Vrat me Kuttu ata Khana Chaiye Ya Nahi: जब भी हम लोग व्रत रखते हैं तो खाने में फलाहार खानों को शामिल करते हैं. जिसमें कुट्टू के आटे से बनी चीजों का सेवन लोग खूब करते हैं. इससे बनी पूरी हो या फिर पकौड़ी सभी खाने में बेहद स्वादिष्ट लगती हैं. बता दें कि इसे अलग-अलग जगहों पर अलग नामों से जाना जाता है. लेकिन इसको लेकर के एक चीज को लोगों के मन में कंफ्यूजन पैदा करती है वो ये है कि आखिर कुट्टू के आटे को व्रत में खाना भी चाहिए या नहीं.
कई लोग कुट्टू के आटे के अनाज मानते हैं और इसे व्रत में खाने से परहेज करते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि ये अनाज की श्रेणी में आता है. अगर आप भी उन लोगों में एक हैं जो इस आटे को लेकर संशय में पड़ जाते हैं तो आज हम आपका ये कंफ्यूजन आज दूर कर देंगे. बता दें कि कुट्टू का आटा फल की श्रेणी में आता है. कुट्टू या बक वट की खेती लगभग पांच या 6000 साल पहले दक्षिण पूर्व एशिया में शुरू हुई थी.
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बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड में कम से कम 5300 ईसा पूर्व में भी इसका जिक्र हुआ है. कुट्टू का पौधा 2 से 4 फीट लंबा होता है. इसकी पत्तियां तिकोनी होती हैं और हरी रंग की होती हैं. कुट्टू के पौधे में पहले सफेद रंग के छोटे छोटे फूल आते हैं. फिर यह फूल गुच्छे के आकार में फल में बदल जाते हैं. इन फलों को सुखाने के बाद भूरे रंग के छोटे-छोटे चने जैसे आकार के बीज निकलते हैं और इन्हीं को पीसकर कुट्टू का आटा तैयार किया जाता है. तो इस बात से जाहिर है कि इस आटे का इस्तेमाल व्रत में भी किया जा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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