड़ डाले थे सारे रिकॉर्ड

भारत की पहली हॉरर फिल्म 76 साल पहले रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने आने वाले समय में हॉरर फिल्मों की शुरुआत की. लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई रिकॉर्ड बना डाले.

भारत की पहली हॉरर मूवी 76 साल पहले हुई थी रिलीज, गाना सुन उड़ जाते थे लोगों के होश, कमाई के तोड़ डाले थे सारे रिकॉर्ड
ये है भारत की पहली हॉरर मूवी, 76 साल पहले हुई थी रिलीज
नई दिल्ली:

सिनेमा की दुनिया में हॉरर का अपना ही एक रसूख है. हॉरर फिल्में डराती भी हैं और ये खूब पसंद भी की जाती हैं. लेकिन आप भारत की पहली हॉरर फिल्म का नाम जानते हैं? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं. भारत में हॉरर फिल्मों की शुरुआत 1949 में रिलीज हुई 'महल' फिल्म से मानी जाती है. कमल अमरोही निर्देशित यह फिल्म ना सिर्फ अपने समय की सुपरहिट फिल्म थी, बल्कि इसने भारतीय दर्शकों को रहस्य और भूत-प्रेत की कहानियों से रूबरू भी कराया था. 'महल' को बॉम्बे टॉकीज ने प्रोड्यूस किया था, और यह अपने समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी.

भारत की पहली हॉरर फिल्म का बजट 

'महल' का निर्माण उस समय के हिसाब से बड़े पैमाने पर किया गया था. बताया जाता है कि उस समय फिल्म पर लगभग 12 लाख रुपये (आज के हिसाब से 12-14 करोड़ रुपये) का खर्च आया था. जो 1940 के दशक के लिए एक बड़ी रकम थी. फिल्म का भव्य सेट, शानदार सिनेमैटोग्राफी और मधुबाला जैसे बड़े सितारों की मौजूदगी ने इसे एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बनाया. कमल अमरोही ने कहानी को रहस्यमय और मनोवैज्ञानिक थ्रिलर के रूप में प्रस्तुत किया, ये जॉनर उस समय भारतीय सिनेमा में नया था.

भारत की पहली हॉरर फिल्म फुल मूवी

भारत की पहली हॉरर फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 

'महल' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया। फिल्म ने भारत में लगभग 25 लाख रुपये (आज के हिसाब से 200 करोड़ रुपये) की कमाई की, जो उस समय के लिए एक रिकॉर्ड था. दर्शकों ने मधुबाला और अशोक कुमार की जोड़ी को खूब सराहा, और फिल्म के गाने, जैसे आएगा आनेवाला, आज भी क्लासिक माने जाते हैं. इसकी सफलता ने हॉरर और सस्पेंस को भारतीय सिनेमा में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई.

भारत की पहली हॉरर फिल्म की कास्ट और स्टोरी

‘महल' में अशोक कुमार और मधुबाला लीड रोल में थे. अशोक कुमार ने एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया जो एक रहस्यमय हवेली में जाता है, जहां उसे एक साये (मधुबाला) से प्यार हो जाता है. मधुबाला की खूबसूरती और अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कहानी में प्रेम, पुनर्जनम और रहस्य का मिश्रण था, जिसने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा. 'महल' ने भारतीय हॉरर सिनेमा की नींव रखी और बाद की फिल्मों जैसे ‘बीस साल बाद' और ‘रात' के लिए प्रेरणा बनी. आज भी यह फिल्म सिनेमा प्रेमियों के बीच एक क्लासिक मानी जाती है.

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